Fact Check: सीएम केजरीवाल से जुड़ा चार साल पुराना वीडियो हालिया चुनाव से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच में दावे को भ्रामक पाया। वायरल हो रहा वीडियो वर्ष 2018 की घटना से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है। इसका हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। विधानसभा चुनाव 2022 के दरमियान सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से जुड़ा एक 47 सेकंड का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो एक हिंदी न्यूज चैनल के बुलेटिन का हिस्सा है, जिसके साथ यह दावा किया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल के भांजे को एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को हालिया बता रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच में दावे को भ्रामक पाया। वायरल हो रहा वीडियो वर्ष 2018 की घटना से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है। इसका हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर “Rohit Sharma” ने  भठिंडे की राजनीति में इस वीडियो को शेयर किया है। 8 फरवरी को शेयर किये गए वीडियो के साथ लिखा है :

“ਚੰਨੀ ਤੋ ਬਾਅਦ ਕੇਜਰੀਵਾਲ ਦਾ ਭਾਣਜਾ ਵੀ ਗ੍ਰਿਫਤਾਰ ਦੋ ਮੁੱਖਮੰਤਰੀ

ਦੋਨੋ ਆਮ ਆਦਮੀ ਦਾ ਡਰਾਮਾ ਕਰਦੇ
ਦੋਹਾਂ ਦੇ ਭਾਣਜੇ ਗ੍ਰਿਫਤਾਰ
ਦੋਹਾਂ ਭਾਣਜਿਆਂ ਨੇ 10 ਕਰੋੜ ਦਾ ਘਪਲਾ ਕੀਤਾ”

हिंदी अनुवाद : ” चन्नी के बाद केजरीवाल का भांजा भी गिरफ्तार 

दो मुख्यमंत्री दोनों आम आदमी का ड्रामा करते

दोनों के भांजे गिरफ्तार

दोनों भांजों ने 10 करोड़ का घपला किया”

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आर्काइव्‍ड वर्जन को यहां देखें। कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले InVID टूल का इस्‍तेमाल किया। वायरल वीडियो के कई ग्रैब्‍स इसके माध्‍यम से निकाले। इसके बाद इनकी मदद से गूगल रिवर्स सर्च टूल का इस्‍तेमाल करते हुए ओरिजनल सोर्स तक पहुंचने की कोशिश की गई। सर्च में हमें एबीपी न्यूज चैनल के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर 10 मई 2018 को अपलोड किया हुआ वीडियो बुलेटिन मिला। वीडियो के साथ टाइटल लिखा गया था : PWD घोटाले में दिल्ली के CM Kejriwal का रिश्तेदार गिरफ्तार | ABP News Hindi ” वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘10 करोड़ के PWD घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल के रिश्तेदार को गिरफ्तार किया गया है। केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल का बेटा है विनय बंसल । आरोप यह है कि केजरीवाल के साढ़ू की कम्पनी ने रोड और सीवर के ठेकों में अनियमितता की है और फर्जी बिल लगाकर सरकार को 10 करोड़ का चूना लगाया है।” पूरी वीडियो यहाँ देखें।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिये सर्च किया, इस दौरान हमें दैनिक जागरण पर वायरल दावे से जुडी 10 मई 2018 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में हुए घोटाले में दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल के बेटे विनय कुमार बंसल को गिरफ्तार किया है। बाहरी दिल्ली व अन्य इलाके में सड़कों व नालों के निर्माण कार्य में करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप में एसीबी ने गत वर्ष मई में अलग-अलग तीन एफआईआर दर्ज की थी। इनमें एक एफआईआर में सुरेंद्र कुमार बंसल व उनके बेटे विनय कुमार बंसल समेत अन्य को आरोपित बनाया गया था।’ कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी इस घटना का जिक्र है।  

अब तक की पड़ताल से यह स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि चार साल पुरानी घटना से संबंधित है। अधिक जानकारी के लिए हमने दिल्ली दैनिक जागरण के प्रमुख संवादादात वीके शुक्ला से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह घटना हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि 4 साल पुराना है। इसका हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इसे गलत संदर्भ में शेयर कर रहे हैं।

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले पेज को फेसबुक पर करीब 14.1 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

बता दें प्रवर्तन निदेशालय ने 18 जनवरी को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर हनी और उनके साथियों के मोहाली और लुधियाना में ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी को भूपिंदर के ठिकाने से 7.9 करोड़, भूपिंदर के साथी संदीप के ठिकाने से 2 करोड़, 21 लाख कीमत के सोने के गहने तथा 12 लाख की रोलेक्स घड़ी बरामद की थी। इसके तहत ईडी ने अवैध बालू खनन के मामले में मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के भांजे भूपिंदर हनी को गिरफ्तार किया है। मामले में भूपिंदर सिंह हनी को 8 फरवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच में दावे को भ्रामक पाया। वायरल हो रहा वीडियो वर्ष 2018 की घटना से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है। इसका हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

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