लॉक डाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में भूख की वजह से एक परिवार के आत्महत्या किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट गलत है। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक संबंधित घटना फरवरी महीने की है, जब एक महिला ने शराबी पति की मारपीट की वजह से तंग आकर अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली थी।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के बीच भूख की वजह से एक परिवार ने आत्महत्या कर ली। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। फतेहपुर जिले में जहर खाकर आत्महत्या किए जाने की पुरानी घटना को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘Amethi Rae Bareli ki Kahani’ ने 7 अप्रैल 2020 को एक ग्राफिक्स को शेयर (आर्काइव लिंक) किया हुआ है, जिसमें लिखा हुआ है, ‘भूख…4 बच्चों के साथ मां की आत्महत्या। थू है ऐसी व्यवस्था पे। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिला में।’
पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 700 लोग शेयर कर चुके हैं।
वायरल ग्राफिक्स में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले का जिक्र किया गया है और इन्हीं की-वर्ड के साथ सर्च करने पर हमें न्यूज एजेंसी भाषा की खबर मिली। एक फरवरी 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में फतेहपुर शहर के शांतिनगर मुहल्ले में बंद पड़े एक मकान से पुलिस ने शनिवार को एक ही परिवार के पांच सदस्यों का शव बरामद किया।
नगर पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) कपिल देव मिश्रा ने बताया कि शांतिनगर मुहल्ला के लोगों ने मकान के कई दिन से बंद पड़े होने और उसमें से बदबू आने की शिकायत की थी, इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मकान का दरवाजा तोड़ा। अंदर से परिवार की पांच सदस्यों श्यामा (40), उसकी बेटियों पिंकी (21), प्रियंका (14), वर्षा (13) और ननकी (10) के शव मिले।
रिपोर्ट में पुलिस अधिकारी कपिल देव मिश्रा के हवाले से कहा गया है, ‘रामभरोसा नामक व्यक्ति एक ढाबे में काम करता था और वह नशे का आदी था। चार दिन पूर्व रामभरोसा ने अपनी पत्नी श्यामा और बच्चियों को बुरी तरह पीटा था, जिन्हें पड़ोसियों ने बचाया था। इसके बाद से रामभरोसा घर से लापता हो गया।’
सर्च में हमें न्यूज एजेंसी ANI के हवाले से इंडिया टीवी के यू-ट्यूब चैनल पर 1 फरवरी 2020 को ही अपलोड किया गया वीडियो बुलेटिन मिला, जिसमें इस घटना का विवरण दिया गया है।
वीडियो में पुलिस अधिकारी का बयान भी है। पुलिस के मुताबिक, ‘मौके पर सल्फास की गोली मिली है। मुहल्ले वालों ने बताया है कि अक्सर पति शराब पीकर पत्नी से झगड़ा किया करता था।’
विश्वास न्यूज ने इस घटना को लेकर फतेहपुर (कोतवाली सदर) के स्टेशन हाउस ऑफिसर रविंद्र श्रीवास्तव से बात की। उन्होंने कहा कि भूख की वजह से आत्महत्या किए जाने का दावा गलत है। श्रीवास्तव ने बताया, ‘यह फरवरी महीने की घटना है। परिवार का मुखिया शराबी था और वह अक्सर पैसों की मांग को लेकर पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट करता था। पत्नी और बच्चों के जहर खाने के कुछ दिन पहले भी उसने सभी के साथ बुरी तरह मारपीट की थी।’
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में 01 फरवरी 2020 को छपी रिपोर्ट में भी इस घटना का जिक्र है। रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से लिखा गया है, ‘स्थानीय लोगों का कहना है कि घर का मुखिया राम भरोसा नशे का आदी था और चार दिन पहले उसने पत्नी और बच्चों को बुरी तरह पीटा था। इसके बाद वह गायब हो गया। इस घटना के बाद से उनके घर का दरवाजा बंद था।’
चूंकि सभी रिपोर्ट में सीओ (सर्किल ऑफिसर) कपिल देव मिश्रा के बयान का जिक्र है, इसलिए हमने उनसे संपर्क किया। क्या वायरल हो रही तस्वीर उसी घटना की है। इसके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हां, तस्वीरें उसी घटना की है।’ मिश्रा ने बताया, ‘आत्महत्या के कारण को लेकर जो दावा किया गया है, उसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।’
वायरल पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक पेज को करीब 13 लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को करीब 11 लाख लोगों से अधिक लोगों ने लाइक किया हुआ है। पेज पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यहां अमेठी और रायबरेली की अतीत और समसामयिक घटनाओं की रिपोर्ट को साझा किया जाता है।
निष्कर्ष: लॉक डाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में भूख की वजह से एक परिवार के आत्महत्या किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट गलत है। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक संबंधित घटना फरवरी महीने की है, जब एक महिला ने शराबी पति की मारपीट की वजह से तंग आकर अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली थी।
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