विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि दिल्ली के किसान आंदोलन के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी है। दरअसल मार्च 2018 में ठाणे की एक रैली की तस्वीर को कुछ लोग वर्तमान आंदोलन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही ही है। इसमें सड़क के एक ओर हजारों की तादाद में लोगों को बैठा हुआ देखा जा सकता है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि तस्वीर दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन की है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमें पता चला कि महाराष्ट्र की एक पुरानी तस्वीर को कुछ लोग दिल्ली का बताकर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
फेसबुक यूजर Irfan Uddin ने कन्हैया कुमार नाम के एक ग्रुप में एक तस्वीर को पोस्ट करते हुए इसे दिल्ली का बताते हुए लिखा : ‘आज की ऎतिहासिक तस्वीर’
तस्वीर को सच मानकर दूसरे कई यूजर्स इसे सोशल मीडिया में वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने दिल्ली के नाम से वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। सर्च के दौरान हमें ओरिजनल तस्वीर मुंबई लाइव नाम के एक ट्विटर हैंडल पर मिली। इसे 10 मार्च 2018 को अपलोड किया था। तस्वीर को लेकर बताया गया कि किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ करीब 25 हजार के आसपास किसान ठाणे के ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर जुटे थे। ओरिजनल तस्वीर यहां देखी जा सकती है।
पड़ताल के अगले चरण में हमने गूगल सर्च की मदद ली। कई कीवर्ड से सर्च करने पर हमें कुछ खबरें मिलीं, जिससे पता चला कि नासिक से मुंबई के लिए किसानों ने मार्च 2018 में एक मार्च निकाला था। इस मार्च को ऑल इंडिया किसान सभा की ओर से निकाला गया था। 5 मार्च को नासिक से निकला किसानों का यह मार्च 12 मार्च को मुंबई पहुंचा था। आउटलुक की वेबसाइट पर पब्लिश खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं।
जांच के अगले चरण में हमने अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य कार्याध्यक्ष अर्जुन एडे से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि मार्च 2018 में किसानों की मांगों को लेकर यह रैली निकली थी। हम लगातार पूरे प्रदेश में ऐसी रैलियां निकाल रहे हैं।
अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर इरफान की जांच की। हमें पता चला कि यूजर कोलकाता में रहता है। इस अकाउंट को जुलाई 2013 को बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि दिल्ली के किसान आंदोलन के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी है। दरअसल मार्च 2018 में ठाणे की एक रैली की तस्वीर को कुछ लोग वर्तमान आंदोलन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।
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