हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़काने के मकसद से बांग्लादेश के कोमिला में कुरान के अनादर की वर्षों पुरानी घटना की तस्वीर को सोशल मीडिया पर हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी मोहम्मद जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत के बाद से सोशल मीडिया पर हिंसा को भड़काने के मकसद से पुरानी तस्वीरों और वीडियो को साझा किया जा रहा है। ऐसी ही वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह बांग्लादेश के कोमिला स्थित मस्जिद की है, जहां हिंदू समुदाय के लोगों ने मुस्लिमों के पवित्र धार्मिक ग्रंथ का अपमान किया। तस्वीर को शेयर किए जाने की तारीख से यह प्रतीत हो रहा है कि यह घटना कुछ दिनों पहले की है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रही तस्वीर बांग्लादेश के कोमिला में हुई कुरान के अनादर की वर्षों पुरानी घटना से संबंधित है, जिसमें पुलिस ने आरोपी मोहम्मद जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया था। पुलिस इस मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। इसी घटना की तस्वीर को हाल की घटना का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘محبو الرحمن ساكب’ ने वायरल तस्वीर को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”কুমিল্লায় এক মসজিদে ঢুকে হিন্দুরা কুরআন শরীফ ছিড়ে মলমূত্র ত্যাগ করে আসলো কাদের ছায়াতলে? মসজিদে ঢুকে কুরআন শরীফ ছিড়ে সেখানে মলমূত্র ত্যা-গ করে যায় এর চাইতে বড় অবমাননা আর কি আছে? কুমিল্লার ব্রাহ্মণপাড়া উপজেলার ধান্যদৌল গ্রামের একটি জামে মসজিদে মল-মূত্র ত্যাগ, ২৫/৩০ টি কোরআন শরীফ ছিড়ে ফেলা, কোরআন রাখার রেল ও মসজিদের ৪ টি জানালার গ্লাস ভাংচুর করার খবর পাওয়া গেছে। কুমিল্লার ব্রাহ্মণপাড়া উপজেলার সদর ইউনিয়নের ধান্যদৌল গ্রামের বাজারের জামে মসজিদে মঙ্গলবার গভীর রাতে হিন্দুরা মূল দরজার তালা খুলে প্রবেশ করে। পরে মসজিদের ৪টি জানালার গ্লাস, কোরআন শরীফ রাখার বেশ কিছু রেল ভাংচুর, ২৫/৩০টি পবিত্র কোরআন শরীফ ছিড়ে ফেলে এবং মসজিদের মেহরাব সংলগ্নস্থানে মল-মূত্র ত্যাগ করে পূণরায় দরজায় তালা আটকিয়ে পালিয়ে যায়। আল্লাহ পাকের ঘর মসজিদে ঢুকে যখন হিন্দুরা কুরআন শরীফ ছিড়ার সাহস দেখাচ্ছে, সেখানে মলমূত্র ত্যাগ করার সাহস দেখাচ্ছে প্রশ্ন হচ্ছে কাদের ছায়াতলে থেকে এই সাহস পাচ্ছে? একের পর এক ইসলাম অবমাননা হচ্ছে সরকার নিরব কেন? কী আজ জবাব কোথায়”
हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, (”हिंदुओं ने कोमिला में एक मस्जिद में तोड़फोड़ किया और कुरान फाड़ दिया और छाया पर पेशाब किया? उस मस्जिद से ज्यादा अवमानना क्या है, जहां कुरान मल-मूत्र से अलग हो जाता है?कोमिला में कुरआन की 4 खिड़की के शीशे और मस्जिद की 4 खिड़कियां ब्राह्मणपारा उपजिला के धनयादौल गांव में जाम मस्जिद में तोड़े जाने की सूचना मिली। कोमिला के ब्राह्मणपाड़ा उपजिला के सदर यूनियन के धनयादुल गांव बाजार में गुरुवार की देर रात हिंदुओं ने मुख्य दरवाजा खुलवाया। बाद में मस्जिद की चार खिड़की के शीशे, कुरान रखने की जगह तोड़ दिया, 25/30 पवित्र कुरान की भट्ठी शरिया, और मस्जिद के महरब से सटे स्थान पर मल-मूत्र छोड़ दिया और फिर से दरवाजा लॉक कर भाग गए । जब हिंदू मस्जिद में कुरान फाड़ने की हिम्मत करते हैं तो सवाल यह है कि यह साहस किसकी छाया से है?
एक के बाद एक इस्लाम पर हमले पर सरकार चुप क्यों है? आज क्या है जवाब।”)
कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ हालिया घटना का बताते हुए शेयर किया है।
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिमों के धार्मिक ग्रंथ के कथित अपमान को लेकर उड़ी अफवाह की वजह से 13 अक्टूबर के बाद से बांग्लादेश के कई हिस्सों में हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा जारी है। बांग्लादेशी न्यूज पोर्टल द डेली स्टार की रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश के कई अलग-अलग हिस्सों में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा में अब तक सैकड़ों को लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। रंगपुर के तीन गांवों में हिंदू समुदाय के खिलाफ की गई हिंसा और उनके घरों एवं दुकानों को लूटे जाने के मामले में कम से कम 42 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
वायरल पोस्ट में तस्वीर नजर आ रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यह कोमिला की मस्जिद में हिंदुओं ने कुरान का अपमान किया। की-वर्ड सर्च करने पर हमें ऐसी खबर नहीं मिली, जिसमें हाल की किसी ऐसी घटना का जिक्र हो। हालांकि, सर्च में हमें एक पुरानी खबर मिली, जिसमें वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।
बांग्लादेशी न्यूज पोर्टल jagonews24.com की वेबसाइट पर 22 अक्टूबर 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पुलिस मुख्यालय की तरफ से फेसबुक पर एक नोटिस को चस्पां किया गया है, जो कोमिला के ब्राह्मणपारा स्थित एक मस्जिद में कुरान के अपमान से संबंधित है। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक यह घटना वर्ष 2016 की है और इस मामले में पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।’
रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के ऑनलाइन न्यूज पोर्टल डीएमपी ने भी इस खबर की पुष्टि की है। पुलिस मुख्यालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, यह घटना 19 अक्टूबर 2016 की है और इस मामले में पुलिस ने आरोपी जहांगीर आलम (38) को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
बांग्लादेश पुलिस ने इस मामले में लोगों से अफवाह न फैलाए जाने की अपील की थी। सर्च में हमें बांग्लादेश पुलिस के वेरिफाइड फेसबुक पेज की तरफ से जारी किया गया बयान भी मिला, जिसमें इस घटना का जिक्र करते हुए लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं दिए जाने की अपील की गई है।
बांग्ला भाषा में 21अक्टूबर 2019 को जारी की गई विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘2016 में कोमिला के ब्राह्मणपारा में मस्जिद में पवित्र कुरान शरीफ के विध्वंस की घटना अक्टूबर 2016 की है। मामला 11/216 दिनांक-19/10/2016 को पुलिस ने इस मामले में आरोपी मो0 जहांगीर आलम (38) को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। पुलिस ने निष्पक्ष अनुसंधान के माध्यम से अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसका क्रमांक-212, दिनांक-30/11/2016 ईस्वी को मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए, इस अतिसंवेदनशील घटना पर पुनः विचार करके जनता को भ्रमित करने का कोई मौका नहीं है। बांग्लादेश पुलिस विशेष रूप से सभी से अनुरोध कर रही है कि वे पुलिस की मदद करें कि वे किसी भी अफवाह को न फैलाएं और किसी भी अफवाह को ना सुनें और कानून-व्यवस्था और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने के लिए पुलिस की मदद करें। किसी भी घटना का सत्यापन करने के लिए नजदीकी पुलिस या 999 पर कॉल करें। धन्यवाद।’
हमारी अब तक की पड़ताल से स्पष्ट है कि बांग्लादेश के कोमिला में एक मस्जिद में कुरान की अनादर की पुरानी घटना की तस्वीर को बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी सांप्रदायिक हिंसा के संदर्भ में हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी मोहम्मद जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया जा चुका है।
बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति और रोहिंग्या मसलों जैसे कई मुद्दों पर ग्राउंड रिपोर्ट करने वाले पत्रकार अभिषेक रंजन सिंह ने विश्वास न्यूज को बताया, ‘यह पुरानी घटना की तस्वीर है और इस बार भी हिंदुओं के खिलाफ बांग्लादेश में जो हिंसा हो रही है, उसकी वजह मुस्लिमों के धर्मग्रंथ का अपमान किए जाने की अफवाह है।’
वायरल पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को बांग्लादेश के सिलहट का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़काने के मकसद से बांग्लादेश के कोमिला में कुरान के अनादर की वर्षों पुरानी घटना की तस्वीर को सोशल मीडिया पर हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी मोहम्मद जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया था। इसी घटना की तस्वीर को हाल की घटना का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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