नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन की एक तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में चल रहे विरोध प्रदर्शन की तस्वीर है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। विरोध प्रदर्शन की यह तस्वीर बेहद पुरानी है, जिसका हालिया जेएनयू विरोध प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर्स ‘हिंदू राजेन्द्रसिंह पुरोहित’ ने विरोध प्रदर्शन की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘ये प्रोटेस्ट तो फीस बढ़ोतरी के विरोध में था, तो फिर ये RSS की तख्ती क्यों?’
फेसबुक पर कई यूजर्स ने इस तस्वीर को इसी दावे के साथ शेयर किया है।
जेएनयू में हॉस्टल फीस में हुई बढ़ोतरी के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन जारी है। विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार गलत और भ्रामक दावे के साथ वायरल किए जा रहे हैं।
वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज किए जाने पर कैच न्यूज (अंग्रेजी) पर 14 फरवरी 2017 को प्रकाशित एक लिंक मिला, जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। खबर के मुताबिक, ‘हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला की मौत के बाद छात्र संगठनों ने दिल्ली में मौजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हमें (प्रदर्शनकारी छात्र) अंबेडकर भवन से केशव कुंज (झंडेवालान में मौजूद आरएसएस का मुख्यालय) की तरफ जाना था। लेकिन जैसे ही हमने उस तरफ बढ़ना शुरू किया, पुलिस ने केशव कुंज की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को रोक दिया।’
tfipost.com पर भी हमें यह खबर मिली, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला के लिए न्याय की मांग कर रहे जेएनयू छात्रों का हुजूम दिल्ली में आरएसएस ऑफिस के बाहर जमा हुआ था। जब उन्होंने संघ मुख्यालय की तरफ बढ़ना शुरू किया तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया।’ दोनों ही रिपोर्ट में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प का जिक्र है।
विश्वास न्यूज ने कैच न्यूज में तब काम कर रहे फोटो जर्नलिस्ट विकास कुमार से बात की। उन्होंने बताया, ‘यह घटना रोहित वेमुला की मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शन की है, जब जेएनयू के छात्र दिल्ली में आरएसएस ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए थे। इस दौरान पुलिस ने एक अन्य फोटो जर्नलिस्ट के साथ मारपीट की और मेरा भी कैमरा छीन लिया था। हालांकि, बाद में विरोध के बाद उन्होंने मेरा कैमरा लौटा दिया था। यह तस्वीर मैंने ही ली थी। यह प्रदर्शन जेएनयू के वाम छात्र संगठनों ने किया था, लेकिन इसका हालिया जेएनयू विरोध प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है।’
यह पहला मामला नहीं है, जब जेएनयू में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर फर्जी खबर फैलाई गई हो। विश्वास न्यूज पर इन खबरों को पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के दौरान आरएसएस के विरोध के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर पुरानी है, जिसका फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जारी जेएनयू विरोध प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है। यह तस्वीर हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दिवंगत छात्र रोहित वेमुला की मौत के बाद दिल्ली में संघ कार्यालय के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन की है।
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