Fact Check: मैडम तुसाद म्यूजियम के आर्टिस्ट और एक्सपर्ट के साथ पीएम मोदी की पुरानी तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। तस्वीर में एक मेकअप आर्टिस्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे की माप लेते हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर को जिस दावे के साथ शेयर किया गया है उससे यह प्रतीत हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेकअप आर्टिस्ट की मदद लेते हैं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला। प्रधानमंत्री की वायरल हो रही तस्वीर वास्तव में पुरानी है, जब मैडम तुसाद म्यूजियम में पीएम मोदी का स्टैचू लगाने के लिए आर्टिस्ट और एक्सपर्ट्स की टीम ने वर्ष 2016 में उनके आधिकारिक निवास पर जाकर उनका नाप लिया था। इसी तस्वीर को किसान आंदोलन के बीच भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Mandeep Mithi’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए तंज कसा है, ”हम तो फ़क़ीर आदमी हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी की पुरानी तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल

सोशल मीडिया पर यह तस्वीर पहले भी समान और मिलते-जुलते दावे के साथ वायरल हो चुकी है।

पड़ताल

गूगल रिवर्स इमेज सर्च किए जाने पर हमें ‘Madame Tussauds London’ के यूट्यूब चैनल पर 16 मार्च 2016 को अपलोड किया गया वीडियो मिला, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेकअप आर्टिस्ट और एक्सपर्ट्स की टीम के साथ देखा जा सकता है।

वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, नरेंद्र मोदी ने मैडम तुसाद संग्रहालय में उनके स्टैचू के निर्माण से पहले वहां काम करने वाले मशहूर कलाकार और विशेषज्ञों को मिलने के लिए समय दिया था।

न्यूज रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि होती है। ‘आज तक’ की वेबसाइट पर 16 मार्च 2016 की न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, मैडम तुसाद म्यूजियम में उनकी मूर्ति लगाने से पहले पीएम मोदी ने नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर म्यूजियम की आर्टिस्ट टीम और एक्सपर्ट्स को सिटिंग दी थी।

आज तक की वेबसाइट पर 16 मार्च 2016 को प्रकाशित खबर में इस्तेमाल की गई तस्वीर

बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने वायरल पोस्ट को पीएम मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की पुरानी तस्वीर को जानबूझकर गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है। यह पहली बार नहीं है, जब इस तस्वीर को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर साझा किया गया हो। इससे पहले जब यह तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल हुई थी, तब विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी, जिसकी पूरी रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ साझा करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 87 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: प्रधानमंत्री की वायरल हो रही तस्वीर वास्तव में पुरानी है, जब मैडम तुसाद म्यूजियम में पीएम मोदी का स्टैचू लगाने के लिए आर्टिस्ट और एक्सपर्ट्स की टीम ने वर्ष 2016 में उनके आधिकारिक निवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। उनकी इस तस्वीर को किसान आंदोलन के बीच भ्रामक दावे के साथ हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।


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