Fact Check : महिला पुलिसकर्मी पर हुए एसिड अटैक की पुरानी खबर को अब लॉकडाउन के दौरान किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि कुछ लोग जानबूझकर मथुरा की एक साल पुरानी घटना को अब वायरल कर रहे हैं। ऐसी कोई घटना हाल-फिलहाल में मथुरा में नहीं हुई है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। देशभर में लॉकडाउन के बीच सोशल मीडिया में एसिड अटैक की एक साल पुरानी तस्‍वीरें वायरल हो रही हैं। कुछ लोग इन तस्‍वीरों को इस दावे के साथ वायरल कर रहे हैं कि ड्यूटी पर जा रही महिला पुलिसकर्मी पर कुछ लोगों ने एसिड से अटैक कर दिया।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि पुरानी तस्‍वीरों और घटना को जानबूझकर एक साल बाद वायरल किया जा रहा है। इसके कारण सोशल मीडिया में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। बहुत से यूजर्स इसे लॉकडाउन में हुई घटना मानकर लगातार वायरल कर रहे हैं। मथुरा पुलिस ने भी ऐसी पोस्‍ट का खंडन करते हुए साफ किया कि एक साल पुरानी घटना को अब वायरल करने वालों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की जाएगी।

क्‍या हो रहा है वायरल

यूजर चंद्रशेखर सोनी ने फेसबुक ग्रुप ‘WE SUPPORT NARENDRA MODI’ पर मथुरा में एक साल पहले घटी घटना की तस्‍वीरों को अपलोड करते हुए दावा किया : ”लटका दो सीधा फांसी पे नहीं चाहिए सुनवाई  शर्मनाक एव दुःखद..ड्यूटी पर जा रही महिला पुलिसकर्मी पर किया एसिड अटैक !! उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक महिला पुलिसकर्मी के साथ जो दर्दनाक घटना घटी है वो निंदनीय है दोषी को सख्त से सख्त सजा दी जाए..”

इस पोस्‍ट को दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर लगातार वायरल कर रहे हैं। इस पोस्‍ट पर अब तक एक हजार से ज्‍यादा कमेंट आ चुके हैं। लगभग इतने ही लोग इसे शेयर भी कर चुके हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें यह फोटो मथुरा की एक पुरानी खबर में मिली। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 4 अप्रैल 2019 को पब्लिश एक खबर में बताया गया, ”श्रीकृष्ण जन्मस्थान की सुरक्षा-व्यवस्था में तैनात एक महिला कॉन्स्टेबल पर सुबह ड्यूटी पर जाते समय चार युवकों ने पहले कार चढ़ाने का प्रयास किया और जब इसमें नाकाम हुए तो बोतल से उस पर तेजाब फेंककर भाग गए। तेजाब से कॉन्स्टेबल बुरी तरह झुलस गई। स्थानीय लोग और इलाका पुलिस उसे उपचार के जिला अस्पताल लाई, जहां से उसे आगरा रेफर कर दिया गया। ”

पूरी खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं। यह घटना आज से एक साल पहले मथुरा में घटी थी।

ज्‍यादा जानकारी के लिए हमने मथुरा पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया। हमें मथुरा पुलिस के ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला। इसमें वायरल पोस्‍ट का खंडन करते हुए बताया गया कि यह प्रकरण 4 अप्रैल 2019 का था। इस संबंध में सभी आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है।

पड़ताल के अगले चरण हम पहुंचे मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर के पास। उन्‍होंने विश्‍वास न्यूज से बताया, ”वायरल घटना अप्रैल 2019 की है। हाल-फिलहाल में ऐसा कुछ घटित नहीं हुआ है।”

जब हमने एक साल पुरानी घटना को अब वायरल करने वाले फेसबुक यूजर चंद्रशेखर सोनी की सोशल स्‍कैनिंग की तो हमें पता चला कि यूजर अपने अकाउंट से ज्‍यादा कंटेंट दूसरे ग्रुप में शेयर करता है।


Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि कुछ लोग जानबूझकर मथुरा की एक साल पुरानी घटना को अब वायरल कर रहे हैं। ऐसी कोई घटना हाल-फिलहाल में मथुरा में नहीं हुई है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट