विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा झूठा पाया। यह तस्वीर हालिया नहीं, बल्कि 3 साल पुरानी है। यह तस्वीर राजस्थान के सीकर में हुए किसानों के प्रदर्शन की है और इसका हरियाणा में हो रहे प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है।
नई दिल्ली (Vishvas News). नए कृषि बिल को लेकर देश के कई इलाकों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सोशल मीडिया में पुरानी तस्वीरों को अब का बताकर वायरल किया जा रहा है। एक ऐसी ही पोस्ट में एक तस्वीर को अपलोड करके दावा किया गया कि फोटो हरियाणा के जींद में हुए किसानों के हालिया प्रदर्शन की है, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया।
विश्वास टीम ने इस पोस्ट की पड़ताल की। हमने पाया कि 3 साल पुरानी तस्वीर को हरियाणा की बताकर वायरल किया जा रहा है। तस्वीर 2017 में राजस्थान के सीकर में हुए किसानों के एक पुराने प्रदर्शन की है। इसका हरियाणा में हो रहे प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है। वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
फेसबुक यूज़र “Hareram Mahto” ने 21 सितंबर 2020 को एक प्रदर्शन की तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा: “यह हरियाणा के जींद शहर में किसानों का जनसैलाब है। आज तक, ज़ी न्यूज़, इंडिय न्यूज़, रिपब्लिक भारत, इंडिया टीवी, न्यूज़ नेशन, आदि चैनलों पर इस सैलाब को दिखाते हुए आपने देखा है क्या?“
इस पोस्ट का फेसबुक और आर्काइव्ड लिंक यहां देख सकते हैं।
नए कृषि बिल को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इसीलिए हमने सबसे पहले जींद में हो रहे किसानों के प्रदर्शन के बारे में न्यूज़ सर्च से खबरों को ढूँढना शुरू किया। हमें जागरण डॉट कॉम पर प्रकाशित इस प्रदर्शन को लेकर एक खबर मिली। यह खबर 21 सितंबर को प्रकाशित की गई थी और इसके साथ हेडलाइन लिखी गई थी: किसानों के जाम से प्रभावित हुई रोडवेज बस सेवा, तीन घंटे बस अड्डे पर खड़े रहे यात्री
खबर में बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन विधेयकों के विरोध में रविवार को किसान सड़कों पर उतरे और जिले में आठ अलग-अलग जगहों पर रोड जाम कर दिया। रोड जाम किए जाने से रोडवेज बस सेवा प्रभावित हुई और यात्रियों को 3 से 4 घंटे बस अड्डे पर ही बिताने पड़े, क्योंकि जाम के कारण बसों को बस स्टैंड पर ही रोक दिया गया था।
यह बात साफ़ थी कि जींद में प्रदर्शन हो रहा है और अब हमें जानना था कि क्या वायरल तस्वीर उसी प्रदर्शन की है। तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हम एक फेसबुक पोस्ट पर जा पहुंचे, जिसे 2017 में अपलोड किया गया था। 5 सितंबर 2017 को JAT Hostel PALI नाम के फेसबुक पेज द्वारा अपलोड एक पोस्ट में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। इस पोस्ट से यह साफ़ हुआ कि वायरल तस्वीर पुरानी है। इस पोस्ट के अनुसार, यह तस्वीर राजस्थान के सीकर में हुए किसानों के प्रदर्शन की है। इस पोस्ट को नीचे देखा जा सकता है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए कीवर्ड सर्च करने पर हमें The Logical Indian नाम की वेबसाइट पर एक आर्टिकल में यह तस्वीर अपलोड मिली। यह आर्टिकल 13 सितंबर 2017 को अपलोड किया गया था और इसके साथ हेडलाइन लिखी गई थी: Farmer’s protest in Sikar, Rajasthan turns into a people’s movement: Lakhs take to the street against govt
आर्टिकल के अनुसार, यह तस्वीर राजस्थान के सीकर में 2017 में हुए किसानों के प्रदर्शन की है। इस आर्टिकल को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
इस प्रदर्शन की कुछ झलकियां पत्रिका के YouTube चैनल पर अपलोड वीडियो में देखी जा सकती हैं। यह वीडियो 4 सितंबर 2017 को अपलोड किया गया था और इसके साथ हेडलाइन लिखी गई थी: kisan rally in sikar
अब हमने इस तस्वीर को लेकर हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के जयपुर इंचार्ज नरेंद्र शर्मा से बात की। नरेंद्र ने इस तस्वीर को देखते ही कहा कि यह तस्वीर राजस्थान के सीकर की है, हरियाणा की नहीं। नरेंद्र ने बताया कि यह तस्वीर 2017 में राजस्थान के सीकर में हुए किसानों के प्रदर्शन की है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले भी इसी प्रदर्शन की एक तस्वीर को हरियाणा में हुए प्रदर्शन के नाम से वायरल किया गया था, जिसकी पड़ताल विश्वास टीम ने की थी। यह पड़ताल नीचे क्लिक कर पढ़ी जा सकती है।
अब बारी थी वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले फेसबुक अकाउंट Hareram Mahto की सोशल स्कैनिंग करने की। इस अकाउंट को 507 लोग फॉलो करते हैं और यह यूज़र बिहार के मोतिहारी का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा झूठा पाया। यह तस्वीर हालिया नहीं, बल्कि 3 साल पुरानी है। यह तस्वीर राजस्थान के सीकर में हुए किसानों के प्रदर्शन की है और इसका हरियाणा में हो रहे प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है।
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