Fact Check : दिल्‍ली के कोविड सेंटर की पुरानी तस्‍वीर इंदौर के नाम पर हुई वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। जिस तस्‍वीर को इंदौर के राधा स्‍वामी सत्‍संग क्षेत्र में बने अस्‍पताल की बता कर वायरल किया जा रहा है, वह दिल्‍ली की पुरानी तस्‍वीर है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। कोरोना संकट के बीच देशभर में लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इंदौर के राधा स्‍वामी सत्‍संग परिसर में भी लोगों की मदद से पहले चरण में 600 बिस्‍तर का एक कोविड सेंटर बनाया गया है। वहीं, कुछ लोग पिछले साल दिल्‍ली में बने कोविड सेंटर की तस्‍वीर को इंदौर का बताकर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में यह पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो पता चला कि जिस तस्‍वीर को इंदौर की बताया जा रहा है, वह पिछले साल जुलाई में दिल्‍ली में बने एक कोविड सेंटर की है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर प्रज्ञा पांडेय ने ‘मैं ब्राह्मण हूँ’ नाम के एक ग्रुप में एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया कि यह इंदौर में बने 2000 बेड के कोविड अस्‍पताल की है। पोस्‍ट में लिखा गया : ‘इंदौर के राधा स्वामी सत्संग क्षेत्र में 2000 बेड का कोविड हॉस्पिटल बनाया गया। जी हाँ हमने इसीलिए मंदिर के नाम पर वोट दिया था… क्योंकि हम जानते हैं संसार में केवल सनातन धर्म ही एकमात्र वो धर्म है जो आपको आचरण देता है जो इस लोक से लेकर उस लोक तक आपका कभी साथ नहीं छोड़ता…!!’

इस तस्‍वीर को दूसरे यूजर्स भी इंदौर की समझ कर वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल की शुरुआत गूगल रिवर्स इमेज टूल से की। सर्च के दौरान हमें वायरल तस्‍वीर डेक्‍कन हेराल्‍ड की वेबसाइट पर मौजूद एक खबर में मिली। 5 जुलाई 2020 को प्रकाशित इस खबर में बताया गया कि 20 फुटबॉल के मैदान जितना एक कोविड सेंटर दिल्‍ली के राधा स्‍वामी सत्संग में बनाया गया। दिल्‍ली के छतरपुर में पिछले साल बने इस कोविड सेंटर में 10 हजार बेड थे। इस तस्‍वीर को पीटीआई की ओर से जारी की गई थी। इसे आप यहां देख सकते हैं।

अब हमें यह जानना था कि क्‍या वाकई में इंदौर में इस साल 2000 बिस्‍तरों का कोई अस्‍पताल बना है। गूगल सर्च से हमें कई ऐसी खबरें मिलीं, जिसमें बताया गया कि इंदौर के राधा स्‍वामी सत्‍संग परिसर में जन सहयोग से पहले चरण में 600 बिस्‍तर का मां अहिल्‍या कोविड सेंटर तैयार किया गया है। नईदुनिया की वेबसाइट पर मौजूद खबर के अनुसार, 22 अप्रैल से यहां होम आइसोलेशन वाले संक्रमित मरीजों की भर्जी शुरू हो जाएगी। खबर यहां पढ़ें।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने नईदुनिया अखबार के इंदौर संस्‍करण को खंगालना शुरू किया। हमें 22 अप्रैल के अखबार में पहले पेज पर कोविड सेंटर से जुड़ी खबर मिली। इस खबर में बताया गया कि राधा स्‍वामी सत्‍संग परिसर में पहले चरण में 600 बिस्‍तर लगाए गए।

जांच के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने इंदौर से प्रकाशित नईदुनिया अखबार के संवाददाता जितेंद्र यादव से संपर्क किया। उनके साथ हमने वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने हमें जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर में राधा स्‍वामी सत्‍संग परिसर में कोविड मरीजों के लिए 600 बिस्‍तर का अस्‍पताल बनाया गया है। यह पहला चरण है। बाद में इसे बढ़ाकर 2000 बेड तक कर दिया जाएगा। हालांकि, वायरल तस्‍वीर इंदौर की नहीं है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। जिस तस्‍वीर को इंदौर के राधा स्‍वामी सत्‍संग क्षेत्र में बने अस्‍पताल की बता कर वायरल किया जा रहा है, वह दिल्‍ली की पुरानी तस्‍वीर है।

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