Fact Check: कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ मायावती की राज्यपाल से मुलाकात के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर पुरानी, किसान आंदोलन से जोड़ किया जा रहा वायरल

किसान आंदोलन के मुद्दे पर कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ मायावती के उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को ज्ञापन दिए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर पिछले साल की है, जिसे किसान आंदोलन के नाम पर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन के बीच सोशल मीडिया पर लगातार इससे जुड़ी तस्वीरें और वीडियो को साझा किया जाा रहा है। ऐसी ही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह किसान आंदोलन से संबंधित है, जिसमें उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को राज्य की राज्यपाल आनंदी बेन को ज्ञापन देते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा कि उन्होंने किसान आंदोलन के मुद्दे पर राज्यपाल को ज्ञापन दिया है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दाव गलत निकला। मायावती की जिस तस्वीर को किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है, वह पिछले साल की तस्वीर है, जब उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Darshan Singh’ ने वायरल हो रही तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”BSP एक संवैधानिक तरीके से चलने वाली पार्टी है, BSP सुप्रीमो सुश्री मायावती जी ने किसानों पर राजनीति न करते हुए, राजभवन जाकर किसानों के हित में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ज्ञापन सौंपा?”

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर

पड़ताल

तस्वीर में राज्यपाल और मायावती को बिना मास्क के भी देखा जा सकता है, जिससे इसके कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने से पहले के होने का प्रतीत होता है। वायरल हो रही तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि मायावती ने 8 दिसंबर 2020 को राजभवन जाकर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को तीनों कृषि कानूनों में बदलाव किए जाने की मांग रखी, लेकिन न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें किसान आंदोलन को लेकर मायावती के राज्यपाल से मिलने का जिक्र हो।

हालांकि, सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें मायावती ने किसानों की तरफ से बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया था। मायावती के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसे देखा जा सकता है।

हमें कहीं भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें उनके उत्तर प्रदेश के राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन दिए जाने का जिक्र हो। वायरल पोस्ट में किए गए दावे की सत्यता को परखने के लिए हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च में हमें यह तस्वीर न्यूज एजेंसी एएनआई यूपी के वेरिफाइड हैंडल पर लगी मिली।

ट्वीट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर 7 दिसबंर 2019 की है, जब बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को लेकर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन जाकर मुलाकात की थी।

विशेष जानकारी के लिए हमने हमारे सहयोगी ‘दैनिक जागरण’ के लखनऊ ब्यूरो चीफ अजय जयसवाल से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल से मायावती की मुलाकात की यह तस्वीर पुरानी है। किसान आंदोलन को लेकर मायावती ने राजभवन में राज्यपाल को कोई ज्ञापन नहीं दिया है।’

उन्होंने कहा कि राज्यपाल फिलहाल उत्तर प्रदेश में नहीं है, ऐसे में उन्हें ज्ञापन दिए जाने का सवाल ही नहीं उठता है। ‘नई दुनिया’ में आठ दिसंबर को प्रकाशित खबर के मुताबिक, ‘बांधवगढ़ में तीन दिन तक छुट्टी मनाने के लिए प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सोमवार को विमान से उमरिया हवाई पट्टी पहुंची। पट्टी में आयुक्त शहडोल संभाग नरेश पाल, एडीजी पुलिस शहडोल जी जनार्दन, बांधवगढ़ नेशनल पार्क के संचालक विसेंट रहीम, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शाहवाल ने फूल भेंट कर स्वागत किया।’ जबकि वायरल पोस्ट में आठ दिसंबर को ही मायावती के आनंदी बेन पटेल से मुलाकात का दावा किया गया है।

वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को इस्लामनगर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: किसान आंदोलन के मुद्दे पर कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ मायावती के उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को ज्ञापन दिए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर पिछले साल की है, जिसे किसान आंदोलन के नाम पर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

निष्कर्ष: किसान आंदोलन के मुद्दे पर कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ मायावती के उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को ज्ञापन दिए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर पिछले साल की है, जिसे किसान आंदोलन के नाम पर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट