Fact Check: यह वायनाड की नहीं, बिहार के भागलपुर की पुरानी तस्वीर है

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को फर्जी पाया। यह वायरल तस्वीर वायनाड की नहीं, बिहार के भागलपुर की थी।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर अक्सर हम उन पोस्ट को वायरल होते हुए देखते हैं, जिसमें लोग नेताओं पर निशाना साधते हैं। इसी तरह एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें एक तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा जा रहा है। इस तस्वीर में एक सड़क पर बहुत सारे गड्ढे दिखाई दे रहे हैं और इस तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड की है।

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को फर्जी पाया। बता दें कि यह तस्वीर पहले अमेठी के नाम से भी वायरल हुई है। उस दौरान विश्वास टीम ने इसकी पड़ताल की थी। यह असल में बिहार के भागलपुर की पुरानी तस्वीर है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूज़र “Bhavsinh Jadav” ने इस तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा: “#राहुल_गांधी का संसदीय क्षेत्र #वायनाड बना देश का पहला #स्मार्ट सिटी 😊
हर घर के आगे सबका अलग अलग स्विमिंग पूल है 😂🤣”

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक।

पड़ताल

इस तस्वीर की पड़ताल हमने गूगल रिवर्स इमेज से की। गूगल रिवर्स इमेज से हमें पता चला कि यह तस्वीर बिहार की है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने 29 जून 2017 में अपनी एक स्टोरी में इस तस्वीर का यूज किया। खबर के अनुसार, यह तस्वीर बिहार के भागलपुर-पीरपैंती-मिर्जाचौकी नेशनल हाईवे (NH) 80 के बीच की है।

थोड़ा और सर्च करने पर हमें पता चला कि कुछ साल पहले जब तेजस्वी यादव बिहार सरकार में थे तो नेशनल हाईवे 80 की पुरानी तस्वीर के बहाने उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था। जिसका जवाब तेजस्वी यादव ने उसी वक्त दिया था। तेजस्वी यादव (@yadavtejashwi) का हमें एक पुराना Tweet मिला। 2 जुलाई 2017 को किए गए इस ट्वीट में तेजस्वी ने दो तस्वीरों का यूज किया था। ट्वीट में आप खुद देख सकते हैं कि अमेठी के नाम पर अभी जो तस्वीर खबर में यूज की जा रही है, वह बिहार की है। वायरल तस्वीर काफी पुरानी है। अब इस हाईवे की हालत पहले से बेहतर है। यह आप खुद तस्वीर में देख सकते हैं।

यह बात साफ़ हो गई थी कि यह तस्वीर वायनाड की नहीं, बिहार की है। अब हमने इस मामले को लेकर दैनिक जागरण भागलपुर के मुख्य संवाददाता नवनीत मिश्र से सम्पर्क किया। उन्होंने हमारे साथ बात करते हुए बताया, “जी यह तस्वीर कहलगांव पीरपैंती के बीच एनएच 80 की है। कुछ साल पहले सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी थी। अभी पहले से बेहतर स्थिति में है।

यह तस्वीर पहले अमेठी के नाम से वायरल हुई थी, जिसकी पड़ताल विश्वास न्यूज़ ने की थी। इस पड़ताल को नीचे क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।

इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं और इन्हीं में से एक है Bhavsinh Jadav‎ नाम का फेसबुक यूज़र। यूज़र एक खास विचारधारा से प्रेरित लगता है।

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को फर्जी पाया। यह वायरल तस्वीर वायनाड की नहीं, बिहार के भागलपुर की थी।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट