Fact Check: सफाई करते व्यक्ति की एडिटेड फोटो गलत दावे से पोस्ट, पहले भी कई बार हो चुकी है वायरल
1946 की एक फोटो को एडिट करके पीएम मोदी का बताकर पोस्ट किया गया है। वास्तविक फोटो में पीएम मोदी नहीं हैं। ओरिजनल फोटो को फोटाग्राफर मैक्स डेस्फर ने खींचा था।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Jul 30, 2022 at 12:32 PM
- Updated: Jul 30, 2022 at 06:05 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एक एडिटेड फोटो को पीएम मोदी का बताकर शेयर किया गया है। हमारे टिपलाइल नंबर पर हमें यह फोटो मिली है। पहले भी यह फेक फोटो कई बार सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सफाई करते हुए एक व्यक्ति की फोटो को एडिट करके फर्जी दावा किया जा रहा है। असली तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके उसे गलत दावे के साथ वायरल किया गया है।
क्या है वायरल पोस्ट में
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर हमें यह फोटो चेक करने के लिए मिली।
पड़ताल
वायरल फोटो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले यांडेक्स रिवर्स इमेज से इसे सर्च किया। इसमें पता चला कि यह फोटो फेसबुक पर 2013, 2014 और 2016 में भी वायरल हो चुकी है।
ओल्ड इंडियन फोटोज नाम की वेबसाइट पर हमें एक फोटो मिली। यह वायरल फोटो से काफी मिलती-जुलती है। इसमें लिखा है, ‘भारत के अछूतों में से एक झाड़ू पकड़े हुए, जिसे वह गलियों और घरों में सफाई के काम में इस्तेमाल करते हैं- एसोसिएटेड प्रेस 1946’
इस और वायरल फोटो में बैंकग्राउंड एक सा है। बस वायरल इमेज में पीएम मोदी का चेहरा लगा है।
और सर्च करने पर हमें एपी इमेजेज की वेबसाइट पर भी यह फोटो मिली। यह फोटो किसी और शख्स की है, पीएम मोदी की नहीं। इसके मुताबिक, फोटो 2 जून 1946 की है। फोटोग्राफर का नाम मैक्स डेस्फर है।
जनता का रिपोर्टर वेबसाइट पर 20 जनवरी 2016 को छपी खबर के अनुसार, अहमदाबाद के एक कार्यकर्ता ने वायरल फोटो की सच्चाई जानने के लिए आरटीआई दायर की थी। इसका जवाब मिला था, ‘मांगी गई जानकारी रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है, लेकिन यह ध्यान दिया जा सकता है कि तस्वीर से छेड़छाड़ की गई है। तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति नरेंद्र मोदी नहीं हैं।‘
वन इंडिया ने भी 22 जनवरी 2016 को इस बारे में खबर छापी है। इसके मुताबिक, वायरल फोटो एडिटेड है। ओरिजनल फोटो को फोटोशॉप करके वायरल किया जा रहा है।
आरटीआई दखिल करने वाले कार्यकर्ता के बारे में हमने सर्च किया। इसमें पता चला कि आरटीआई दाखिल करने के वाले व्यक्ति का नाम पराग पटेल है। इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने पराग पटेल से बात की। उनका कहना है, ‘मैंने इस इमेज की सच्चाई जानने के लिए आरटीआई दाखिल की थी। इसके जवाब में बताया गया था कि यह फोटो एडिटेड है।‘ उन्होंने हमारे साथ आरटीआई की कॉपी भी शेयर की। इसे नीचे देखा जा सकता है।
निष्कर्ष: 1946 की एक फोटो को एडिट करके पीएम मोदी का बताकर पोस्ट किया गया है। वास्तविक फोटो में पीएम मोदी नहीं हैं। ओरिजनल फोटो को फोटाग्राफर मैक्स डेस्फर ने खींचा था।
- Claim Review : पीएम मोदी की दुर्लभ फोटो।
- Claimed By : Whatsapp
- Fact Check : झूठ
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