Fact Check: जख्मी व्यक्ति का JNU से नहीं है कोई संबंध, कश्मीर की पुरानी तस्वीर गलत दावे के साथ हो रही वायरल
- By: Abhishek Parashar
- Published: Nov 25, 2019 at 04:49 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों के साथ हुई मारपीट के दावे के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा कि जिस छात्र के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट की गई है, वह जेएनयू का छात्र है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। जिस तस्वीर को जेएनयू के छात्र के साथ हुई मारपीट के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है, वह कश्मीर की पुरानी तस्वीर है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर्स पंकज चावडा (Pankaj Chavda) ने जख्मों के निशान से भरे पीठ वाले एक व्यक्ति की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ”JNU क्या हाल बना दिया है। जहा बच्चे अपने करियर बनाने हेतु शिक्षा लेने जाते हैं…मगर तकलीफ यह की JNU के विद्धार्थी सही और गलत समाज लगे है…और मनु वादीओ की निति के खिलाफ आवाज उठा रहे है…इसलिए आज उनका यह हाल है…TV और medea सत्य लोग ना समजे इसलिए असत्य और जूठ को फैलाया जा रहा है…।”
पड़ताल किए जाने तक इस तस्वीर को करीब 3500 लोग शेयर कर चुके हैं।
पड़ताल
जेएनयू में हॉस्टल फीस को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी है और उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद मार्च किया था। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें कई छात्र घायल हुए थे। न्यूज एजेंसी एएनआई के 18 नवंबर को कि गए ट्वीट में छात्रों और पुलिस के बीच हुई झड़प को देखा जा सकता है।
JNUSU के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी 18 नवंबर को अपलोड किए गए वीडियो में घायल छात्रों को देखा जा सकता है।
हालांकि, सर्च में हमें वह तस्वीर कहीं नहीं मिली, जिसे सोशल मीडिया पर जेएनयू छात्र के साथ हुई मारपीट के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
रिवर्स इमेज में हमें यह तस्वीर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स पर करीब तीन साल पहले प्रकाशित खबर मिली, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। यह तस्वीर 18 अगस्त 2016 को कश्मीर में रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट कैथल मैकनॉटन ने ली थी।
खबर के मुताबिक यह तस्वीर श्रीनगर में सुरक्षा बलों की पिटाई से घायल हुए व्यक्ति की है। विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर को लेकर JNUSU के पूर्व प्रेसिडेंट और ऑल इंडिया स्टुडेंट एसोसिएशन (AISA) के नैशनल प्रेसिडेंट एन साई बालाजी से बात की। उन्होंने बताया, ‘पुलिस ने छात्रों के साथ मारपीट की थी, जिसमें कई छात्र घायल हुए थे लेकिन यह तस्वीर जेएनयू के किसी छात्र की नहीं है।’ बालाजी फिलहाल स्कूल ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज से पीएचडी कर रहे हैं।
JNUSU के वाइस प्रेसिडेंट साकेत मून ने भी कहा कि पुलिस ने कई छात्रों के साथ मारपीट की, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। लेकिन, ”यह तस्वीर जेएनयू के किसी छात्र की नहीं है।” साकेत स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज में पीएचडी के सेकेंड ईयर के छात्र हैं।
निष्कर्ष: जेएनयू के छात्र के साथ की गई पुलिसिया बर्बरता के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर झूठी है। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही तस्वीर कश्मीर की है, जिसका जेएनयू से कोई लेना-देना नहीं है।
- Claim Review : जेएनयू के छात्रों के साथ पुलिस की बर्बरता
- Claimed By : FB User-Pankaj Chavda
- Fact Check : झूठ
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