Fact Check: हैदराबाद बलात्कार के आरोपियों के एनकाउंटर के नाम पर वायरल हो रही तस्वीर फर्जी

Fact Check: हैदराबाद बलात्कार के आरोपियों के एनकाउंटर के नाम पर वायरल हो रही तस्वीर फर्जी

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों के मुठभेड़ के बाद सोशल मीडिया पर एक एनकाउंटर की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें पुलिसवाले कुछ शव के साथ नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर हैदराबाद बलात्कार और हत्याकांड के आरोपियों के मुठभेड़ की है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रही तस्वीर आंध्र प्रदेश में हुए चार साल पुराने मुठभेड़ की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक और ट्विटर पर कई यूजर्स ने एनकाउंटर की एक तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया है कि यह हैदराबाद बलात्कार कांड के आरोपियों के मुठभेड़ की तस्वीर है। फेसबुक यूजर ‘Sandeep Uchana Breaking News’ ने एनकाउंटर की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘@#@@#@ का गैंगरेप और हत्या करने वाले आरोपियों का हुआ एनकाउंटर।’

पड़ताल

वायरल हो रही तस्वीर को रिवर्स इमेज करने पर हमें अंग्रेजी अखबार ‘’द हिंदू’’ के वेब संस्करण में 7 अप्रैल 2015 को प्रकाशित एक खबर मिली, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

खबर के मुताबिक यह तस्वीर आंध्र प्रदेश में हुए एक कथित एनकाउंटर की है, जब पुलिस ने तिरुमाला पहाड़ी इलाके में लाल चंदन के पेड़ को काटने वालों को कथित झड़प में मार गिराया था, जो तमिलनाडु के रहने वाले थे।

खबर के मुताबिक, ‘लाल चंदन की लकड़ियों की तस्करी को रोकने के लिए हालिया गठित टास्क फोर्स तलाशी अभियान पर थी, जब उन्हें पैरों के निशान दिखे। उन्होंने लकड़ी काट रहे लोगों को देखा और आत्मसमर्पण करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने पुलिस दल पर हमला किया। पुलिस ने बचाव में गोली चलाई और 20 लोग मारे गए।’

यानी वायरल हो रही तस्वीर आंध्र प्रदेश में हुए पुरानी मुठभेड़ की है। न्यूज सर्च में हमें न्यूज एजेंसी ANI की तरफ से किया गया ट्वीट मिला, जिसमें हैदराबाद बलात्कार के आरोपियों के मुठभेड़ की तस्वीर को देखा जा सकता है।

गौरतलब है कि 27 नवंबर की रात महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार कांड के बाद आरोपियों ने पीड़िता की हत्या कर उसके शव को जला दिया था। शुक्रवार को इसी मामले की जांच के हिस्से के रूप में क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए आरोपियों को मौके पर ले जाया गया था, जहां उन्होंने भागने की कोशिश की और मारे गए।

विश्वास न्यूज ने ज्यादा जानकारी के लिए शम्साबाद के डिप्टी कमिश्नर (डीसीपी) एन प्रकाश रेड्डी से बात की। रेड्डी ने बताया कि वायरल हो रही तस्वीर फर्जी है, जिसका हैदाराबाद में हुए मुठभेड़ से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘साइबराबाद पुलिस आरोपियों को घटनास्थल पर जांच के सिलसिले में लेकर गई थी। इसी दौरान आरोपियों ने पुलिस से हथियार छीन कर उन पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने बचाव में जवाबी फायरिंग की जिसमें चारों आरोपी मारे गए।’

निष्कर्ष: हैदाराबाद बलात्कार और हत्याकांड के आरोपियों के एनकाउंटर के नाम पर सोशल मीडिया में वायरल हो रही तस्वीर आंध्र प्रदेश में कुछ सालों पहले हुए एनकाउंटर की है, जिसमें लाल चंदन के पेड़ की कटाई करने वाले करीब 20 लोगों को पुलिस ने झड़प में मार डाला था।

False
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