Fact Check : गोरखपुर के सांसद रवि किशन का पुराना विज्ञापन अब गलत संदर्भ के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में सांसद रवि किशन से जुड़ी पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। रवि किशन के एक पुराने विज्ञापन को कुछ लोग अब बिजली संकट के बीच वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास )। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर यूपी के गोरखपुर से सांसद रवि किशन का एक पुराना विज्ञापन वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे हाल-फिलहाल का समझकर गलत संदर्भ के साथ वायरल कर रहे हैं। यूपी समेत देश के अन्‍य हिस्‍सों में बिजली संकट के बीच इस विज्ञापन को वायरल किया जा रहा है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक निकली। यह विज्ञापन उस वक्‍त का है, जब रवि किशन सांसद नहीं थे। वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर हमें मई 2019 की एक खबर में मिली।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज रॉयल यादव अमित करछना ने 24 मई को एक पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘बिजली नहीं देंगे… बिजली भागने से भी कमाई जरूर कर लेंगे। ये है भाजपा के सांसद रवि किशन.. अब इनका विज्ञापन देख लो…’

पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर में एक विज्ञापन था। इस पर रवि किशन की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए लिखा गया कि क्रिकेट देखना है, पर बिजली कटे बार- बार? तो फोन में डालो hotstar.

कई अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को ज्यों-का-त्यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले विज्ञापन में लिखी लाइनों को कीवर्ड बनाकर सर्च करना शुरू किया। हमें एक फेसबुक पेज की पुरानी पोस्‍ट मिली। 13 मई 2019 की इस पोस्‍ट में रवि किशन के विज्ञापन की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था। इसे यहां देखा जा सकता है।

सर्च के दौरान हमें वायरल पोस्‍ट की ओरिजनल तस्‍वीर भी मिली। 14 मई 2019 को भोपाल समाचार नाम की एक वेबसाइट द्वारा इसका इस्‍तेमाल किया गया था। इसे यहां देखा जा सकता है।

अब हमें यह जानना था कि रवि किशन कब लोकसभा के सांसद चुने गए थे। पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए गूगल सर्च की मदद से हमें पता चला कि 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई 2019 को आए थे। न्‍यूज नेशन की वेबसाइट पर मौजूद खबर के अनुसार, रवि किशन गोरखपुर से चुने गए थे। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने गोरखपुर के सांसद रवि किशन से सीधे संपर्क किया। उन्‍होंने वायरल पोस्‍ट को फर्जी बताते हुए कहा कि यह विज्ञापन काफी पुराना है। इसे गलत संदर्भ के साथ लोग वायरल कर रहे हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में सांसद रवि किशन से जुड़ी पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। रवि किशन के एक पुराने विज्ञापन को कुछ लोग अब बिजली संकट के बीच वायरल कर रहे हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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