Fact Check : यह वीडियो नया नहीं है, 7 साल पहले योगी अग्निपीडि़तों की मदद कर रहे थे

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि वोट खरीदने के लिए नोट बांटा जा रहा है। विश्‍वास टीम की जांच में यह दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो अप्रैल 2012 है। इसे पहली बार योगी आदित्‍यनाथ के निजी फोटोग्राफर ने Youtube पर अपलोड किया था।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

अभिषेक गुप्‍ता नाम के फेसबुक यूजर ने 29 मार्च को करीब 11 बजे योगी आदित्‍यनाथ का एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा : ‘देखो वोट कैसे खरीदा जाता है योगी जी से सीखो!’

इस वीडियो में योगी सोफा पर बैठे हुए हैं। एक आदमी लिस्‍ट में से नाम पढ़कर लोगों को बुला रहा है। जबकि बगल में खड़ा एक शख्‍स को पैसे बांटते हुए देखा जा रहा है।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले पूरे वीडियो को ध्‍यान से सुना। वीडियो से हमें कुछ बातें पता चलीं। जैसे कि मामला खेत और फसलों से जुड़ा हुआ है। InVID में वीडियो को डालकर हमने कई फ्रेम निकालकर गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया तो हमें बड़े मुश्किल से विनय कुमार गौतम नाम के एक शख्‍स के Youtube चैनल पर ओरिजनल वीडियो मिला। यह वीडियो 21 अप्रैल 2012 को अपलोड किया गया था। वीडियो को अब तक 1.49 लाख लोग देख चुके हैं। योगी आदित्यनाथ 2012 में गोरखपुर के सांसद थे।

विश्‍वास टीम ने विनय गौतम मंदिर नाम से बने इस Youtube चैनल को स्‍कैन किया तो पता चला कि इसे 10 जनवरी 2013 को बनाया गया था। इसे 98 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। इस चैनल पर सभी वीडियो योगी आदित्‍यनाथ से जुड़े हुए ही होते हैं।

विनय गौतम की प्रोफाइल को स्‍कैन करने के बाद हमने उनसे संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वे योगी आदित्‍यनाथ के निजी फोटोग्राफर हैं। जब भी योगी गोरखपुर आते हैं तो वे योगी के साथ ही रहते हैं।

वायरल हो रहे वीडियो के बारे में विनय गौतम ने बताया कि गलत संदर्भ में जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह करीब सात साल पुराना है। 20 अप्रैल 2012 को योगी आदित्‍यनाथ अपने संसदीय क्षेत्र के चरगांवा ब्‍लॉक के जीतपुर गांव में उन किसानों की मदद के लिए पहुंचे थे, जिनकी फसल आग लगने से बर्बाद हो गए थे। विनय गौतम बताते हैं कि नुकसान हुई फसलों का सर्वे करवाकर योगी आदित्‍यनाथ निजी तौर पर किसानों की मदद करते हैं। यह वीडियो भी एक ऐसी ही मदद का है।

अंत में हमने उस फेसबुक यूजर के फेसबुक पेज की सोशल स्‍कैनिंग की, जो योगी आदित्‍यनाथ के वीडियो को गलत संदर्भ में वायरल कर रहा है। अभिषेक गुप्‍ता (@abhishekguptasocialworker) ने यह पेज 3 अक्‍टूबर 2018 को बनाया था। इस पेज पर अधिकांश पोस्‍ट भाजपा नेता के खिलाफ होती है। Stalkscan टूल की मदद से हमें पता चला कि अभिषेक गुप्‍ता लखनऊ से हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की जांच में पता चला कि योगी आदित्‍यनाथ का वायरल वीडियो सात साल पुराना है। इसे 20 अप्रैल 2012 को बनाया गया था। इसमें योगी उन किसानों की मदद कर रहे हैं, जिनकी फसलों को नुकसान हुआ था।

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Symbols that define nature of fake news
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