नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें ताजा ब्रेकिंग न्यूज टैग के साथ एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया गया है – ”मध्य प्रदेश के बीना बाजार में बिना नंबर की स्कूल गाड़ी और 3 बोलेरो जीप में सैकड़ों EVM मशीन strong room में रखते हुए कुछ लोग पकड़े गए।” कैप्शन पढ़कर लग रहा है कि जैसे घटना हाल-फिलहाल के दिनों की है।
विश्वास टीम ने जब इस वीडियो की जांच की तो यह पिछले साल हुए मप्र में हुए विधानसभा चुनाव का निकला। उस वक्त इस घटना को लेकर काफी बवाल भी मचा था, लेकिन अब एक बार फिर इस वीडियो को वायरल किया जा रहा है।
21 मार्च को रात 9:36 बजे The glory of the nation (ਕੌਮ ਦੀ ਸ਼ਾਨ) नाम के फेसबुक पेज से अपलोड एक वीडियो के साथ लिखा गया है : ”ताजा ब्रेकिंग न्यूज, मोदी,शाह,चुनाव आयोग की मिलीभगत की खुली पोल। मध्य प्रदेश के बीना बाजार में बिना नंबर की स्कूल गाड़ी और 3 बोलेरो जीप में सैकड़ों EVM मशीन strong room में रखते हुए पकड़े गये। कोई भी जिम्मेदार अधिकारी जवाब दे नही पा रहा है तभी तो मोदी शाह डंके की चोट कहते हैं कि सरकार हमारी ही बनेंगी…!”
3:13 मिनट के इस वीडियो को अब तक 80 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है। शेयर करने वालों की संख्या पांच हजार से अधिक है। इस वीडियो पर कई तरह के कमेंट हैं। कुछ इस वीडियो को फर्जी बता रहे हैं तो कुछ पुराना। कुछ भाजपा पर निशाना साध रहे हैं तो कुछ यूजर्स कांग्रेस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता जानने के लिए विश्वास टीम ने इसकी पड़ताल की। सबसे पहले हमने InVID टूल की मदद से वीडियो के कई फ्रेम निकाल कर गूगल रिवर्स इमेज की मदद से इससे जुड़ी खबर सर्च करना शुरू किया। हमें newscentral24x7.com की खबर का एक लिंक मिला। वेबसाइट पर इस खबर को एक दिसंबर 2018 को अपलोड किया गया था।
वायरल वीडियो में दिख रही बस और खबर की बस की तुलना करने पर हमें कई बातें पता चलीं।
दोनों बसें एक ही हैं। यदि आप नीचे की दोनों तस्वीरों को ध्यान से देखेंगे तो बस के पास दिख रही बिल्डिंग की बनावट एक सी है। इतना ही नहीं, दोनों तस्वीरों में दिख रही बस के सामने फूलों की माला भी लटकी हुई है। इसके अलावा नंबर प्लेट की जगह भी खाली है।
इसके अलावा कुछ और बातें साफ हुईं…
खबर की तह में जाने के लिए हमने कांग्रेस और चुनाव आयोग के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालने का फैसला किया। हमें मप्र कांग्रेस का एक ट्वीट मिला। इसे 30 नवंबर 2018 को सुबह ट्वीट किया गया था। इसमें ईवीएम को बदलने की सरकारी साजिश का आरोप लगाया गया था। इस ट्वीट में भी वायरल वीडियो वाली बस नजर आ रही है।
मप्र कांग्रेस के ट्वीट के कुछ ही देर बाद मप्र चुनाव आयोग की तरफ से आरोपों का जवाब देते हुए ट्वीट किया गया था। यह ट्वीट @CEOMPElections ट्विटर हैंडल की ओर से किया गया था। इसमें कहा गया था कि पुलिस स्टेशन में कुछ ईवीएम रिजर्व के लिए रखी गई थी। ताकि जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके।
अंत में हमने पुराने वीडियो को अब वायरल करने वाले फेसबुक पेज The glory of the nation की सोशल स्कैनिंग की। stalkscan से हमें पता चला कि यह पेज 2 नवंबर 2017 को बनाया गया है। इस पेज को 15 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया हुआ है, जबकि इसे 31 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की पड़ताल में वायरल वीडियो पुराना साबित हुआ। 30 नवंबर 2018 के वीडियो को अब लोकसभा चुनाव के माहौल के बीच वायरल किया जा रहा है। ओरिजनल वीडियो मप्र विधानसभा चुनाव के दौरान सागर जिले का है।
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