Fact Check : वायरल हो रही इस तस्‍वीर का उज्‍ज्वला योजना से कोई लेना-देना नहीं है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। सोशल मीडिया पर एलपीजी गैस चूल्‍हे की एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्‍वीर पीएम नरेंद्र मोदी की उज्‍ज्वला योजना की सच्‍चाई बयां कर रही है। विश्‍वास टीम की जांच में पता चला कि जिस तस्‍वीर को उज्‍ज्वला योजना के नाम फैलाया जा रहा है, वह दरअसल 2015 में कई वेबसाइट पर यूज की गई थी। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) को 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में लॉन्‍च किया गया था।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर रोहित राय ने गैस चूल्‍हे की एक तस्‍वीर अपने अकाउंट पर अपलोड की। इस तस्‍वीर में गैस चूल्‍हे के अंदर लकड़ी और कोयला देखा जा सकता है। 28 अप्रैल को अपलोड इस तस्‍वीर के साथ दावा किया गया है कि यह नरेंद्र मोदी की उज्‍ज्वला योजना की सच्‍चाई है। इस पोस्‍ट को 160 से ज्‍यादा बार शेयर किया गया है।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने इस पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए इसकी पड़ताल की। गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से जब इस तस्‍वीर को हमने गूगल में सर्च किया तो हमें सैकड़ों जगह यह तस्‍वीर दिखी। चूंकि उज्‍ज्वला योजना 1 मई 2016 को लॉन्‍च हुई थी। उज्‍ज्वला योजना के वेबसाइट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलिया से 1 मई 2016 को इस योजना का शुभारम्‍भ किया था।

यह जानकारी आप PIB के प्रेस नोट में नीचे भी पढ़ सकते हैं।

योजना 2016 में लॉन्‍च हुई थी, इसलिए हमने गूगल इमेज में 2016 से पहले की डेट से वायरल तस्‍वीर को खोजना शुरू किया।

वायरल तस्‍वीर हमें weirdindia.blogspot.com पर मिली। इसे 13 दिसंबर 2015 को अपलोड किया गया था। यानी यह तय था कि जिस गैस चूल्‍हे को प्रधानमंत्री की उज्‍ज्वला योजना से जोड़ा जा रहा है, वह पुरानी है।

इसके बाद हमने वायरल पोस्‍ट के ऊपर लगे लोगो के बारे में पता लगाया। इस पर www.rvcj.in लिखा हआ था। जब हमने गूगल में इसे सर्च किया तो हमें पता चला कि यह एक एंटरटेनमेंट वेबसाइट है। इस वेबसाइट पर ह्यूमर से जुड़ी कई पोस्‍ट हैं। इसके अलावा भारतीय जुगाड़ से जुड़ी कई पोस्‍ट इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

अब बारी थी वायरल पोस्‍ट को अपलोड करने वाले फेसबुक यूजर के सोशल स्‍कैनिंग की। Stalkscan की मदद से हमने रोहित राय के फेसबुक पेज को स्‍कैन किया। हमें पता चला कि इस अकाउंट को 16 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। रोहित मुरादाबाद के रहने वाले हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की जांच में पता चला कि वायरल तस्‍वीर उज्‍ज्वला योजना के लॉन्‍च होने से पहले की है।

पूरा सच जानें…

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False
Symbols that define nature of fake news
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