नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि जब सुभाषचंद्र बोस अपनी फौज का गठन कर रहे थे, तब RSS इंग्लैंड की महारानी को सलाम ठोक रहे थे। इस पोस्ट में कथित रूप से संघ के कार्यकर्ताओं को इंग्लैंड की महारानी के सामने खड़े हुए देखा जा सकता है। विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ। महारानी और संघ कार्यकर्ताओं की तस्वीरों को छेड़छाड़ करके फर्जी तस्वीर तैयार की गई है।
सोशल मीडिया पर यह तस्वीर कई बार पहले भी वायरल हो चुकी है। इस बार फेसबुक यूजर ब्रजेश चौधरी ने अपलोड की है। 25 मार्च की देर रात अपलोड की गई पोस्ट में संघ के कार्यकर्ताओं को कथित रूप से इंग्लैंड की महारानी के सामने खड़ा हुआ देखा जा सकता है।
विश्वास टीम ने वायरल तस्वीरों की सच्चाई जानने के लिए कई पार्ट में पड़ताल की। सबसे पहले हमने संघ कार्यकर्ताओं के साथ कथित रूप से दिख रहीं महारानी वाली तस्वीर को क्रॉप करके गूगल रिवर्स इमेज में खोजा। यहां हमें asianage.com की एक खबर का लिंक मिला।
यह खबर 23 अक्टूबर 2018 को अपलोड की गई है। इस खबर में उसी तस्वीर का यूज किया गया था, जो महारानी के साथ संघ कार्यकर्ताओं की वायरल हो रही है। यह रंगीन तस्वीर है, जबकि वायरल तस्वीर को ब्लैक एंड व्हाइट कर दी गई।
ओरिजनल तस्वीर को ध्यान से देखेंगे तो उसमें वही चेहरे दिखेंगे, जो महारानी वाली तस्वीर में मौजूद हैं। ओरिजनल तस्वीर पीटीआई की है।
इसके बाद जब हमने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की उस तस्वीर को सर्च करना शुरू किया, जिसके साथ छेड़छाड़ की गई। गूगल रिवर्स इमेज में जब हमने इस तस्वीर को सर्च किया तो कई पेजों को स्कैन करने के बाद हमें आखिरकार ओरिजनल तस्वीर मिल ही गई।
ओरिजनल तस्वीर gettyimages की साइट पर मौजूद है। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, तस्वीर 2 फरवरी 1956 की है। उस वक्त महारानी काडुना एयरपोर्ट गई थीं। मौजूदा जानकारी के अनुसार, महारानी को रॉयल वेस्ट अफ्रीकन फ्रंटियर फोर्स की क्वीन्स ऑन नाइजीरिया रेजीमेंट की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था। यह तस्वीर उसी वक्त की है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रमुख राजीव तुली ने विश्वास टीम से बातचीत में बताया कि वायरल तस्वीर फर्जी है। जिन लोगों को संघ की विचारधारा से डर लगता है, वही लोग हमें बदनाम करने के लिए ऐसी हरकत करते हैं।
अंत में हमने उस शख्स के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की, जिसने फर्जी तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया। इनके फेसबुक अकाउंट पर दी गई जानकारी के अनुसार, ब्रजेश समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं। उन्नाव और कानपुर में रह चुके ब्रजेश फिलहाल लखनऊ में रहते हैं। Stalkscan की मदद से हमें पता चला कि यह अकाउंट जनवरी 2015 में बनाया गया है।
निष्कर्ष : हमारी जांच में पता चला कि जिस एलिजाबेथ द्वितीय और संघ की तस्वीरों से छेड़छाड़ की गई है। दो अलग-अलग तस्वीरों को मिलाकर एक फर्जी तस्वीर तैयार की गई है।
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