नई दिल्ली (विश्वास टीम)। फेसबुक पर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का फर्जी बयान वायरल हो रहा है। दोनों नेताओं के फर्जी बयानों से जुड़ी अखबार की फेक क्लिपिंग को वायरल किया जा रहा है। विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि दोनों बयान फर्जी है। भाजपा के दोनों नेताओं ने ऐसा बयान नहीं दिया, जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है। अखबार की पुरानी कटिंग के ऊपर दोनों नेताओं की तस्वीर लगाकर फर्जी हेडिंग लगाई गई है।
सुरेंद्र यादव नाम के फेसबुक यूजर ने अखबार की कटिंग को शेयर करते हुए लिखा कि भाइयों बड़ी मुश्किल से मिला है ये आज कमरे की सफाई करते हुए। कटिंग के ऊपरी हिस्से में अमित शाह का बयान है। इसकी हेडिंग है ‘कभी नहीं बनेगा राम मंदिर : अमित शाह’ और दूसरा बयान पीएम मोदी के नाम पर है। इसमें लिखा है ‘हिन्दुओं का भरोसा जितने के लिए मुस्लिम किसानों को मरवाना जरूरी था : नरेंद्र मोदी’।
सबसे पहले हमनें वायरल हो रही है न्यूज कटिंग को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया तो हमें कई जगह यह कटिंग मिली। फेसबुक से लेकर ट्विटर तक पर यह कई साल से वायरल हो रही है। गूगल रिवर्स इमेज से हमें अखिलेश यादव के ट्विटर हैंडल का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट के नीचे कमेंट में किसी यूजर ने एक कटिंग को अपलोड करते हुए अखिलेश से सवाल पूछा। यह कटिंग भी शाह-मोदी की कटिंग की तरह थी। इसमें एक खबर की हेडिंग थी, “कभी नहीं बनने देंगे राम मंदिर : अखिलेश यादव।” दूसरी खबर की हेडिंग थी, “मुलायम : मुसलमानों का भरोसा जितने के लिए हिंदुओं पर गोलियां चलवाना जरुरी था” मोदी-शाह की खबर और मुलायम-अखिलेश की कटिंग का लेआउट एक ही जैसा था।
हमारी जांच में पता चला कि अखिलेश और मुलायम के नाम पर वायरल हो रही खबर में भी छेड़छाड़ की गई थी। सबसे पहले बात करते हैं अखिलेश यादव के नाम पर मौजूद फर्जी कटिंग की। ”कभी नहीं बनने देंगे राम मंदिर : अखिलेश यादव” वाली कटिंग को हमने InVID के Magnifier टूल से जूम कर के पढ़ने की कोशिश की। इससे हमें पता चला कि यह खबर यूपी के चौरासी कोसी परिक्रमा से जुड़ी हुई थी। इसके अलावा खबर के अंदर तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, विहिप के तत्कालीन अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल का बयान पढ़ा जा सकता है। खबर में कहीं भी राम मंदिर का जिक्र तक नहीं है। यानि मूल खबर की हेडिंग से छेड़छाड़ करके इसके ऊपर अखिलेश यादव का फर्जी बयान चिपकाया गया है।
दैनिक जागरण की वेबसाइट ने मूल खबर 23 अगस्त 2013 को प्रकाशित की थी। यह आप यहां लिंक में पढ़ सकते हैं। इस खबर की हेडिंग थी – 84 कोसी परिक्रमा पर गरमायी सियासत।
इसके बाद हमने मुलायम सिंह के नाम वायरल हुई पुरानी फर्जी खबर का एनालिसिस किया। खबर को ध्यान से पढ़ने पर पता चला कि मुलायम सिंह ने कहीं भी हिंदू शब्द का उपयोग अपने भाषण में नहीं किया था। हमारी जांच में पता चला कि मुलायम सिंह यादव ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के मैनपुरी जिले में स्थित करहल में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि वह ऐसा नहीं करते तो देश के मुसलमानों का सपा से विश्वास टूट जाता।
इसके बाद हमने गूगल में खबर की लाइन टाइप करके सर्च की तो हमें अमर उजाला की वह खबर मिल गई, जिसकी हेडिंग से छेड़छाड़ करके सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। 7 फरवरी 2014 को इसकी वेबसाइट पर प्रकाशित खबर और वायरल खबर का कंटेंट एक ही है। सिर्फ दोनों की हेडिंग में अंतर है। वेबसाइट की खबर की हेडिंग है – ‘गोली नहीं चलवाता तो मुसलिमों का भरोसा टूट जाता’
नीचे इमेज में आप मोदी-शाह और मुलायम-अखिलेश की फर्जी खबरों को देख सकते हैं। नंबर 1 को ध्यान से देखेंगे तो वहां 80 कोशी परिक्रमा लिखा हुआ दिखेगा। इसी तरह नंबर 2 पर दोनों खबरों में एक ही लाइन लिखी है कि संतों को मोहरा बना रही है भाजपा : सपा। इसके बाद अब आते हैं नंबर 3 पर। यहां आप साफतौर पर देख सकते हैं कि दोनों जगह एक ही कटेंट है। जिसका शीर्षक है कि न्यूज चैनल झूठे, प्रिंट मीडिया ठीक।
पड़ताल में पता चला कि मुलायम सिंह की खबर के साथ भी छेड़छाड़ की गई और हेडिंग को पूरी तरह बदल दिया गया।
अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले सुरेंद्र यादव के फेसबुक पेज का सोशल स्कैन किया। stalkscan.com की मदद से जब हमने इसका एनालिसिस किया तो पता चला कि सुरेंद्र यादव की अधिकांश पोस्ट भाजपा के खिलाफ होती है। लखनऊ में रहने वाले इस फेसबुक यूजर को 2495 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि दो अखबारों की क्लिपिंग के साथ छेड़छाड़ करके उसके ऊपर मोदी और शाह के नाम से फर्जी बयान चिपकाया गया। ऐसा कोई बयान इन दोनों नेताओं ने नहीं दिया।
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