Fact Check : गोंडा की घटना के नाम पर वायरल हो रही छह साल पुरानी तस्‍वीर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। सोशल मीडिया पर जलते हुए एक आदमी की तस्‍वीर वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर के बारे में यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्‍वीर यूपी के गोंडा जिले की है। कहा जा रहा है कि कुछ दिन पहले एक खास समुदाय के लोगों ने एक युवक को जला दिया था। विश्‍वास टीम की जांच में पता चला कि घटना तो घटी थी, लेकिन जिस तस्‍वीर को उक्त घटना की बताया जा रहा है, वह फेक है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

पिछले कई दिनों से फेसबुक से लेकर ट्विटर तक पर एक आदमी की जलती हुई तस्‍वीरें वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर के जरिए एक खास समुदाय को निशाने पर लिया जा रहा है। Brijendra Shukla नाम के फेसबुक यूजर ने भी 19 मई को इस तस्‍वीर को अपलोड किया। इसे अब तक 130 से ज्‍यादा बार शेयर किया जा चुका है।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले वायरल हो रही पोस्‍ट में से तस्‍वीर को क्रॉप करके गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। गूगल में हमें यह तस्‍वीर कई जगह मिली, लेकिन सबसे पुराना लिंक हमें Youtube के एक चैनल का मिला। @hetal893 नाम के इस चैनल पर 36 सेकंड का एक वीडियो अपलोड किया हुआ है। इसे 25 मार्च 2013 को अपलोड किया गया था। इससे एक बात तो साफ हुई कि वीडियो छह साल पहले ही Youtube पर अपलोड किया गया था। अब वायरल हो रही तस्‍वीर इसी वीडियो से ली गई है।

अब हमें यह जानना था कि कुछ दिन पहले गोंडा में क्‍या हुआ था? इसके लिए सबसे पहने हमने दैनिक जागरण के ईपेपर को खंगालना शुरू किया। 20 मई के गोंडा संस्‍करण में हमें एक खबर मिली। पेज नंबर 4 पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, 14 मई को देर शाम विष्‍णु कुमार अपने भाई के साथ पिता को लेने के लिए जमुनियाबाग गया था। वहां कुछ युवकों से उसका विवाद हो गया। जिसके बाद उसे पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया गया। पांच दिनों तक मौत से जंग लड़ने के बाद रविवार (19 मई) को उसकी मौत हो गई। पूरी खबर आप नीचे पढ़ सकते हैं।

इसके बाद हमने गोंडा पुलिस के ट्विटर हैंडल (@gondapolice) को खंगाला। यहां हमें 19 मई को किया गया एक ट्वीट मिला। इसमें साफतौर पर कहा गया कि 6 साल पुराने एक व्‍यक्ति के जलने के फोटो और वीडियो को जमुनिया बाग की घटना से जोड़कर प्रसारित करने वालों के खिलाफ सख्‍त एक्‍शन लिया जाएगा।

अंत में हमने गोंडा के नाम फर्जी तस्‍वीर पोस्‍ट करने वाले फेसबुक यूजर बृजेन्द्र शुक्ला की सोशल स्‍कैनिंग की। रीवा के रहने वाले बृजेन्द्र शुक्ला को आठ हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। Stalkscan से हमें पता चला कि उन्‍होंने सितंबर 2017 को फेसबुक पर अपना पेज बनाया था।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की जांच में पता चला कि गोंडा की घटना के नाम पर जिस तस्‍वीर को फैलाई जा रही है, वह छह साल पुराने एक वीडियो की है। इस तस्‍वीर का गोंडा की घटना से कोई संबंध नहीं है।

पूरा सच जानें…

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False
Symbols that define nature of fake news
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