Fact Check : हरियाणा के भाजपा नेता से मारपीट के नाम पर वायरल हुई फेक तस्‍वीर

Fact Check : हरियाणा के भाजपा नेता से मारपीट के नाम पर वायरल हुई फेक तस्‍वीर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। सोशल मीडिया की दुनिया में एक पुरानी तस्‍वीर फिर से घूमकर वापस आ गई है। इस बार इस तस्‍वीर के बारे में दावा किया गया है कि यह हरियाणा के करनाल स्थित भाजपा ऑफिस में पार्टी के वरिष्‍ठ नेता अशोक सुखीजा के साथ मारपीट की है। विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि जिस तस्‍वीर को करनाल की बताकर वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह वेस्‍ट बंगाल के हावड़ा की पुरानी तस्‍वीर है। यह तस्‍वीर 2016 के अप्रैल महीने की है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

फेसबुक पर रोड एकता मंच (@ror.ekta.9) नाम के अकाउंट से 5 मई 2019 को शाम 5 बजे एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए दावा किया गया है : ”ये आज करनाल कि भाजपा कार्यलय कि तस्वीर है जहां पर आशोंक सुखिजा को बुरी तरह पिटा गया।”

इस पोस्‍ट को 100 से अधिक लोग अब तक शेयर कर चुके हैं। कमेंट करने वाले भी कम नहीं है।

पड़ताल

सबसे पहले हमने अशोक सुखीजा की ओरिजनल तस्‍वीर गूगल से सर्च करके वायरल हो रही तस्‍वीर से तुलना की तो पता चला कि वायरल तस्‍वीर वाला शख्‍स अशोक सुखीजा है ही नहीं।

इसके बाद फिर विश्‍वास टीम ने अशोक सुखीजा के नाम पर वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। यह तस्‍वीर अलग-अलग दावों के साथ कई पेजों पर मौजूद दिखी। 2016 से यह तस्‍वीर लगातार वायरल हो रही है। कभी यूपी के नाम पर तो कभी बंगाल के नाम पर।

इसके बाद हम अपनी जांच आगे बढ़ाते गए। हमारी पड़ताल में पता लगा कि 2016 में वेस्‍ट बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहे थे। रूपा गांगुली को भाजपा ने हावड़ा से टिकट दिया था। 3 अप्रैल 2016 को रूपा गांगुली के सामने ही कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। उस वक्‍त यह खबर काफी चर्चा में रही थी।

इसके बाद हमने InVID टूल की मदद से इससे जुड़े पुराने ट्विटर सर्च करना शुरू किया। InVID में अप्रैल 2016 की डेट सेट करने के बाद हमने अलग-अलग संबंधित कीवर्ड टाइप करके सर्च किया। हमें ANI का एक पुराना ट्वीट मिला। इससे यह तो साबित हो गया कि अप्रैल 2016 में रूपा गांगुली के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं के दो ग्रुप आपस में भिड़ गए थे। इसमें छह लोग घायल हो गए थे। यह ट्वीट आप यहां देख सकते हैं।

खोज के दौरान ही हमें सन्‍नी भुल्‍लर नाम के एक ट्विटर हैंडल से कुछ और तस्‍वीर मिली। इन तस्‍वीरों में एक तस्‍वीर वह भी थी, जो अब करनाल के नाम पर वायरल हो रही है। इसे 5 अप्रैल 2016 को अपलोड किया गया था। यानि की अब वायरल तस्‍वीर दरअसल तीन साल पुरानी है।

इसके बाद अब हमें यह जानना था कि अचानक से अशोक सुखीजा क्‍यों चर्चा में आए गए? कौन हैं अशोक सुखीजा? गूगल में नॉर्मल सर्च में हमें पता चला कि अशोक सुखीजा करनाल भाजपा के पूर्व जिलाध्‍यक्ष हैं। 4 मई को करनाल के भाजपा चुनाव कार्यालय में दो भाजपाई आपस में भिड़ गए थे। उस दौरान अशोक सुखीजा पर भी हाथ दिया गया था।

इस संबंध में विश्‍वास टीम ने अशोक सुखीजा से बात की। उन्‍होंने बताया कि जिस तस्‍वीर की बात आप कर रहे हैं, वह मेरी नहीं है। मुझे बदनाम करने की यह विरोधियों की साजिश है। करनाल में मारपीट जैसी कोई घटना नहीं हुई थी। कुछ लोग बस उत्‍तेजित हो गए थे।

अंत में हमने हावड़ा की तस्‍वीर को करनाल की घटना बताते हुए वायरल करने वाले ‘रोड एकता मंच’ के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की। इससे हमें पता चला कि यह अकाउंट करनाल से जुड़ा हुआ है। StalkScan टूल की मदद से पता चला कि करनाल के लोकसभा प्रत्‍याशी पंकज रोड के समर्थन में इस अकाउंट पर खबरें, तस्‍वीरें पोस्‍ट की जाती हैं। पंकज लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी और बसपा गठबंधन के प्रत्‍याशी हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में सोशल मीडिया में वायरल हो रही तस्‍वीर फेक है। फोटो में हरियाणा के भाजपा नेता अशोक सुखीजा नहीं हैं। वायरल तस्‍वीर वेस्‍ट बंगाल के हावड़ा की 2016 की है।

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False
Symbols that define nature of fake news
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