नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पुलिस वाले सड़क पर चलते आम चालकों को पीटते हुए नज़र आ रहे हैं और इस वीडियो क्लिप पर यह दावा किया जा रहा है कि यह पुलिस उत्तर प्रदेश की है। विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फेक साबित हुआ।
तारीख 22 जून को फेसबुक के एक पेज Parisangh All India पर एक वीडियो अपलोड होता है जिसके डिस्क्रिप्शन में लिखा होता है, “उत्तर प्रदेश में रोज़ पुलिस अत्याचार करती है देखिए और शेयर करे।” वीडियो में कुछ पुलिस वाले सड़क पर चलते आम चालकों को पीट रहे हैं और यह दावा किया जा रहा है कि यह पुलिस वाले उत्तर प्रदेश के हैं।
विश्वास टीम ने सबसे पहले गूगल पर इस वीडियो को सर्च करना शुरू किया। गूगल पर हमें अलग-अलग भाषा में इस वीडियो की तमाम क्लिप मिलनी शुरू हुई। हमने एक-एक करके वीडियो को देखना शुरू किया सब में एक जैसे विज़ुअल्स थे मगर हेडलाइन अलग थी, एक हेडलाइन पंजाबी भाषा की थी जिसमें लिखा था, “अपने नागरिकों की सेवा करती हुई हिंदुस्तानी पुलिस ” और दूसरे वीडियो में जिसमें अरेबिक भाषा में लिखा हुआ था ” देखो पुलिस क्या कर रही हैं लोगों के साथ ” |
फिर हमने इस वीडियो को फ्रेम दर फ्रेम ध्यान से देखना शुरू किया और कुछ बिंदुओं पर ध्यान दिया पहला – कनक न्यूज़ का लोगो
दूसरा – विजुअल में दिख रहा पीछे की तरह साइन बोर्ड जिसमें उडिया भाषा में लिखा हुआ है।
तीसरा– बाइक वाले को जब पुलिस मार रही है उसके पीछे की तरफ एक माइल स्टोन दिख रहा है उस पर भी उडिया भाषा में लिखा है इसके लिए हमने वायरल वीडियो को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके खोजना शुरू किया। कई पेजों को स्कैन करने के बाद आखिरकार हमें ओरिजनल वीडियो मिल ही गया। हमने इस वीडियो को देखा तो हमें वो तमाम वीडियो शॉट्स मिले जो दावा किए गए वीडियो में शामिल थे और अगर ये वीडियो उत्तर प्रदेश का होता तो साइन बोर्ड पर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में लिखा हुआ दिखता, जबकि कनक न्यूज़ ओडिशा का चैनल है।
जाँच-पड़ताल की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए न्यूज़ पर इस वीडियो को तलाशना शुरू किया और जानने की कोशिश कि की ये वीडियो कब का है|
हमने कनक न्यूज़ के वीडियो सेक्शन में जाकर इस वीडियो को खोजना शुरू किया तब हमें यह ओरिजिनल वीडियो मिल गया, यह वीडियो करीब दो साल पुराना है, यह 8 अप्रैल 2017 को अपलोड किया गया | जिसकी हेडलाइन थी “Situation In Bhadrak Is Under Control Since Last Evening: Police DG”
अब विश्वास टीम ने कनक न्यूज़ से संपर्क साधा और हमारी बात कनक न्यूज़ के एडिटर मनोरंजन मिश्रा से हुई जिन्होंने बताया, “यह वीडियो पुराना है और 2017 के भद्रक दंगों के वक़्त का है, जिसमें हमने ये स्टोरी कवर की थी।”
अब बारी थी उस फेसबुक पेज के सोशल स्कैनिंग की जिस पर इस वीडियो को अपलोड किया गया था। यह पेज जुलाई 1997 को बनाया गया है। इसके डिस्क्रिप्शन में परिचय दिया गया है- “All India Confederation of SC/ST Organisations was formed in 1997 by Dr. Udit Raj, ex-IRS and presently a Member of Parliament (Lok Sabha) Delhi.”
निष्कर्ष : विश्वास टीम की पड़ताल में साबित हुआ कि वायरल वीडियो पर किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है यह वीडियो ओडिशा का है न की उत्तर प्रदेश का |
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