नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि हिमाचल पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो अलग-अलग जाति एवं समुदाय के नाम से फर्जी आईडी बनाकर दूसरे जाति-समुदाय के लोगों के बारे में गलत बातें लिखा करता था। फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, इस व्यक्ति को हिमाचल पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसका नाम मोहम्मद अहमद है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह पोस्ट गलत निकला। हिमाचल प्रदेश में ऐसी कोई घटना नहीं हुई और जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है, वह भारत में नहीं रहते हैं।
The Rising INDIA फेसबूक यूजर्स की प्रोफाइल से शेयर किए गए पोस्ट में एक तस्वीर के साथ यह दावा किया गया है, ”इनलोगों का मकसद बस एक ही हैं हिन्दुओं की एकता को भंग करके जातिगत अन्तर स्थापित करना.. इनलोगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है..”
पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर में लिखा गया है, ‘यादव की ID बनाकर ब्राह्मण को गाली, ब्राह्मण की ID बनाकर दलित को गाली। असल में निकला मोहम्मद अहमद। हिमाचल पुलिस ने किया मोहम्मद अहमद को गिरफ्तार। फेसबुक पर हिंदू नाम से ID बनाकर देता था रामायण, गीता को गालियां। एक जाति की ID बनाकर दूसरी जाति वालों को देता था गालियां। पुलिस ने पकड़ा तो निकला मोहम्मद अहमद। हिंदू नाम से फेसबुक ID बनाकर हिंदुओं को गाली देने वाला निकला मोहम्मद अहमद गिरफ्तार।’
सबसे पहले हमने वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर की सत्यता को जांचने का फैसला किया। सर्च के दौरान हमें एक फेसबुक प्रोफाइल मिली, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था।
प्रोफाइल में दी गई जानकारी के मुताबिक जीशान-उल-हसन उस्मानी का परिचय इस प्रकार है।
‘’I read, travel, code & write. I’m a freelance Data Science, Blockchain & AI consultant. Follow my page to learn emerging technologies & future skills.’’
हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है- ‘मैं पढ़ना, यात्रा करना और लिखना पसंद करता हूं। मैं डाटा साइंस, ब्लॉकचेन और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) के क्षेत्र में फ्रीलांसिंग करता हूं। भविष्य की तकनीक को जानने के लिए मेरे पेज को फॉलो करें।’
इसी प्रोफाइल में हमें ट्विटर आईडी का भी लिंक मिला, जो समान नाम से हैं। जीशान उस्मानी (Zeeshan Usmani/ @zeeshanusmani) के नाम से बने इस प्रोफाइल और फेसबुक प्रोफाइल में समान तस्वीरें और समान परिचय दिया गया है।
और दोनों ही प्रोफाइल से एक समान पोस्ट किए जाते रहे हैं, जिसे यहां देखा जा सकता है।
समान समय पर ट्विटर प्रोफाइल से यही पोस्ट शेयर किया गया है।
सर्च में हमें उनकी आधिकारिक लिंक्डइन प्रोफाइल मिली, जिसमें उन्होंने अपने बारे में वहीं जानकारी दे रखी है, जो ट्विटर और फेसबुक पर साझा की गई हैं।
लिंक्डइन पर जीशान ने अपने वेबसाइट का लिंक (http://zeeshanusmani.com/) भी शेयर किया है और खुद के अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहने की जानकारी दी है।
यानी जिस व्यक्ति को मोहम्मद अहमद बताते हुए हिमाचल प्रदेश में उनकी गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है, वह अमेरिका में रहने वाले व्यक्ति जीशान उस्मानी हैं और पेशे से वह डाटा साइंटिस्ट हैं।
इस मामले को लेकर विश्वास न्यूज ने शिमला साइबर सेल के एसपी संदीप धवल से बात की। धवल ने बताया, ‘साइबर सेल के पास ऐसी किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।’
इसके बाद जब हमने मोहम्मद अहमद नाम के किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के बारे में सर्च किया तो हमें उत्तर प्रदेश के हमीरपुर पुलिस का एक ट्वीट मिला। 27 सितंबर 2017 किए गए ट्वीट में हमीरपुर (उत्तर प्रदेश) पुलिस ने फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर अश्लील कमेंट करने के मामले मोहम्मद अहमद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी दी है।
हमीरपुर पुलिस के मुताबिक, ’26 सितंबर 2017 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व जिला संयोजक और हिंदू युवा वाहिनी के उपाध्यक्ष सुंदरम सिंह ने शिकायत देते हुए बताया था कि उनके नाम से कोई व्यक्ति फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर लगातार आपत्तिजनक पोस्ट और अभद्र अश्लील मैसेज भेजता है और सांप्रदायिक दंगा फैलाने की साजिश कर रामायण और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों पर टिप्पणी कर रहा, जिससे पूरे मौदहा में आम जन में रोष व्याप्त है।’
मामले की जांच कर पुलिस ने इस मामले में आरोपी मोहम्मद अहमद को गिरफ्तार किया था और इस घटना की जानकारी दी थी।
निष्कर्ष: मोहम्मद अहमद नाम के जिस व्यक्ति को फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर अश्लील मैसेज किए जाने के मामले में गिरफ्तार किया गया, वह उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले का मामला था, जबकि वायरल पोस्ट में दावा किया गया था कि यह घटना हिमाचल प्रदेश की है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में भी हमीरपुर नाम की जगह है। इसके साथ ही मोहम्मद अहमद का दावा करते हुए जिस व्यक्ति की तस्वीर को वायरल किया गया है, वह अमेरिका में रहने वाले डाटा साइंटिस्ट जीशान उस्मानी का है, जिसका इस घटना से कोई संबंध नहीं है।
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