Fact Check : जामिया आंदोलन में जेल गईं सफूरा हैं शादीशुदा, उनकी प्रेग्‍नेंसी को लेकर उड़ाई जा रही है आपत्तिजनक और झूठी बातें

सफूरा जरगर की निजी जिंदगी और उनकी प्रेगनेंसी को लेकर किए जा रहे दावे न केवल झूठे हैं बल्कि आपत्तिजनक भी हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये सारे दावे गलत पाए गए हैं।

Fact Check : जामिया आंदोलन में जेल गईं सफूरा हैं शादीशुदा, उनकी प्रेग्‍नेंसी को लेकर उड़ाई जा रही है आपत्तिजनक और झूठी बातें

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में एंटी CAA प्रोटेस्ट के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में जेल गई जामिया मिलिया इस्लामिया की स्कॉलर और एक्टिविस्ट सफूरा जरगर को लेकर किए गए पोस्ट संकलित कर वीडियो तैयार किया गया है। इस पोस्ट में दावा किया गया है कि सफूरा बिना शादी के प्रेगनेंट हुई थीं और इस बात का खुलासा जेल प्रशासन की जांच में हुआ है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में सफूरा जरगर को लेकर किए गए ये आपत्तिजनक दावे झूठे पाए गए हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में

इंस्टाग्राम पर inklaab5 नाम के यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया है। इस पोस्ट में कैप्शन में लिखा है, ‘#शेरनी के पेट में #शेरु  नाम : #सफूरा_जरगर स्थान: #दिल्ली_जेल वजह: शाहीन बाग की शेरनी दिल्ली दंगों की साजिश में शामिल थी…रोने :- #तीनमाह की #गर्भवती है पर ये तो खुशी की बात है तो ये रो क्यों रही है? रोये न तो क्या करे…#JNU में होती तो बात रफा दफा हो जाती मगर अब ये कुंआरी कन्या जेल में है और तबियत खराब होने पर चैकअप न करवा रही थी पर जेल प्रशासन ने जब नियमों के तहत कैदी का चैकअप करवाया तो कलई खुल गई।’

पड़ताल

इस पोस्ट को दावों को हमने अलग-अलग हिस्से में बांटा। इसमें मुख्य रूप से दो दावे किए गए हैं। पहला दावा ये कि सफूरा जरगर की शादी नहीं हुई है। दूसरा दावा ये कि सफूरा के प्रेगनेंसी की बात जेल के चेकअप में पता चली।

हमारी पड़ताल में हमने जरूरी कीवर्ड्स से सफूरा जरगर की गिरफ्तारी की खबर को सर्च किया। हमें सफूरा जरगर से जुड़ी जागरण की एक स्टोरी मिली जिसमें साफ-साफ लिखा है कि मेडिकल जांच से पहले सफूरा ने डॉक्टर को खुद बता दिया था कि वो प्रगेनेंट हैं।

इसके अलावा दूसरी मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं जिनमें जामिया कोआर्डिनेशन कमिटी के हवाले से बताया गया है गिरफ्तारी के तुरंत बाद सफूरा को तीन महीने का प्रेगनेंट बताते हुए जमानत याचिका दाखिल की गई थी। यानी ये दावा गलत है कि जेल जाने के बाद हुए टेस्ट में सफूरा की प्रेग्नेंसी का पता चला है।

इस पोस्ट का दूसरा दावा है कि सफूरा की शादी नहीं हुई है। ये दावा भी पूरी तरह से गलत है। अक्टूबर 2018 में ही सफूरा की शादी हो चुकी है। तमाम प्रामाणिक मीडिया संस्थानों ने इसपर रिपोर्ट भी की है और सफूरा के परिजनों ने उन रिपोर्ट्स में इसकी पुष्टि भी की है।

हमने अपनी पड़ताल में safoora zargar कीवर्ड्स से गूगल सर्च इंजन में वीडियो सर्च किए। हमने एक जनवरी 2020 से लेकर सफूरा की गिरफ्तारी के एक दिन पहले यानी 10 अप्रैल 2020 तक का फिल्टर लगा वीडियो सर्च किए। हमने ये जानने की कोशिश की कि सफूरा से जुड़ा कोई हालिया वीडियो मिले जिसमें हमें उनके लेकर किए जा रहे दावों को लेकर कोई क्लू मिले। हमें 25 जनवरी को यूट्यूब पर अपलोड एक वीडियो मिला जिसमें सफूरा खुद कबूल कर रही हैं कि वो शादीशुदा हैं। इस वीडियो में सफूरा 4 मिनट 10 सेकंड के बाद अपने परिवार के बारे में कुछ बात कर रही हैं। ठीक 4 मिनट 18 सेकंड पर वो अपने पति का जिक्र कर रही हैं। यानी ये दावा भी झूठा है कि सफूरा शादीशुदा नहीं हैं।

सफूरा जरगर जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी की सदस्य भी हैं। हमने इस संबंध में जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी के कैफ से बात की। कैफ जामिया के मास्टर्स ऑफ टूरिज्म एंड ट्रेवल के स्टूडेंट हैं और सफूरा जरगर के दोस्त भी हैं। कैफ ने हमें बताया कि सफूरा जरगर कोऑर्डिनेशन कमेटी में उनके साथ थीं। उनके मुताबिक भी सफूरा की शादी अक्टूबर 2018 में ही हो गई थी और मीडिया में जो उनकी शादी की तस्वीरें हैं वो भी खुद सफूरा के इंस्टाग्राम अकाउंट से ही ली गई हैं, जिसे कंट्रोवर्सी सामने आने के बाद शायद डिसेबल कर दिया गया है। कैफ ने बताया कि सफूरा की शादी और प्रेगनेंसी को लेकर किए जा रहे ये दावे झूठे हैं।

फिलहाल गिरफ्तार सफूरा जरगर पर आपत्तिजनक कमेंट करने और उन्हें ऑनलाइन ट्रोल करने के मामलों पर दिल्ली महिला आयोग ने भी संज्ञान ले रखा है। दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने इस मामले में दिल्ली पुलिस साइबर सेल को 6 मई को नोटिस जारी कर ट्रोल्स के खिलाफ ऐक्शन लेने को कहा है। उनके ऑफिस का कहना है कि ये मामला अब आयोग की प्रोसिडिंग का हिस्सा है।

निष्कर्ष: सफूरा जरगर की निजी जिंदगी और उनकी प्रेगनेंसी को लेकर किए जा रहे दावे न केवल झूठे हैं बल्कि आपत्तिजनक भी हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये सारे दावे गलत पाए गए हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट