Fact Check: गांव में दाखिल होने से योगी आदित्यनाथ को रोकने के लिए बुजुर्ग ने नहीं लगाई थी खाट व रस्सी, वायरल दावा है भ्रामक

हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। योगी आदित्यनाथ का बिजौली गांव में विरोध नहीं किया गया था, बल्कि कंटेनमेंट जोन होने के कारण वहां खाट व रस्सियों से टेम्पररी बैरिकेड बनाए गए थे।

Fact Check: गांव में दाखिल होने से योगी आदित्यनाथ को रोकने के लिए बुजुर्ग ने नहीं लगाई थी खाट व रस्सी, वायरल दावा है भ्रामक

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें योगी आदित्यनाथ को कुछ लोगों के साथ देखा जा सकता है। वे जहां खड़े हैं, वहां उनके आगे एक खाट खड़ी की गई है और कुछ रस्सियां बंधी दिखाई देती हैं। इन खाट व रस्सियों के उस पार एक बुजुर्ग खड़ा नजर आता है। दावा किया जा रहा है कि मेरठ के बिजौली गांव में एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री योगी को अपनी गली में आने से रोकने के लिए खाट लगा दी। मुख्यमंत्री के लाख कहने पर भी बुजुर्ग ने रास्ता नहीं खोला और योगी को वापस जाना पड़ा। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है।

दरअसल योगी आदित्यनाथ मेरठ के बिजौली गांव में एक कोविड पॉजिटिव व्यक्ति से मुलाकात करने पहुंचे थे। कंटेंनमेंट जोन होने के कारण वहां टेम्पररी तौर पर खाट व रस्सियों की मदद से बैरिकेड बनाया गया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

ट्विटर यूजर Sonu Yadav ने यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा: ब्रेकिंग न्यूज़- बस करो अब हमें आपकी ज़रूरत नहीं है- जनपद मेरठ के बिजौली गांव में एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी एक गली में खाट खड़ी कर जाने से रोक दिया मुख्यमंत्री जी के लाख कहने पर भी बुजुर्ग ने रास्ता नहीं खोला और योगी जी को वापस जाना पड़ा !!

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा व सुना। वीडियो में सुनाई देता है: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की जय। इसके बाद योगी आदित्यनाथ बोलते हैं: सावधानी रखिए, मास्क लगाइए और बुजुर्ग लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, ठीक है ना, ध्यान रखिए, मास्क सभी लोग लगाइए।

हमें इस पूरी वीडियो में कहीं कोई विरोध के स्वर दिखाई नहीं दिए। न ही रस्सी व खाट के पार खड़ा बुजुर्ग व्यक्ति कुछ कहता सुनाई दिया।

कुछ यूजर्स ने इस वायरल वीडियो ट्वीट को रिट्वीट किया है, जिनमें से एक के जवाब में मेरठ पुलिस ने लिखा कि वीडियो के साथ किया गया दावा निराधार व भ्रामक है।

ज्यादा जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने मेरठ एसएसपी अजय कमार साहनी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिजौली गांव जनपद मेरठ में 17 मई को कंटेनमेंट जोन में कोविड पीड़ित परिवार के सदस्य से मिलने पहुंचे थे। कंटेनमेंट जोन होने के कारण गली के सामने खाट रखी गई थी व रस्सी बांधी गई थी। वहां मुख्यमंत्री का किसी भी तरह का विरोध नहीं किया गया था। मुख्यमंत्री इसके बाद गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गए, जहां उन्होंने ग्राम प्रधान व रैपिड रिस्पॉन्स टीम के सदस्यों से बातचीत भी की। उन्होंने बिजौली के ऑक्सीजन प्लांट का दौरा भी किया।

अब बारी थी ट्विटर पर पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Sonu Yadav की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि खबर लिखे जाने तक यूजर के 8956 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। योगी आदित्यनाथ का बिजौली गांव में विरोध नहीं किया गया था, बल्कि कंटेनमेंट जोन होने के कारण वहां खाट व रस्सियों से टेम्पररी बैरिकेड बनाए गए थे।

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