लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश की सीमा पर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वाली भीड़ के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो अयोध्या में हुई सेना भर्ती प्रक्रिया का पुराना वीडियो है, जिसका लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। देश में जारी लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों से मजदूरों के अपने गृह राज्य लौटने के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सैकड़ों लोगों की भीड़ को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह भीड़ उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर जुटे लोगों की है, जहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। जिस वीडियो को उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर जुटे लोगों की भीड़ के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है, वह लॉकडाउन के लागू होने से कुछ महीनों पहले का है। वायरल हो रहे वीडियो का लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर ‘Jatinder Cheema’ ने वायरल वीडियो को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”Social distancing at UP Border.”
पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को करीब एक हजार लोग शेयर कर चुके हैं और इसे 10 हजार से अधिक बार देखा जा चुका है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर इस वीडियो को अन्य यूजर्स ने समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
InVID टूल के जरिए मिले की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज टूल की सहायता से सर्च किए जाने पर हमें यू-ट्यूब पर 15 अक्टूबर 2019 को अपलोड किया गया समान वीडियो मिला, जिसमें दी गई जानकारी के मुताबिक, यह फैजाबाद (अब अयोध्या) में हुई सेना भर्ती प्रक्रिया का वीडियो है।
जियो लोकेशन की वजह से इस वीडियो को फैजाबाद (अब अयोध्या) का बताया जा रहा है। वीडियो के साथ किए गए दावे की पुष्टि के लिए हमने यहां से मिले की-वर्ड के साथ न्यूज सर्च किया। सर्च में हमें हिंदी अखबार ‘पंजाब केसरी यूपी’ के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर 15 अक्टूबर 2019 को अपलोड किया गया वीडियो बुलेटिन मिला। इसके मुताबिक, अयोध्या में सेना भर्ती की प्रक्रिया के दौरान युवकों ने जमकर उत्पात मचाया और फिर पुलिस को इस भीड़ को काबू में करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
अन्य न्यूज रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि होती है। ‘हिंदुस्तान’ की वेबसाइट पर 15 अक्टूबर 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘प्रादेशिक सेना भर्ती में भारी संख्या में पहुंचे युवकों ने रोडवेज बस स्टॉप सिविल लाइन में मंगलवार को जमकर उत्पात मचाया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। मालूम हो कि डोगरा रेजीमेंट सेंटर के ग्राउंड पर सेना भर्ती का अभियान चल रहा है।’
विश्वास न्यूज से बातचीत में अयोध्या के सर्किल ऑफिसर अमर सिंह ने कहा, ‘पिछले साल अक्टूबर महीने में सेना की भर्ती की प्रक्रिया के दौरान युवाओं की भीड़ बेकाबू हो गई थी। कई राज्यों से युवाओं के आ जाने से भीड़ बढ़ गई और ऐसी स्थिति पैदा हो गई। हालांकि, पुलिस ने स्थिति को तुरंत ही नियंत्रित कर लिया था।’
देश में 24 मार्च 2020 को लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, जिसे बढ़ाकर 31 मई तक किया जा चुका है, जबकि वायरल हो रहा वीडियो अक्टूबर 2019 का है। भारत में पहले चरण के लॉकडाउन की घोषणा 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के लिए थी। दूसरे चरण में इसे 15 अप्रैल से 3 मई तक लागू किया गया।
तीसरा चरण 4 मई से 17 मई के बीच रहा और लॉकडाउन का चौथा चरण 18 मई से 31 मई तक है।
इससे पहले भी कई ऐसे पुराने और असंबंधित वीडियो एवं फोटो को लॉकडाउन से जोड़कर वायरल किया गया है, जिसकी पड़ताल को विश्वास न्यूज पर पढ़ा जा सकता है।
वायरल वीडियो को फर्जी दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को अल्बर्टा का रहने वाला बताया है और इन्हें फेसबुक पर 600 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश की सीमा पर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वाली भीड़ के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो अयोध्या में हुई सेना भर्ती प्रक्रिया का पुराना वीडियो है, जिसका लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है।
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