Quick Fact Check: साधु-संतों का यह वीडियो प्रयागराज कुंभ का है, लॉकडाउन से नहीं है कोई संबंध

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच साधु-संतों की रैली के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो 2019 में आयोजित प्रयागराज कुंभ मेले का है, जो भारत में इस वायरस के संक्रमण के दस्तक देने के लगभग एक साल पहले आयोजित हुआ था।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर साधु-संतों का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लेकर यह भ्रम फैल रहा है कि यह वीडियो देश में जारी लॉकडाउन के बीच का है। बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमण की रोकथाम के लिए तीन मई तक देश में लॉकडाउन लागू है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। साधु-संतों की भीड़ का यह वीडियो प्रयागराज कुंभ मेला के दौरान महाकाल की बारात का है। प्रयागराज में कुंभ का आयोजन 15 जनवरी से 4 मार्च 2019 के बीच किया गया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Ziyaa Mahi’ ने वीडियो को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”YHH KOON LOOG HAI???”

पोस्ट पर की गई टिप्पणियों के मुताबिक, यह वीडियो लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र का है और इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों में कोरोना वायरस फैल सकता है। कई अन्य यूजर्स ने इसे सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन बताया है, जिसे लेकर मीडिया में चुप्पी है। पोस्ट पर की गई टिप्पणियों से यह भ्रम फैल रहा है कि यह वीडियो लॉकडाउन के दौरान हुए किसी धार्मिक आयोजन का है।

वायरल पोस्ट पर की गई टिप्पणी

पड़ताल

इससे पहले भी यह वीडियो सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो चुका है। पूर्व में इस वीडियो को नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) के पक्ष में नागा साधुओं की रैली बताकर वायरल किया गया था। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस वीडियो को गलत पाया था। विश्वास न्यूज की विस्तृत पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

यह वीडियो 15 जनवरी से 4 मार्च 2019 के बीच प्रयागराज में हुए कुंभ मेले का है। ‘जय हिंदू राष्ट्र’ नामक यू-ट्यूब चैनल पर इस वीडियो 5 मार्च 2019 को अपलोड किया गया था।

यानी यह वीडियो भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के दस्तक देने से लगभग एक साल पहले का है। दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला चीन के वुहान में दिसंबर 2019 में सामने आया था।

वायरल वीडियो शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 37 हजार लोग फॉलो करते हैं।

Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।

निष्कर्ष: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच साधु-संतों की रैली के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो 2019 में आयोजित प्रयागराज कुंभ मेले का है, जो भारत में इस वायरस के संक्रमण के दस्तक देने के लगभग एक साल पहले आयोजित हुआ था।

False
Symbols that define nature of fake news
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