पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के तेलिनीपाड़ा में हुई हिंसा से जोड़कर पथराव के दावे के साथ वायरल किया जा रहा वीडियो फर्जी है। वायरल हो रहा वीडियो नागरिकता संशोधन कानून के वक्त हुए प्रदर्शन के समय से ही सोशल मीडिया पर मौजूद है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के तेलिनीपाड़ा इलाके में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कई लोगों को ट्रेन पर पथराव करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि ट्रेन पर पथराव का यह वीडियो तेलिनीपाड़ा में हुई हिंसा से संबंधित है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। ट्रेन पर हुए पथराव के जिस वीडियो को तेलिनीपाड़ा हिंसा के नाम पर वायरल किया जा रहा है, वह नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के समय से सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा है।
फेसबुक पेज ‘Quicktale’ पर वायरल वीडियो को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा गया है, ”1.Communal violence broke out at Telinipara in Hooghly district of West Bengal recently.
2.West Bengal is facing its worst over crisis due to complete failure of administration.”
हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ”पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के तेनिलीपाड़ा में हाल में भड़की सांप्रदायिक हिंसा। पूर्ण प्रशासनिक विफलता के कारण पश्चिम बंगाल अब तक का सबसे बड़ा संकट झेल रहा है।”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
इनविड टूल की मदद से मिले की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज किए जाने पर हमें यू-ट्यूब पर 13 दिसंबर 2019 को अपलोड किया एक वीडियो बुलेटिन मिला, जिसमें कई अन्य वीडियो के साथ इस वीडियो का भी इस्तेमाल किया गया है। 2 मिनट 51 सेकेंड के इस वीडियो 0.47 सेकेंड के फ्रेम से 2.34 मिनट तक के फ्रेम में वाायरल वीडियो को देखा जा सकता है।
NEWS STATION’ नामक यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए बुलेटिन में बताया गया है कि पथराव का यह वीडियो नागरिकता संशोधन विधेयक (अब कानून) के विरोध में हुए प्रदर्शन का है, जब प्रदर्शनकारियों ने उलूबेरिया में ट्रेन पर पथराव किया
एक अन्य यू-ट्यूब चैनल ‘Indian Railfanning Unlimited’ पर 14 दिसंबर 2019 को यही वीडियो समान दावे के साथ अपलोड किया गया है।
विश्वास न्यूज हालांकि स्वतंत्र रूप से इन वीडियो के लोकेशन और समय की पुष्टि नहीं करता है लेकिन यह दोनों वीडियो तेलिनीपाड़ा हिंसा से पहले की जरूर है। हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के बंगाल के एडिटर जे के वाजपेयी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ‘यह वीडियो तेनिलीपाड़ा में हुई हिंसा से संबंधित नहीं है।’
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक तेलिनीपाड़ा में हिंसा 13 मई को हुई थी। यानी जिस वीडियो को तेलिनीपाड़ा हिंसा के नाम पर वायरल किया जा रहा है, वह इस हिंसा से पहले से सोशल मीडिया पर मौजूद है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक हुगली जिले में स्थिति सामान्य होने के बाद वहां लागू निषेधाज्ञा हटाई जा चुकी है और साथ ही इंटरनेट सेवा को भी बहाल कर दिया गया है।
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले पेज को फेसबुक पर करीब 24 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के तेलिनीपाड़ा में हुई हिंसा से जोड़कर पथराव के दावे के साथ वायरल किया जा रहा वीडियो फर्जी है। वायरल हो रहा वीडियो नागरिकता संशोधन कानून के वक्त हुए प्रदर्शन के समय से ही सोशल मीडिया पर मौजूद है।
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