नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के डासना में मंदिर में कथित रूप से पानी पीने के कारण हुई बच्चे की पिटाई का वाकया सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रही दो तस्वीरों को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह इसी घटना से संबंधित है। वायरल हो रही तस्वीरों में एक जख्मी बच्चे को देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ। गाजियाबाद की घटना के नाम पर वायरल हो रही यह तस्वीर वास्तव में यमन में हुई घटना से संबंधित है, जिसमें एक बच्चे को उसके पिता ने बुरी तरह से पीटा था। पिछले साल की इस घटना की तस्वीरों को गाजियाबाद में बच्चे की पिटाई वाली घटना से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Rajeev Kaur’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”Asif ! जो तुम्हारे साथ हुआ भूलने लायक नहीं है। हम माफ़ नहीं कर पायेंगे कभी जिस सिस्टम ने ये निशान दिए! आओ इसका इलाज करते हैं !”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में नजर आ रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर अरबी भाषा की न्यूज वेबसाइट 24-post.com पर प्रकाशित पांच महीने पुरानी रिपोर्ट में लगी मिली।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह तस्वीर यमन के अल महवित शहर में हुई घटना की तस्वीर है, जब एक बच्चे (शमख रशीद अल कुहैली) को उसके पिता ने बुरी तरह से पीटा था। यानी वायरल हो रही तस्वीर का भारत की किसी घटना से कोई संबंध नहीं है, बल्कि यह यमन में कुछ महीने पहले घटित पुरानी घटना से संबंधित तस्वीर है, जिसे गाजियाबाद के डासना में मंदिर में हुई पिटाई की घटना से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
गौरतलब है कि गाजियाबाद के एक मंदिर से पानी पीने के बाद बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, ‘दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पुलिस ने एक युवक को मंदिर से पानी पीने पर बच्चे को पीटने के आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि इस युवक ने मंदिर से पानी पीने पर एक बच्चे की पिटाई की थी।’
हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के गाजियाबाद के ब्यूरो चीफ आशुतोष अग्निहोत्री ने वायरल हो रही तस्वीरों का गाजियाबाद की घटना से संबंधित होने के दावे का खंडन करते हुए कहा, ‘ये तस्वीरें आसिफ की नहीं हैं। तस्वीर में नजर आ रहे बच्चे का जख्म काफी गहरा है। ऐसी चोट के निशान आसिफ के शरीर पर नहीं है।’
वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को करीब पांच हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। उन्होंने अपनी प्रोफाइल में खुद को भगत सिंह छात्र एकता मंच का सदस्य बताया है।
निष्कर्ष: गाजियाबाद की घटना के नाम पर वायरल हो रही यह तस्वीर वास्तव में यमन में हुई घटना से संबंधित है, जिसमें एक बच्चे को उसकी पिता ने बुरी तरह से पीटा था। पिछले साल की इस घटना की तस्वीरों को गाजियाबाद में बच्चे की पिटाई वाली घटना से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
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