Fact Check: दिल्ली में फिदायीन के पकड़े जाने का दावा गलत, अफगानी आतंकी की तस्वीर को छापेमारी की पुरानी घटना से जोड़कर किया जा रहा वायरल

दिल्ली और उत्तर प्रदेश में NIA के छापेमारी में आत्मघाती मानव बम को पकड़े जाने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है। वायरल हो रहे पोस्ट में जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है वह अफगानिस्तान के फराह प्रांत में 2010 में पकड़े गए फिदायीन की है। पोस्ट में दिल्ली और उत्तर प्रदेश में NIA के जिस छापे का जिक्र किया गया है, वह घटना भी 2018 से संबंधित है।

Fact Check: दिल्ली में फिदायीन के पकड़े जाने का दावा गलत, अफगानी आतंकी की तस्वीर को छापेमारी की पुरानी घटना से जोड़कर किया जा रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर मानव बम की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर दिल्ली में छापेमारी में पकड़े गए फिदायीन की है। वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में छापेमारी की और कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गुमराह करने वाला निकला।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Surinder Tyagi’ ने तस्वीर को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”डोभाल ऐसे ही नहीं घूम रहे थे गलियों व मौहल्लों में,जब हम और आप सो रहे थे……. राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने दिल्ली और यूपी पुलिस की मदद से बीती रात दिल्ली के सीलमपुर और यूपी के अमरोहा में छापेमारी की और 16 लोगों को गिरफ्तार किया…इनमें एक इंजीनियरिंग का छात्र,अमरोहा मस्जिद का मौलवी एक युनिवर्सिटी का छात्र,कई वेल्डर और आटो चालक शामिल हैं,…छापेमारी में सीलमपुर दिल्ली में एक राकेट लांचर,अन्य जगहों पर 25 किलो विस्फोटक सामग्री,150 फोन, 300 सिम कार्ड, 200 अलार्म घड़ियां और लोहे के पतले पाइप, टनों कीलें मिलीं…. इसके अलावा 8 लाख कैश भी मिला..बड़े बड़े वेल्डिंग मशीन से पाइप बम बन रहे थे,सुसाइड वेस्ट और टाइमर वाले बम मिले है, और आटो वाले सामान पहुंचाने में लगे थे..गिरोह के सरगना मुफ्ती ने बताया कि इनका हैंडलर दुबई में है….अगर आप इसे सिर्फ दंगा मान रहे हैं तो आप बड़े भोले हैं, ये युद्ध है….!!”

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट

सोशल मीडिया पर अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

फेसबुक पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर की सत्यता जांचने के लिए हमने उसे रिवर्स इमेज किया। नतीजे में हमें 10 नवंबर 2010 को प्रकाशित एक खबर का लिंक मिला, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। खबर के मुताबिक, यह तस्वीर अफगानिस्तान के फराह प्रांत में सुरक्षा बलों के हाथों पकड़े गए फिदायीन की है।

इसके बाद हमने वायरल पोस्ट में लिखे गए दावे की पड़ताल के लिए न्यूज सर्च का सहारा लिया। न्यूज सर्च में हमें कई पुरानी खबरों का लिंक मिला, जिसके मुताबिक एनआईए ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 16 जगहों पर छापेमारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, NIA ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के नए मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम के खिलाफ जारी जांच में उत्तर प्रदेश के अमरोहा और दिल्ली में कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया।

आउटलुक हिंदी में 26 दिसंबर 2018 को छपी खबर

रिपोर्ट के मुताबिक, छापेमारी के बाद 16 लोगों से पूछताछ की गई, जिसके बाद 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा मारे गए छापों पर एनआई के आईजी आलोक मित्तल ने बताया, ‘मॉड्यूल के गैंगलीडर का नाम मुफ्ती सोहैल है, जो दिल्ली में रहता है और अमरोहा का मूल निवासी है, जहां वह एक मस्जिद में काम करता है।’ उन्होंने बताया कि छापेमारी में 7.5 लाख रुपये, 100 मोबाइल और 135 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ ठिकानों पर तलाशी अब भी जारी है।

एनआईए के आईजी आलोक मित्तल ने बताया, ‘हमने उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 17 ठिकानों पर तलाशी ली और यह मॉड्यूल सीरियल ब्लास्ट करने की एडवांस स्टेज में थे। दिल्ली के सीलमपुर तथा उत्तर प्रदेश के अमरोहा, हापुड़, मेरठ तथा लखनऊ में तलाशियां ली गईं। भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, हथियार तथा गोला-बारूद बरामद हुआ है, जिनमें देसी रॉकेट लॉन्चर भी शामिल है।’

जानकारी के अनुसार, दिल्ली के जाफराबाद, सीलमपुर और यूपी के अमरोहा में आईएसआईएस मॉड्यूल से जुड़े ठिकानों पर यह कार्रवाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि सर्च ऑपरेशन में एनआईए के अलावा उत्तर प्रदेश एंटी टेररिज्म की टीम भी शामिल है।

न्यूज एजेंसी ANI के ट्विटर हैंडल पर 26 दिसंबर 2018 को किए गए ट्वीट में एनआईए की तरफ से चलाए गए तलाशी अभियान और छापेमारी के बारे में जानकारी दी गई है।

इसी तारीख को किए गए एक अन्य ट्वीट में उत्तर प्रदेश के अमरोहा में NIA के तलाशी अभियान की तस्वीर को देखा जा सकता है।

यानी वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर अफगानिस्तान में पकड़े गए फिदायीन की है, जबकि उत्तर प्रदेश और दिल्ली में NIA के छापे की घटना दिसंबर 2018 की है। विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा से बात की। उन्होंने कहा, ‘इस तस्वीर का दिल्ली पुलिस के ऑपरेशन से कोई संबंध नहीं है। ऐसे किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘यह सब सोशल मीडिया पर चलने वाली फर्जी सूचना है।’

वायरल पोस्ट शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 800 से अधिक लोग फॉलो करते हैं और उन्होंने खुद को नई दिल्ली का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: दिल्ली और उत्तर प्रदेश में NIA के छापेमारी में आत्मघाती मानव बम को पकड़े जाने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है। वायरल हो रहे पोस्ट में जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है वह अफगानिस्तान के फराह प्रांत में 2010 में पकड़े गए फिदायीन की है। पोस्ट में दिल्ली और उत्तर प्रदेश में NIA के जिस छापे का जिक्र किया गया है, वह घटना भी 2018 से संबंधित है।

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