Fact Check : भारत सरकार द्वारा नहीं चलाई जा रही प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता जैसी कोई योजना, फर्जी दावा हुआ सोशल मीडिया पर वायरल

विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। इस तरह की कोई योजना क्रेंद्र सरकार द्वारा नहीं चलाई जा रही है और न ही सरकार की तरफ से इसके लिए कोई रजिस्ट्रेशन फॉर्म जारी किया गया है। वायरल पोस्ट स्कैम है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता योजना 2022 के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। इस योजना के अंतर्गत मोदी सरकार बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपए हर महीने देगी। साथ ही रजिस्ट्रेशन का लिंक भी दिया गया है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। इस तरह की कोई योजना केंद्र सरकार द्वारा नहीं चलाई जा रही है और न ही सरकार की तरफ से इसके लिए कोई रजिस्ट्रेशन फॉर्म जारी किया गया है। वायरल पोस्ट स्कैम है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Dhiraj Tech ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है कि बेरोजगार युवाओं को 3500 रूपये हर महीने देगी सरकार। प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता योजना 2022* के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं, इस योजना के अंतर्गत बेरोजगार युवाओं को 3500 रूपये हर महीने दिए जायेंगे…अपने मोबाइल से अभी इस लिंक से करें रजिस्ट्रेशन।

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स इस पोस्ट से मिलते-जुलते दावे को शेयर कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

https://twitter.com/Ashutosh3945/status/1488079649066270723

पड़ताल –

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। हमने प्रधानमंत्री मोदी और पीएमओ के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाला, लेकिन हमें वहां पर भी ऐसी किसी योजना से जुड़ी कोई जानकारी नहीं प्राप्त हुई।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वेबसाइट के यूआरएल पर गौर किया तो पाया कि यह किसी सरकारी वेबसाइट का यूआरएल नहीं है। भारत में सरकारी वेबसाइट के यूआरएल के अंत में .gov.in लिखा होता है, लेकिन इसके यूआरएल के अंत में .blogspot.com लिखा हुआ है। लिंक पर क्लिक करते ही एक एरर शो होता है कि यह पेज सुरक्षित नहीं है। हमारे सिस्टम ने इस पेज को खोलने से पहले हमे चेतावनी दी कि यह आपकी निजी जानकारियों को चुरा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय विभाग की ओर से चलाए जा रहे पीआईबी फैक्ट चेक के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मिला। ट्वीट में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल दावा गलत है। भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है।

अधिक जानकारी के लिए हमने साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह पहली बार नहीं है। पहले भी इस तरह के लिंक सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। यह केवल यूजर्स का डेटा चुराने का तरीका है। यूजर्स जैसे ही इस तरह के लिंक्स पर क्लिक करते हैं उनकी सारी निजी जानकारियां साइबर फ्रॉड्स करने वाले लोगों के पास चली जाती है। जो भी यूजर्स के सिस्टम में डेटा और पासवर्ड सेव होते हैं, वो साइबर फ्रॉड्स के पास पहुंच जाते हैं। कई बार इस तरह के लिंक्स पर क्लिक करने से यूजर्स के कम्यूटर और मोबाइल की स्क्रीन साइबर फ्रॉड्स के सामने खुलकर आ जाती है। जिसके जरिए वो आसानी से यूजर्स के साथ फ्रॉड कर लेते हैं। हमें इस तरह के लिंक्स पर क्लिक करने से बचना चाहिए, ताकि हम किसी फ्रॉड का शिकार न हों।

इससे मिलता-जुलता दावा साल 2020 में भी वायरल हुआ था, तब भी विश्वास न्यूज ने इसका फैक्ट चेक किया था। उस दौरान विश्वास न्यूज ने भारतीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के मीडिया सेल में एसओ द्वारकी मधार से संपर्क किया था। उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि केंद्र सरकार ने इस तरह की कोई योजना शुरू नहीं की है।

पड़ताल के अंत में हमने दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Dhiraj Tech के अकाउंट की स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर को 80 से ज्यादा लोग फेसबुक पर फॉलो करते हैं। Dhiraj Tech नाम से यूजर का यह पेज 22 जनवरी 2022 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। इस तरह की कोई योजना क्रेंद्र सरकार द्वारा नहीं चलाई जा रही है और न ही सरकार की तरफ से इसके लिए कोई रजिस्ट्रेशन फॉर्म जारी किया गया है। वायरल पोस्ट स्कैम है।

False
Symbols that define nature of fake news
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