Fact Check: ब्राजील में लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर नहीं जलायीं मोमबत्तियां, पुराना वीडियो गलत दावे के साथ वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। यह वीडियो प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान से पहले का है और इस वीडियो का प्रधानमंत्री मोदी के मोमबत्तियां जलाने वाले आह्वान से कोई लेना-देना नहीं है। वीडियो ब्राजील का है जहां पर लोगों ने भगवान से कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए प्रार्थना स्वरूप हाथों में मोमबत्तियां लेकर गाने गाए थे।

विश्वास न्यूज़ (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर आजकल एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें गली में खड़े लोगों को हाथ में मोमबत्तियां लिए गाते हुए सुना जा सकता है। 42 सेकंड के वीडियो में लोग हाथों में मोमबत्तियां लिए और अपने फोन की फ्लैश लाइट को जलाते हुए हिला रहे हैं और गाना गा रहे हैं। इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “ब्राज़ील के टेलीविज़न चैनलों ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी का भाषण अपने देश में दिखाया और कल रात यानी 4 अप्रैल को ही ब्राज़ीलिओ ने ये कर दिखाया।”

इस पोस्ट में यह कहने की कोशिश की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि ब्राज़ील में भी लोगों ने मोमबत्तियां और फोन की फ्लैश लाइट जलाई थी।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। यह वीडियो प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान से पहले का है और इस वीडियो का प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान से कोई लेना-देना नहीं है। वीडियो ब्राजील का है जहां पर लोगों ने भगवान से कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए प्रार्थना स्वरूप हाथों में मोमबत्तियां लेकर गाने गाए थे।

क्या हो रहा है वायरल?

कई लोग इस 42 सेकंड की वीडियो को शेयर कर रहे हैं, जिसमें गली में बहुत-से लोग हाथ में मोमबत्तियां और फोन की फ्लैश लाइट जलाएं खड़े हुए हैं और गाना गा रहे हैं। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “ब्राज़ील के टेलीविज़न चैनलों ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी का भाषण अपने देश में दिखाया और कल रात यानी 4 अप्रैल को ही ब्राज़ीलिओ ने ये कर दिखाया।”

 इस फेसबुक पोस्ट के लिंक को यहां और इसके आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमें सबसे पहले इस वीडियो को ठीक से देखा। वीडियो में सीधे हाथ पर Joshua Lutz लिखा हुआ देखा जा सकता है।

हमने इस वीडियो को Invid टूल पर डाला और इसके की फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर ‘Joshua Lutz’ कीवर्ड के साथ सर्च किया। हमें यह वीडियो NAME above all names नाम के एक फेसबुक पेज पर अपलोडेड मिला। इस वीडियो को 28 मार्च को अपलोड किया गया था। इस वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था, ‘LOOK IN THE STREETS OF BRAZIL! THE PEOPLE ARE TURNING TO JESUS IN PRAYER & WORSHIP! CAN I GET AN AMEN?!’  इसका हिंदी अनुवाद होता है ‘ब्राजील की सड़कों पर लोग यीशु से प्रार्थना करते हुए।’ हमने NAME above all names नाम के इस फेसबुक पेज को जब खंगाला तो हमें पता लगा कि इस पेज के एडमिन का नाम जोशुआ लुट्ज़ (Joshua Lutz) है।

इसके अलावा ‘ब्राज़ील पेरा क्राइस्ट’ नाम के एक फ़ेसबुक पेज ने भी ये वीडियो 27 मार्च को पोस्ट किया था।

हमने फेसबुक मैसेंजर के जरिए जोशुआ लुट्ज़ से संपर्क साधा और उनसे पूछा कि इस वीडियो का आधार क्या है। उन्होंने बताया, ‘यह वीडियो ब्राजील के साओ पोलो का है जहां कोरोना संकट के चलते लोगों ने अपने घर के बाहर 24 मार्च को मोमबत्तियां जलाई थी और उनकी फ्लैशलाइट ऑन करके भगवान यीशु की प्रार्थना स्वरूप गाने गाए थे। ऐसा सिर्फ इसी गली में नहीं, बल्कि साओ पोलो की गलियों में हुआ था। इस वीडियो का भारत के प्रधानमंत्री के आह्वान से कोई लेना-देना नहीं है।”

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने दीयों और मोमबत्तियों को जलने की ये अपील 3 अप्रैल को की थी।

हमने इंटरनेट पर सर्च किया कि क्या ब्राजील के किसी लोकल टीवी चैनल ने प्रधानमंत्री मोदी के 3 अप्रैल के भाषण को चलाया था। हमें कहीं भी कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया हो कि मोदी के भाषण को ब्राज़ील के किसी टीवी चैनल पर चलाया गया था। 

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है हिंदू हिंदुस्तान नाम का फेसबुक पेज। इस पेज के अनुसार, इस प्रोफाइल को नई दिल्ली से चलाया जाता है और इसके कुल 2983 फेसबुक फॉलोअर्स हैं।


Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था। \

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। यह वीडियो प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान से पहले का है और इस वीडियो का प्रधानमंत्री मोदी के मोमबत्तियां जलाने वाले आह्वान से कोई लेना-देना नहीं है। वीडियो ब्राजील का है जहां पर लोगों ने भगवान से कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए प्रार्थना स्वरूप हाथों में मोमबत्तियां लेकर गाने गाए थे।

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