Fact Check: तस्वीर में दिख रहीं बुजुर्ग शाहीन बाग धरने वाली बिलकिस बानो नहीं, वायरल दावा फर्जी है

विश्वास टीम की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। किसानों के समर्थन में दिख रही तस्वीर में बुज़ुर्ग महिला शाहीन बाग वाली बिलकिस बानो नहीं हैं।

Fact Check: तस्वीर में दिख रहीं बुजुर्ग शाहीन बाग धरने वाली बिलकिस बानो नहीं, वायरल दावा फर्जी है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। किसानों के दिल्ली कूच प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर खबरों की बाढ़-सी आ गई है। इन्हीं के बीच प्रदर्शन को लेकर फर्जी खबरों का जमावड़ा भी लग गया है। इसी क्रम में एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें 2 बुज़ुर्ग महिलाओं की तस्वीर को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि दोनों तस्वीर में दिख रही बुज़ुर्ग शाहीन बाग प्रदर्शन से मशहूर हुईं बिलकिस बानो दादी हैं, जो अब किसान समर्थक बन गई हैं। विश्वास टीम ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमारी पड़ताल में यह पोस्ट फर्जी साबित हुई। किसानों के समर्थन में दिख रही तस्वीर में बुज़ुर्ग महिला शाहीन बाग वाली बिलकिस बानो नहीं हैं।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूज़र Vikrant Yadav ने 27 नवंबर को बुज़ुर्ग महिलाओं के कोलाज को अपलोड करते हुए लिखा: “Dadi at Shaheen Bagh is now a Punjabi farmer. 😭😭😂😂🤣🤣”

इस फेसबुक पोस्ट के आर्काइव्ड लिंक को यहां देखा जा सकता है।

वायरल दावे को एक्ट्रेस कंगना रनोट ने भी शेयर किया था, जिसका आर्काइव्ड लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

तस्वीर को गौर से देखने के बाद विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल शुरू की। तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कई खबरें मिली, जिनमें वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था, पर कहीं भी इस बुज़ुर्ग को शाहीन बाग वाली बिलकिस बानों नहीं बताया गया। अमर उजाला ने इस तस्वीर को 27 नवंबर 2020 को अपलोड करते हुए अपनी खबर की हेडलाइन लिखी: किसानों ने अवरोधक हटाकर दिल्ली किया कूच।


थोड़ा और सर्च करने पर हमें किसान समर्थक बुज़ुर्ग महिला की ये तस्वीर अक्टूबर 2020 को शेयर की गई मिली। 13 अक्टूबर 2020 को इस तस्वीर को फेसबुक पेज “Sant Baba Jarnail Singh Ji Khalsa Bhindrawale” ने शेयर किया था और फेसबुक पेज मेरा गांव मेरा स्वाभिमान ने 13 अक्टूबर को ही इस तस्वीर को अपनी प्रोफ़ाइल तस्वीर लगाया था।

अब हमने तस्वीर को लेकर पड़ताल के अगले चरण में शाहीन बाग वाली बिलकिस बानों से सम्पर्क किया। हमारी बात उनके बेटे मंज़ूर अहमद से हुई। उन्होंने हमारे साथ बात करते हुए कहा, “वायरल तस्वीर में मेरी मां (शाहीन बाग वाली दादी) नहीं हैं। लोगों ने बिना जानकारी के तस्वीर को मेरी मां के नाम से वायरल कर दिया। हम किसानों के साथ हैं और किसानों के प्रदर्शन में जल्द ही हिस्सा लेंगे।”

विश्वास न्यूज़ वायरल तस्वीर को लेकर यह पुष्टि करता है कि इसमें शाहीन बाग वाली बिलकिस बानो दादी नहीं हैं।

इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर कई यूज़र गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं और इन्हीं में से एक है Vikrant Yadav नाम का फेसबुक यूज़र। यूज़र के प्रोफ़ाइल इंट्रो के अनुसार वह हरियाणा के गुरुग्राम में रहता है।

निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। किसानों के समर्थन में दिख रही तस्वीर में बुज़ुर्ग महिला शाहीन बाग वाली बिलकिस बानो नहीं हैं।

False
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