Fact check: मुस्लिमों को गुजरात में वोटिंग से नहीं रोका गया, वायरल वीडियो का दावा फर्जी है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया गया है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनावों के दौरान गुजरात में बीजेपी और पुलिसवालों ने मुस्लिमों को वोटिंग करने से रोका है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

इस वीडियो को एस एम सरवर हुसैन (S M Sarwar Hussain) नाम के यूजर ने फेसबुक पर पोस्ट किया है। इस वीडियो के साथ हिंग्लिश में एक कैप्शन भी लिखा है, ‘Gujarat ke election me Muslims ko voting karne se police aur BJP walo ne roka.’ यानि इसमें दावा किया जा रहा है कि पुलिस और बीजेपी ने गुजरात के मुस्लिमों को वोटिंग से रोका है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज की टीम ने अपनी पड़ताल में पाया है कि इस पोस्ट का दावा गलत है। यह वीडियो अलग-अलग फेसबुक अकाउंट्स और ट्विटर हैंडलों से कई बार ठीक इसी तरह के मैसेज को पोस्ट किया गया है। इसे हजारों लोगों ने देखा भी है। यहां हम ऐसे ही कुछ उदाहरण भी पेश कर रहे हैं:


विश्वास न्यूज की टीम ने इस वीडियो को पूरा देखा और हमने पाया कि इसमें मौजूद लोग गुजराती भाषा में बात कर रहे हैं। इस वीडियो में दिख रहे गुजराती साइनबोर्ड्स से भी पता चलता है कि यह गुजरात का है। हमने InVid Magnifier और Google translator का इस्तेमाल किया। साइनबोर्ड पर गुजराती भाषा में ‘डिलक्स पान भंडार’ (अनुवादित) लिखा हुआ है।

हमने आगे की पड़ताल के लिए InVid tool की मदद से इस वीडियो के कीफ्रेम्स को अलग किया।

बाद में हमने वीडियो से अलग किए गए इन फ्रेमों पर रिवर्स इमेज सर्च (reverse image search) का इस्तेमाल किया। इससे हम एक ट्वीट पर पहुंचे। इस ट्वीट के मुताबिक, यह घटना गुजरात के वीरमगाम की है।

हमने इससे जुड़े गुजराती के कीवर्ड्स  “અથડામણ, મુસ્લિમ, વિરમગામ (संघर्ष, मुस्लिम, वीरमगाम) का इस्तेमाल कर घटना के बारे में गूगल पर भी खोज की। इसकी मदद से हम एक गुजराती भाषा में लिखे लेख पर पहुंचे।

यह लेख गुजराती न्यूज प्लेटफॉर्म Akila News पर एक अप्रैल 2019 को प्रकाशित किया गया था। इसका शीर्षक વિરમગામમાંકબ્રસ્તાનનીદિવાલબાબતેઠાકોર-મુસ્લિમવચ્ચેજૂથઅથડામણ (यानी, वीरमगाम में कब्रिस्तान की दीवार लेकर ठाकोर-मुस्लिम समूह के बीच झड़प)।

इस लेख के अगले हिस्से में लिखा है कि कब्रिस्तान की दीवार और जमीन को लेकर मुस्लिम समुदाय की ठाकोर समुदाय के साथ बड़े पैमाने पर झड़प। हमने पाया कि इस लेख में इस्तेमाल की गई तस्वीर और वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स बिल्कुल एक जैसे हैं।

हमने इस घटना के बारे में गूगल पर और छानबीन की। हमें दूसरी मीडिया वेबसाइटों पर भी इस घटना की खबरें मिलीं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक ऐसी ही खबर का स्क्रीनशॉट यहां दिया गया है:

हमने आगे की तहकीकात के लिए स्थानीय रिपोर्टर से भी संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि वीरमगाम में कब्रिस्तान की दीवार को लेकर ठाकोर-मुस्लिम समुदाय में झड़प हुई थी।

हमने Stalkscanका इस्तेमाल कर इस वीडियो को पोस्ट करने वाले यूजर ‘S M Sarwar Hussain’ की प्रोफाइल चेक की। हमें इस प्रोफाइल पर कई भ्रामक पोस्ट मिलीं।

निष्कर्ष: यह वीडियो लोकसभा चुनावों के दौरान नहीं, बल्कि उससे पहले की घटना का है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में इस फेसबुक पोस्ट और वीडियो को फर्जी पाया गया है।

Translated from English to Hindi by: Ameesh Rai

False
Symbols that define nature of fake news
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