Fact Check: लोकसभा चुनावों में वोट नहीं देने पर बैंक से 350 रुपए कटने वाली पोस्ट व्यंग्य है, खबर नहीं

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लगातार वायरल हो रही है कि लोकसभा चुनावों में वोट देने नहीं गए तो बैंक अकाउंट से कटेंगे ₹350। इस पोस्ट में एक न्यूज़ पेपर क्लिप है जिसकी हेडलाइन भी यही है। असल में यह खबर झूठी है, यह एक सटायर आर्टिकल है। यह एक व्यंग्य है, लेकिन इसे फेसबुक पर खबर की तरह वायरल किया जा रहा है, जो कि गलत है।

Claim

वायरल हो रही फोटो एक न्यूज़ पेपर की क्लिप है। इस फोटो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा है “लोकसभा चुनावों में वोट देने नहीं गए तो बैंक अकाउंट से कटेंगे ₹350।” न्यूज़ पेपर की क्लिप की हेडलाइन भी यही है। कई लोगों ने इस स्टोरी को सच मानते हुए अपने पेज पर पोस्ट किया।

Fact Check

हमने अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए सबसे पहले इस न्यूज़ पेपर क्लिप को ढंग से पढ़ा। यह न्यूज़ पेपर क्लिप नवभारत टाइम्स अख़बार की है। इस क्लिप को पढ़ने पर ही सारी बात साफ़ हो गयी। इस आर्टिकल के अंत में लिखा है “बुरा न मानो होली है”। इस वाक्य से ही साफ़ हो जाता है कि यह एक हास्य व्यंग्य आर्टिकल है। इस बात की पुष्टि करने के लिए हमने नवभारत टाइम्स अख़बार को जांचा।

नवभारत टाइम्स ने 21 मार्च को अपने पहले पेज पर यह खबर छापी थी, लेकिन यह स्टोरी व्यंग्य थी। 21 मार्च को होली थी, इसलिए अखबार ने अपने पहले पेज पर सिर्फ व्यंग्य छापे थे। हरेक स्टोरी के खत्म होने के नीचे ‘बुरा न मानो होली है’ भी लिखा गया था,लेकिन पेज की शुरुआत या फिर स्टोरी की शुरुआत में कहीं ऐसा नहीं बताया गया था। इस क्लिप को शेयर करते समय लोगों ने आखिर की लाइन ‘बुरा न मानो होली है’ हटा दी जिससे इस सटायर आर्टिकल के न्यूज़ आर्टिकल होने का भ्रम होता है।

इस खबर को नवभारत टाइम्स के हवाबाज़ सेक्शन में भी देखा जा सकता है। यह एक satire सेक्शन है, जहाँ हास्य-व्यंग्य पोस्ट किये जाते हैं।

इस खबर को फेसबुक पर Zaid Qamar‎ नामक यूजर ने change India save Indian नामक पेज पर शेयर किया था। Zaid Qamar‎ वेस्ट बंगाल के रहने वाले हैं और इनके कुल 12 फॉलोअर्स हैं।

हमें पता था कि यह व्यंग्य है फिर भी इसे हमने इलेक्शन कमीशन के संज्ञान में लाया। हमने इस खबर की पुष्टि करने के लिए इलेक्शन कमीशन के PRO से बात की और उन्होंने भी हमें बताया कि यह खबर पूरी तरह झूठी है।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल हो रही न्यूज़ पेपर क्लिप एक अख़बार के व्यंग्य सेक्शन का एक आर्टिकल है जिसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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