नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक हैंडल से किया गया ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि 2014 में गुप्त तरीके से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास मौजूद सुरक्षित भंडार में से 200 टन सोना स्विट्जरलैंड भेजा गया। ट्वीट में पूछा गया है, ‘सोने के बदले में आखिर भारत सरकार को क्या मिला? यह जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई?’
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा पूरी तरह से गलत साबित होता है। देश के गोल्ड रिजर्व के बारे में जो दावा वायरल हो रहा है, उसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।
कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया है, ‘क्या मोदी सरकार ने चुपचाप 2014 में आरबीआई के पास रखे गोल्ड में से 200 टन सोना स्विट्जरलैंड भेज दिया? सोने के बदले में आखिर भारत सरकार को क्या मिला? यह जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई?’
अंग्रेजी में किया गया यह ट्वीट इस प्रकार है, Did the Modi govt secretly transport 200 tonnes of RBI’s gold to Switzerland in 2014?
“What did the government get in return for exchanging the gold? Why is the information about the transaction not available in public domain?”’
पड़ताल किए जाने तक इस ट्वीट को 1100 बार रिट्वीट किया जा चुका है, जबकि इसे 2500 से अधिक लाइक्स मिले हैं। यह मैसेज इसी दावे के साथ फेसबुक और वाट्सएप पर भी वायरल हो रहा है।
कांग्रेस पार्टी की ट्वीट में नैशनल हेराल्ड इंडिया का लिंक लगा हुआ है, जिसकी खबर ”खोजी पत्रकार” नवनीत चतुर्वेदी को आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर लिखी गई है। खबर के मुताबिक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने 2014 में 268 टन सोना विदेश भेजा। चतुर्वेदी का दावा है कि 2014 और 2015 के बीच कोई ”गड़बड़ी” हुई है। चतुर्वेदी की सोशल मीडिया प्रोफाइल के मुताबिक वह दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अपनी पहचान ”खोजी पत्रकार” की बताई है।
विश्वास न्यूज ने इस दावे की पड़ताल के लिए आरबीआई के पास सुरक्षित रखे गोल्ड रिजर्व की जानकारी निकाली। कांग्रेस ने अपने दावे में 2014 का जिक्र किया है, इसलिए हमने उससे एक साल पहले की आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक के 30 जून 2012 तक 557.75 मीट्रिक टन सोने का भंडार था, जिसकी रुपये में कीमत 1,450.55 अरब रुपये थी।
30 जून 2013 में आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं हुआ और वह 557.75 मीट्रिक टन ही रहा, जिसकी रुपये में कीमत कम होकर 1,286.85 अरब रुपये हो गई।
यानी 2012 और 2013 में भारत के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं हुआ। 2014 (जिसका दावा कांग्रेस ने संबंधित रिपोर्ट्स के आधार पर किया है) की आरबीआई की सालाना रिपोर्ट में साफ देखा जा सकता है कि इस साल भी भारत के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं हुआ।
रिपोर्ट के मुताबिक 30 जून 2014 तक भारत के पास 557.75 मीट्रिक टन सोने का भंडार था, जिसकी रुपयों में कीमत 1,240.02 अरब रुपये थी।
कांग्रेस के दावे की सत्यता को परखने के लिए 2014 और 2015 के बीच भारत के गोल्ड रिजर्व की जानकारी अहम थी। 2015 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 30 जून 2015 तक भारत के पास 557.75 मीट्रिक टन गोल्ड का भंडार था , जो 2014 के बराबर ही था।
यानी भारत के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं हुआ। 2014 और 2015 में भारत के गोल्ड रिजर्व में कोई बदलाव नहीं हुआ, जबकि दावे के मुताबिक इस रिजर्व में 200 टन का अंतर दिखाई देना चाहिए था।
इसके बाद के वर्षों की जब हमने रिपोर्ट देखी तो उसमें कोई अंतर नजर नहीं आया।
2016 में 2015 के मुकाबले गोल्ड रिजर्व में मामूली इजाफा हुआ यह बढ़कर 557.77 मीट्रिक टन हो गया। 2017 में भारत का गोल्ड रिजर्व 557.77 मीट्रिक टन ही रहा। 2018 की RBI की सालाना रिपोर्ट देखने पर हमें पता चलता है कि इस दौरान भारत के गोल्ड में रिजर्व में कोई कमी तो नहीं आई, बल्कि उसमें इजाफा ही हुआ।
2018 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास 30 जून 2018 तक गोल्ड रिजर्व पिछले साल के 557.77 मीट्रिक टन से बढ़कर 566.23 टन हो गया। यानी बाद के वर्षों में भी भारत के गोल्ड रिजर्व में कोई कमी नहीं आई।
आंकड़ों से जाहिर है कि कांग्रेस ने जिस कथित रिपोर्ट के आधार पर 200 टन सोना को चुपचाप स्विट्जरलैंड में गिरवी रखे जाने का दावा किया था, वह गलत है। 2012 से 2018 के बीच के आरबीआई के गोल्ड रिजर्व के आंकड़ों को यहां देखा जा सकता है।
आरबीआई ने भी इस दावे का सीधे -सीधे खंडन किया है। केंद्रीय बैंक ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है, ‘2014 या बाद के वर्षों में भारत ने अपना गोल्ड किसी अन्य देश में नहीं भेजा। इस बारे में आ रही मीडिया रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत है।’ आरबीआई ने कहा कि अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों में सोना सुरक्षित निगरानी के लिहाज से रखा जाता है, जो सामान्य व्यवहार है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में कांग्रेस का दावा गलत साबित होता है। 2014 या उसके बाद आरबीआई के पास मौजूद गोल्ड रिजर्व में से कोई भी सोना देश से बाहर नहीं भेजा गया है।
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