नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें लोगों की भीड़ गैस सिलिंडर के साथ खड़ी हुई नजर आ रही है। तस्वीर को साझा करते हुए दावा किया गया है, ‘मुझे याद है 2014 से पहले ऐसे मिलती थी गैस।’
विश्वास न्यूज की पड़ताल में एलपीजी संकट को लेकर किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत साबित होता है।
फेसबुक पर शेयर किए गए इस पोस्ट में एलपीजी सिलिंडर के साथ इंतजार करती लोगों की बड़ी भीड़ है। तस्वीर के साथ साझा किए गए मैसेज में लिखा हुआ है, ‘मुझे याद है, 2014 से पहले ऐसे मिलती थी गैस।’
तस्वीर को दुर्गेश भट्ट ने ‘नरेंद्र मोदी 2019’ के पेज पर शेयर किया है। पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 100 बार शेयर किया जा चुका है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में 2014 से पूर्व घरेलू गैस संकट को लेकर किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत साबित होता है।
रिवर्स इमेज की मदद से जब हमने तस्वीर की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश की, तो हमें पता चला कि यह बेहद पुरानी फोटो है, जिसे गलत संदर्भ में वायरल किया जा रहा है। जिस तस्वीर को भारत में 2014 के पहले के एलपीजी संकट का दावा करते हुए वायरल किया जा रहा है, वह पड़ोसी देश नेपाल का है।
वर्ष 2015 में नेपाल राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा था और तराई प्रदेश में रह रहे मधेसियों ने नेपाल के नए संविधान का विरोध जताते हुए भारत के साथ लगी सीमा पर नाकेबंदी कर दी थी, जिसकी वजह से नेपाल में ईंधन, दवा और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति बाधित हो गई थी।
इसी नाकेबंदी की वजह से देश में घरेलू गैस की आपूर्ति की समस्या पैदा हो गई थी, जिसकी वजह से लंबी कतारें लगने लगी थी। रायनो नेपाल की इस तस्वीर में महिलाओं की लंबी कतार को साफ देखा जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल के गृह मंत्रालय ने माना था कि सरकार ईंधन के संकट से जूझ रही है। नेपाल सरकार ने सभी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन्स को अपनी उड़ानों के लिए ईंधन का इंतजाम करने को कहा था।
स्थानीय मीडिया हिमालयन टाइम्स में प्रकाशित खबर में भी आर्थिक नाकेबंदी की वजह से पैदा हुई समस्या के बारे में पढ़ा जा सकता है।
ईंधन की कमी की वजह से न केवल लोगों को LPG संकट का सामना करना पड़ा, बल्कि पेट्रोल के अभाव से भी जूझना पड़ा।
स्थानीय मीडिया हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन के प्रवक्ता का बयान आया था कि देश में लंबे समय से गैस संकट की स्थिति बनी हुई है, इसलिए लोगों ने घरों में सिलिंडरों को जमा करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से गैस संकट की स्थिति पैदा हुआ। इसके अलावा सप्लाई में हुई कमी और आर्थिक नाकेबंदी की वजह से भी आपूर्ति पर असर पड़ा।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में भारत में रसोई गैस संकट को लेकर किया जा रहा दावा गलत साबित होता है। जिस तस्वीर की मदद से इस दावे को साबित करने की कोशिश की गई , वह पड़ोसी देश नेपाल की है।
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