Fact Check: इंदिरा गांधी के BJP के दो सांसदों को लोकसभा भेजने का दावा झूठा, फर्जी पोस्ट हो रहा वायरल
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jul 12, 2019 at 06:04 PM
- Updated: Jul 12, 2019 at 06:09 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि जब बीजेपी को लोकसभा में शून्य सीटों पर जीत मिली थी, तब इंदिरा गांधी ने अपने दो सांसदों से त्यागपत्र लेकर एक सीट अटल बिहारी वाजपेयी और एक सीट लालकृष्ण आडवाणी को दे दी थी।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह पोस्ट गलत साबित होता है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
वायरल पोस्ट में इंदिरा गांधी की तस्वीर के साथ दावा किया गया है, ‘क्या आप जानते हैं। जब BJP को लोकसभा में 0 सीट आई थी तब इंदिरा जी ने अपने 2 MP से त्यागपत्र लेकर 1 सीट अटल जी और 1 सीट आडवाणी जी को दी थी।’
पड़ताल
पड़ताल की शुरुआत हमने लोकसभा चुनाव के मौजूद आंकड़ों से की। फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया है, ‘जब बीजेपी को लोकसभा में शून्य सीटें मिली, तब इंदिरा जी ने अपने दो सांसदों से त्यागपत्र लेकर एक सीट अटल बिहारी वाजपेयी और एक सीट लाल कृष्ण आडवाणी को दे दी।’
बीजेपी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, ”1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को भारी जीत मिली, लेकिन भारतीय जनसंघ ने भी 22 सीटों पर जीत दर्ज की।”
आपातकाल हटने के बाद 1977 में जनता पार्टी के साथ भारतीय जनसंघ का विलय हुआ, लेकिन दोहरी सदस्यता के मुद्दे पर उठे विवाद के बाद ”जनसंघ के नेताओं ने जनता पार्टी छोड़ दी तथा 6 अप्रैल 1980 को पांच निष्ठाओं के आधार पर भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ।”
यानी भारतीय जनता पार्टी 1980 में आई और बतौर पार्टी उसने पहला लोकसभा चुनाव 1984 में लड़ा। कार्यकाल के बीच में ही 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उनके बेटे राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई और इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव (1984) में कांग्रेस के पक्ष में उमड़े सहानुभूति वोटों की वजह से बीजेपी के मात्र दो सांसद जीत कर लोकसभा पहुंचे।
डॉ. ए के पटेल गुजरात के मेहसाणा से, जबकि आंध्र प्रदेश के हनमकोंडा से सी जंग रेड्डी लोकसभा पहुंचे। चुनाव आयोग के डाटाबेस में मौजूद आंकड़ों से इसकी पुष्टि होती है।
बीजेपी के गठन के बाद हुए पहले चुनाव से जो दो सांसद लोकसभा पहुंचे, उनमें अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी शामिल नहीं थे।इस चुनाव में वाजपेयी मध्य प्रदेश के ग्वालियर सीट से लड़े, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार माधव राव सिंधिया के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद 1989 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी दो सीटों से बढ़कर 85 सीटों के आंकड़ों पर जा पहुंची। इसी चुनाव में लाल कृष्ण आडवाणी पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। यानी लोकसभा में आडवाणी जब पहुंचे, तब इंदिरा गांधी की हत्या हो चुकी थी और उनके बेटे राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे।
वाजपेयी पहली बार जनसंघ के नेता के तौर पर 1957 में लोकसभा पहुंचे। इसके बाद 1967 में वह दोबारा चुने गए। 1971, 1977 में वह लोकसभा के लिए चुने गए। 1980 में वह जनता पार्टी के टिकट से लोकसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1991 में वह भारतीय जनता पार्टी के टिकट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।
अब अगर आंकड़ों की बात की जाए, तो 1980 में भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद से 2014 के लोकसभा चुनाव तक ऐसी कभी स्थिति नहीं आई, जब उसे शून्य सीटें मिली।
इसे लेकर जब हमने वरिष्ठ पत्रकार रशिद किदवई से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वायरल पोस्ट में दी गई जानकारी गलत है। उन्होंने कहा, ‘ दोहरी सदस्यता के मुद्दे पर विवाद होने के बाद जनता पार्टी से अलग होकर बीजेपी का गठन 1980 में हुआ और तब तक लोकसभा चुनाव हो चुके थे। यानी बतौर पार्टी बीजेपी ने अपना पहला चुनाव 1984 में लड़ा, जब इंदिरा गांधी की हत्या हो गई। और इस चुनाव में वाजपेयी तक को हार का सामना करना पड़ा।’
1984 लोकसभा चुनाव में 2 सीटें
1989 लोकसभा चुनाव में 85 सीटें
1991 लोकसभा चुनाव में 120 सीटें (इस चुनाव में वाजपेयी मध्य प्रदेश की विदिशा और उत्तर प्रदेश की लखनऊ सीट से जीतने में सफल रहे।)
1996 लोकसभा चुनाव में 161 सीटें
1998 लोकसभा चुनाव में 182 सीटें
1999 लोकसभा चुनाव में 182 सीटें
2004 लोकसभा चुनाव में 138 सीटें
2009 लोकसभा चुनाव में 116 सीटें
2014 लोकसभा चुनाव में 282 सीटें
2019 लोकसभा चुनाव में 303 सीटें।
हालांकि, फेसबुक पर वायरल पोस्ट में बीजेपी को शून्य सीटें मिलने का दावा किया जा रहा है।
निष्कर्ष: बीजेपी के गठन के बाद से हुए अब तक के किसी भी लोकसभा चुनाव में उसे शून्य सीटें नहीं मिली और न ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कभी अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी को लोकसभा में भेजने के लिए अपने पार्टी के दो सांसदों से इस्तीफा लिया। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा पोस्ट फर्जी साबित होता है।
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- Claim Review : अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी के लिए इंदिरा गांधी ने लिया कांग्रेस के दो सांसदों के इस्तीफा
- Claimed By : FB User-Koshalendra Singh Gurjar
- Fact Check : झूठ