Fact Check: दिल्ली के बाबरपुर में अधिकारियों की मिलीभगत से EVM की चोरी का दावा गलत

दिल्ली के बाबरपुर इलाके में दल विशेष के कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव आयोग के अधिकारियों की मिलीभगत से ईवीएम मशीनों की चोरी किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो गलत है। वास्तव में चुनाव अधिकारी अनपोल्ड ईवीएम को मतदान केंद्र से स्ट्रॉन्ग रूम ले जा रहे थे।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर मतदान होने के बाद सोशल मीडिया पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की चोरी किए जाने के दावे के साथ एक वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के स्ट्रॉन्ग रूम से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं को आयोग के अधिकारियों की मिलीभगत से ईवीएम की चोरी करते हुए पकड़ा गया।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। दिल्ली के बाबरपुर इलाके में ईवीएम की चोरी किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो गलत है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दावा किया गया है, ‘दिल्ली स्ट्रॉन्ग रूम से बीजेपी वालों को ईवीएम चुराकर भागते हुए पकड़ा गया।’

वीडियो को अन्य यूजर्स ने समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। फेसबुक यूजर ‘Sarfaraz Siddiqui’ ने इस वीडियो को शेयर किया है। पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को 1000 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं।

(वायरल वीडियो का आर्काइव लिंक)

पड़ताल

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को ‘NS News’ नाम से चलने वाले यू-ट्यूब चैनल से शेयर किया गया है। 8 फरवरी को शेयर किए गए वीडियो के साथ दावा किया गया है, ”Delhi Elections ke baad BJP wale EVM chori karke bhag gaye, देखें चुनाव हो जाने के बाद कैसे evm मशीन बदली जा रही हैं अलग अलग जगहों से ईवीएम बदले जाने की खबरे आ रही हैं।”

https://www.youtube.com/watch?v=YdjMVraM-ak&fbclid=IwAR2vjIgLlWIKC_2Cp_M3-ZGKW-nDuytjhUtTpXJncU3jgnLyW2sCSuxIBqY

वीडियो में कुछ लोगों को ईवीएम को गायब किए जाने का दावा करते हुए सुना और देखा जा सकता है। वीडियो बना रहे व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘दिल्ली कबीरनगर गली नंबर चार में, एसवीएन पब्लिक स्कूल, यहां ईवीएम चोरी करते हुए पकड़े गए कर्मचारी, बीजेपी वालों की मिलीभगत।’

इसी वीडियो में किसी व्यक्ति को ‘दो ईवीएम’ को निकाले जाने के बारे में भी कहते हुए सुना जा सकता है।

कबीरनगर उत्तर पूर्वी दिल्ली के शाहदरा जिले के बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में आता है। इस सीट के लिए चुनाव आयोग ने शाहदरा के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट देवाशीष बिस्वाल को इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) नियुक्त किया था।

विश्वास न्यूज ने बिस्वाल से पूछा कि क्या उन्हें इस वीडियो के बारे में जानकारी है। उन्होंने बताया, ‘यह घटना हमारे संज्ञान में है और किया जा रहा दावा पूरी तरह से फर्जी है।’

उन्होंने कहा, ‘जिस एसवीएन स्कूल से ईवीएम की चोरी का दावा किया जा रहा है, वह पोलिंग स्टेशन था और यहां से अनपोल्ड रिजर्व ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम ले जाया जा रहा था, तभी स्थानीय लोगों ने ईवीएम को देखकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया।’ बिस्वाल ने बताया, ‘मामले की जांच की गई और कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।’

इस घटना को लेकर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी सफाई दी थी। दैनिक जागरण के दिल्ली संस्करण में प्रकाशित खबर के मुताबिक मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने बाबरपुर में ईवीएम बदलने के आरोप को खारिज करते हुए कहा, ‘दोनों ईवीएम रिजर्व में रखी गई थीं और नियमों के मुताबिक उसे स्ट्रॉन्ग रूम में रखने के लिए ले जाया जा रहा था। मामले की जांच के बाद कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।’

खबर के मुताबिक, ‘ बाबरपुर इलाके के लोगों ने एक अधिकारी को ईवीएम ले जाते हुए पकड़ा था। सीईओ कार्यालय ने इस मामले की जांच कराई। जिले के निर्वाचन अधिकारी की जांच रिपोर्ट भी आ गई है। डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि वहां के एक सेक्टर अधिकारी को दो जगहों की जिम्मेदारी दी गई है। इसलिए उन्हें दो सेट अतिरिक्त (रिजर्व) ईवीएम मशीन उपलब्ध कराई गई थी। उसका इलाका तंग गलियों वाला था। उन्होंने दो मतदान केंद्रों पर इन मशीनों को रखा था। जहां पर गाड़ी खड़ी थी वहां से एक मतदान केंद्र करीब 500 मीटर दूर था। जहां गाड़ी पहुंचने में परेशानी थी। मतदान खत्म होने के बाद उन्होंने एक मतदान केंद्र से मशीन लेकर गाड़ी में रख दी। इसके बाद दूसरी मशीन लेने के लिए वह दूसरी जगह गए। वहां से वह रिजर्व में रखी गई ईवीएम मशीन लेकर पैदल गाड़ी के पास आ रहे थे। उनके साथ पुलिस भी थी। उन दोनों ईवीएम का मतदान में इस्तेमाल नहीं हुआ था।’

अन्य मीडिया रिपोर्ट में भी इस घटना के बारे में पढ़ा जा सकता है। खबर के मुताबिक, ‘जिन ईवीएम को लेक लोगों ने सवाल उठाए, उसका इस्तेमाल पोलिंग में नहीं हुआ।’

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर

गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक, ‘चुनाव के बाद सभी उपलब्ध ईवीएम और वीवीपैट्स को चार श्रेणियों में बांटा जाता है।’

ईवीएम को रखे जाने को लेकर चुनाव आयोग के दिशानिर्देश

कैटेगरी A: पोल्ड EVMs और VVPATs

पहली श्रेणी में वह ईवीएम और वीवीपैट शामिल होते हैं, जिससे मतदान हुआ होता है और जिन्हें मतदान खत्म होने के बाद बंद कर दिया जाता है।

कैटेगरी B: डिफेक्टिव पोल्ड EVMs और VVPATs

इसमें वैसे ईवीएम शामिल होती हैं, जो कुछ मतों के डाले जाने के बाद खराब हो जाती है।

कैटेगरी C: डिफेक्टिव अनपोल्ड EVMs और VVPATs

इस श्रेणी में उन मशीनों को रखा जाता है, जो चुनाव चुनाव के पहले ही खराब हो जाती हैं और जिन्हें बदल दिया जाता है।

कैटेगरी D: अनयूज्ड EVMs और VVPATs

इस श्रेणी में आने वाली ईवीएम और वीवीपैट्स मशीनें सेक्टर या जोनल या एरिया मजिस्ट्रेट के पास होती हैं, जो सुरक्षित होती हैं और जिसका इस्तेमाल मतदान में नहीं हुआ होता है। बाबरपुर इलाके में जिस ईवीएम को लोगों ने चोरी के संदेह में पकड़ा, वह कैटेगरी D की ईवीएम मशीनें थीं।

सोशल स्कैनिंग के दौरान वायरल वीडियो शेयर करने वाला फेसबुक यूजर विचारधारा विशेष से प्रेरित नजर आया।

निष्कर्ष: दिल्ली के बाबरपुर इलाके में दल विशेष के कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव आयोग के अधिकारियों की मिलीभगत से ईवीएम मशीनों की चोरी किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो गलत है। वास्तव में चुनाव अधिकारी अनपोल्ड ईवीएम को मतदान केंद्र से स्ट्रॉन्ग रूम ले जा रहे थे।

False
Symbols that define nature of fake news
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