दिल्ली के चांदनी चौक के बल्लीमारान में पुलिस की मिलीभगत से बीजेपी कार्यकर्ताओं के ईवीएम को चुराए जाने का दावा गलत है। इस दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति चुनाव अधिकारी हैं, जिनके पास नियमों के मुताबिक अनयूज्ड रिजर्व ईवीएम रखा हुआ था।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि चांदनी चौक से बीजेपी के कार्यकर्ताओं को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) चुराते हुए पकड़ा गया है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। जिन मशीनों को लेकर यह दावा किया जा रहा है, वह चुनाव अधिकारी के पास रखा हुआ रिजर्व ईवीएम था।
फेसबुक यूजर ‘Ghanshyam Goyal’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”चांदनी चौक से ईवीएम मशीन बीजेपी वाले गायब करते पकड़े गये👇 ये चुनाव आयोग भी मिला हुआ है मोदी सरकार के साथ।”
कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। जांच किए जाने तक इस वीडियो 1000 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं।
(फेसबुक पर वायरल हो रहे वीडियो का सामान्य लिंक और आर्काइव लिंक।)
वीडियो में व्यक्ति को कहते हुए सुना जा सकता है कि चांदनी चौक के बल्लीमारान इलाके में बीजेपी के लोग पुलिस के साथ मिलकर ईवीएम की चोरी करते हुए पकड़े गए हैं।
चांदनी चौक, सेंट्रल दिल्ली के तहत आने वाला इलाका है। इस सीट के लिए चुनाव आयोग ने लाल मणि को इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) नियुक्त किया है।
विश्वास न्यूज ने लाल मणि से पूछा कि क्या उन्हें वायरल हो रहे वीडियो के बारे में जानकारी है। उन्होंने कहा, ‘हां, मुझे इसकी जानकारी है।’ अधिकारी ने कहा, ‘ईवीएम को चुराए जाने का दावा सरासर गलत और अफवाह है। जिन ईवीएम को लोगों ने देखकर हंगामा करना शुरू किया, वह चुनाव अधिकारी के पास रखा गया अतिरिक्त ईवीएम था, जिससे वोटिंग नहीं हुई थी।’
उन्होंने कहा, ‘सेक्टर ऑफिसर राम प्रताप यादव के पास अनपोल्ड रिजर्व ईवीएम थे, जिसे देखकर लोगों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया।’
चुनाव आयोग समय-समय पर चुनाव बाद ईवीएम की सुरक्षा और उसके रख-रखाव को लेकर दिशा-निर्देश जारी करते रहता है। 22 मार्च 2019 को जारी निर्देशों के मुताबिक, कैटेगरी D के तहत अनयूज्ड ईवीएम और वीवीपैट्स मशीनें सेक्टर, जोनल या एरिया मजिस्ट्रेट को दी जाती हैं। इन मशीनों का इस्तेमाल मतदान में नहीं होता है।
नीचे दिए गए आयोग के दिशानिर्देशों में इसे साफ-साफ पढ़ा जा सकता है।
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक, ‘चुनाव के बाद सभी उपलब्ध ईवीएम और वीवीपैट्स को चार श्रेणियों में बांटा जाता है।’
कैटेगरी A: पोल्ड EVMs और VVPATs
पहली श्रेणी में वह ईवीएम और वीवीपैट शामिल होते हैं, जिससे मतदान हुआ होता है और जिन्हें मतदान खत्म होने के बाद बंद कर दिया जाता है।
कैटेगरी B: डिफेक्टिव पोल्ड EVMs और VVPATs
इसमें वैसे ईवीएम शामिल होती हैं, जो कुछ मतों के डाले जाने के बाद खराब हो जाती है।
कैटेगरी C: डिफेक्टिव अनपोल्ड EVMs और VVPATs
इस श्रेणी में उन मशीनों को रखा जाता है, जो चुनाव के पहले ही खराब हो जाती हैं और जिन्हें बदल दिया जाता है।
कैटेगरी D: अनयूज्ड EVMs और VVPATs
इस श्रेणी में आने वाली ईवीएम और वीवीपैट्स मशीनें सेक्टर या जोनल या एरिया मजिस्ट्रेट के पास होती हैं, जो सुरक्षित होती हैं और जिसका इस्तेमाल मतदान में नहीं हुआ होता है।
8 फरवरी 2020 को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद सोशल मीडिया पर ईवीएम की अदला-बदली या उसकी चोरी को लेकर अफवाहों का सिलसिला चल पड़ा है। दिल्ली के बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में भी ईवीएम चोरी को लेकर अफवाह फैलाई गई, जिसकी जांच को विश्वास न्यूज पर पढ़ा जा सकता है।
वायरल वीडियो शेयर करने वाले फेसबुक यूजर्स ने अपनी प्रोफाइल में खुद को आम आदमी पार्टी का नेता बताया है। विश्वास न्यूज इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है।
निष्कर्ष: दिल्ली के चांदनी चौक के बल्लीमारान में पुलिस की मिलीभगत से बीजेपी कार्यकर्ताओं के ईवीएम को चुराए जाने का दावा गलत है। इस दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति चुनाव अधिकारी हैं, जिनके पास नियमों के मुताबिक अनयूज्ड रिजर्व ईवीएम रखा हुआ था।
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