Fact Check: हरियाणा के शाहबाद में EVM के बरामद होने की खबर फर्जी, निर्वाचन अधिकारी को आवंटित मशीन की तस्वीर वायरल

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने के बाद सोशल मीडिया पर ईवीएम को लेकर भ्रामक दावा वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि कुरुक्षेत्र के शाहबाद इलाके में कई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) पकड़ी गई हैं और सरकार लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश कर रही है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रही ईवीएम की तस्वीर स्ट्रॉन्ग रूम में जमा कराए जाने के पहले की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया पर EVM को लेकर वायरल हो रहा भ्रामक दावा

फेसबुक पर वायरल हो रही पोस्ट में दावा किया गया है, ”बड़ी खबर @ @ रात 10 बजे शाहबाद में पकड़ी गयी कयी evm मशीनें । आखिर हो क्या रहा है ये इस देश में औऱ क्यूँ खुद सरकारें करवा रही हैँ इतना भ्रष्टाचार । देश के प्रधानमंत्री से ले कर मुख्यमन्त्री मनोहर भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात करते हैँ पर आज लोकतन्त्र की हत्या खु द उनकी ही सरकार में उनके ही लोग कर रहे हैँ ।”  

पड़ताल

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें हरियाणा के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम को पकड़े जाने या उसके बरामद होने की खबर हो। हरियाणा सीईओ के आधिकारिक हैंडल पर भी ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली।

21 अक्टूबर को एक चरण में हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों पर मतदान हुआ। 21 अक्टूबर को चुनाव खत्म होने के बाद चुनाव आयोग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, हरियाणा में शाम 6 बजे तक 65 फीसदी मतदान हुआ। पिछले विधानसभा चुनाव में यह 76.54 फीसदी था।

एएनआई की रिपोर्ट

आयोग की तरफ से किए प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई। चुनाव खत्म होने के बाद हुए आयोग की तरफ से किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस को यहां देखा जा सकता है।

इसके बाद विश्वास न्यूज ने कुरुक्षेत्र जिले के निर्वाचन अधिकारी डॉ. एस एस फुलिया से बात की। वायरल हो रही तस्वीर की पुष्टि करते हुए उन्होंने संबंधित दावे को फर्जी बताया। विश्वास न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘जिस गाड़ी में रखे ईवीएम की तस्वीर वायरल हो रही है, वह एआरओ (श्रीमान सिंघला) की गााड़ी है और उसमें रखा ईवीएम रिजर्व ईवीएम है। इन ईवीएम को चुनाव के दौरान खराब होने वाले ईवीएम की जगह इस्तेमाल करने के लिए रिजर्व में रखा जाता है। यह पोल्ड ईवीएम नहीं थे।’ यानी, वैसे ईवीएम नहीं थे, जिससे मतदान हुआ था।

उन्होंने बताया कि चुनाव खत्म होने के बाद इस ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में जमा कराया जाना था और एआरओ की गाड़ी स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर ही खड़ी थी, जिसे देखकर लोगों ने अफवाह फैलाना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया, ”यह घटना शाहबाद में आर्य कन्या महाविद्यालय के बाहर शाम 7 से 8 बजे के बीच की है।”

चुनाव आयोग के सर्कुलर के मुताबिक, मतदान के दौरान चार तरह के ईवीएम का इस्तेमाल किया जाता है।

पहली कैटेगरी A में वह ईवीएम शामिल हैं, जिनसे चुनाव कराया जा चुका है। दूसरी कैटेगरी B में वह मशीनें शामिल होती हैं, जिनसे मतदान हो चुका होता है, लेकिन वह खराब पाई गईं। कैटेगरी C में उन मशीनों को रखा जाता है, जो खराब हैं और मतदान में जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है, जबकि कैटेगरी D में वह मशीनें होती हैं, जो ठीक होती हैं और जिन्हें रिजर्व में रखा जाता है।

आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक, कैटेगरी डी की मशीनों को स्ट्रॉन्ग रूम से अलग रखा जाता है, ताकि जरूरत पड़ने पर अगले चुनाव में उनका तत्काल इस्तेमाल किया जा सके।

निष्कर्ष: हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहबाद इलाके में कथित रूप से पकड़े गए ईवीएम के नाम से वायरल हो रहा पोस्ट फर्जी है। वायरल पोस्ट में नजर आ रहा ईवीएम, चुनाव के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर को दिए गए रिजर्व ईवीएम की है, जिसे चुनाव बाद स्ट्रॉन्ग रूम में जमा कराया जा रहा था।

False
Symbols that define nature of fake news
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