Fact Check: दिल्ली पुलिस ने नहीं किया CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन, सर्कुलेट हो रही फर्जी तस्वीर

Fact Check: दिल्ली पुलिस ने नहीं किया CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन, सर्कुलेट हो रही फर्जी तस्वीर

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शनों के बीच सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली पुलिस के जवानों की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वह सीएए और NRC का विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। एनआरसी और CAA के विरोध के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर फर्जी है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर खतीब हसानी (Khateeb Hasani) पुलिस वालों की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ”और थोड़ा….एक कदम दूर हैं….इंशाअल्लाह इंकलाब आएगा।”

नागरिकता कानून के विरोध के दावे के साथ वायरल दिल्ली पुलिस के जवानों की फर्जी तस्वीर

पड़ताल किए जाने तक इस तस्वीर को करीब डेढ़ हजार से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं। सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म पर भी यह तस्वीर इसी दावे के साथ वायरल हो रही है।

पड़ताल

रिवर्स इमेज किए जाने पर हमें 5 नवंबर 2019 को ‘द वीक’ की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर का लिंक मिला, जिसमें विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिसवालों की ऑरिजिनल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

खबर के मुताबिक, ‘विरोध कर रहे पुलिस के जवान दिल्ली पुलिस के हैं, जिन्होंने अपने हाथों पर काली पट्टी बांध रखी है और उनके हाथों में जो बैनर है, उस पर ‘पुलिस वाले भी इंसान है’ और ‘कपिल तंवर को गिरफ्तार करो’ लिखा हुआ है।’

वकीलों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दिल्ली पुलिस के जवान (Image Credit-The Week)

दिल्ली पुलिस के इसी विरोध प्रदर्शन की तस्वीर को एडिट कर नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध के दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।

गौरतलब है कि 2 नवंबर 2019 को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट कॉम्प्लेक्स में दिल्ली पुलिस के जवानों और वकीलों के बीच झड़प हुई थी, जिसके बाद पूरी दिल्ली में वकील और पुलिस आमने-सामने आ गए थे। साकेत कोर्ट परिसर में वकीलों के दिल्ली पुलिस के एक जवान की पिटाई के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन किया था।

6 नवंबर 2019 को अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘न्यूज एक्स’ की वेबसाइट पर लगी रिपोर्ट में भी इस तस्वीर को देखा जा सकता है।

साउथ -ईस्ट दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर चिन्मय बिस्वाल ने बताया, ‘यह फेक न्यूज इंडस्ट्री का नया प्रॉडक्ट है।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने नागरिकता कानून या फिर एनआरसी के खिलाफ कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के बाद से सोशल मीडिया पर लगातार फर्जी खबरें और अफवाहें फैलाई जा रही है, जिसकी पड़ताल कर विश्वास न्यूज पाठकों तक सच्चाई पहुंचा रहा है। इन खबरों को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: दिल्ली पुलिस के नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर फर्जी है। दिल्ली पुलिस नागरिकता कानून के खिलाफ किसी भी प्रदर्शन में शामिल नहीं रही है।

False
Symbols that define nature of fake news
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