Fact Check: यह तस्वीर सेना के खिलाफ नहीं, मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ हुए CPM के विरोध प्रदर्शन की है

दिल्ली में सीपीएम नेताओं ने कोरोना संक्रमण से निपटने में सरकार की विफलता और आर्थिक मंदी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। मोदी सरकार के खिलाफ किए गए विरोध की इन तस्वीरों को भारतीय सेना के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन का बताकर वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सोशल मीडिया पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के नेताओं की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें उन्हें विरोध-प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना के चीनी सैनिकों को गोली मारने के खिलाफ दिल्ली में इन नेताओं ने सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी और दुष्प्रचार निकला। दिल्ली में पार्टी कार्यालय के बाहर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के नेताओं ने मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जिसे गलत मंशा के साथ सेना के खिलाफ किया गया प्रदर्शन बताकर सीपीएम नेताओं के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Bharat Sumati Hiralal Raut’ तस्वीरों को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए मराठी भाषा में लिखा है, ”भारतीय लष्कराने चीनच्या ५ सैनिकांना उडवल्यानंतर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडियाच्या नेत्यांनी ❌🈲 लष्कराविरोधात दिल्लीत रॅली काढून घोषणाबाजी केली.सीताराम येचुरी, वृंदा करात, प्रकाश करात आदि..।”

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट

हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ”भारतीय सेना के चीन के 5 सैनिकों को मारने के बाद भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ने दिल्ली में सेना के खिलाफ रैली ली। सीताराम येचुरी, वृंदा करात, प्रकाश करात आदि नेता रैली में शामिल हुए।”

पड़ताल

न्यूज सर्च में हमें कई रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) ने कोरोना वायरस के संक्रमण और आर्थिक मंदी की स्थिति से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ 16 जून को अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था।

इसी क्रम में दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पर भी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। सभी तस्वीरों में सीपीएम के नेताओं के हाथों में बैनर और पोस्टर को देखा जा सकता है। सीताराम येचुरी ने अपने गले में एक बैनर को लटका रखा है, जिस पर लिखा हुआ है, ‘आयकर सीमा से नीचे के सभी परिवारों को फौरन तीन महीने तक हर महीने 7,500 रुपये दो।’

Image-CPI-M Twitter Profile

एक दूसरी तस्वीर में नेताओं के पीछे एक लैंडमार्क को देखा जा सकता है। लैंडमार्क पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), केंद्रीय कमेटी कार्यालय लिखा हुआ है।


Image-CPI-M Twitter Profile

गूगल मैप में सीपीएम के केंद्रीय कमेटी कार्यालय के लोकेशन को देखा जा सकता है, जो दिल्ली के भाई वीर सिंह मार्ग, गोल मार्केट में स्थित है।

सीपीएम ने विरोध-प्रदर्शन की इन तस्वीरों को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी डाला है। वायरल हो रही तस्वीर इन्हीं में से एक है। 16 जून को ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, सीपीएम के नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।

नई दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में काम करने वाले रामाधार ने बताया, ‘ पार्टी कार्यालय के बाहर मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ और गरीबों को राशन एवं मदद दिए जाने की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन हुआ था।’

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में भारत और चीन की सेना के पीछे हटने के क्रम में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे।

सीताराम येचुरी के ट्विटर प्रोफाइल पर 16 जून को किया गया ट्वीट भी मिला, जिसमें उन्होंने लद्दाख में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि दी है।

इसके साथ ही उन्होंने सीपीएम की तरफ से जारी बयान की प्रति को भी शेयर किया है, जिसमें पार्टी की तरफ से भी शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है।

CPI-M की तरफ से जारी किया बयान

वायरल पोस्ट शेयर करने वाये यूजर ने खुद को महाराष्ट्र बीजेपी का कार्यकर्ता बताया है। उन्होंने अपनी प्रोफाइल में खुद को मुंबई का रहने वाला बताया है। फेसबुक पर उन्हें करीब एक हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: दिल्ली में सीपीएम नेताओं ने कोरोना संक्रमण से निपटने में सरकार की विफलता और आर्थिक मंदी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। मोदी सरकार के खिलाफ किए गए विरोध की इन तस्वीरों को भारतीय सेना के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन का बताकर वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट