विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यू.सी.सी.) के नाम से वायरल दावा गलत है। पोस्ट में दिया गया नंबर बीजेपी के 2024 लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है। बीजेपी ने नौ साल पूरे होने पर 9090902024 को जारी कर 'जनसंपर्क से जन समर्थन' अभियान चलाया था और लोगों से मिस कॉल कर समर्थन मांगा था। विधि आयोग ने साल 2023 में मेल आईडी जारी कर आम जनता से यूसीसी को लेकर सुझाव और उनकी राय मांगी थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यू.सी.सी.) लाना चाहती है। इसलिए सरकार ने आम आदमी से उनका समर्थन मांगा है। साथ ही पोस्ट में कहा जा रहा है कि दिए गए नंबर पर मिस कॉल करें और सरकार के इस कदम को समर्थन दें।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। पोस्ट में दिया गया नंबर बीजेपी के 2024 लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है। बीजेपी ने नौ साल पूरे होने पर 9090902024 को जारी कर ‘जनसंपर्क से जन समर्थन’ अभियान चलाया था और लोगों से मिस कॉल कर समर्थन मांगा था। विधि आयोग ने साल 2023 में मेल आईआईडी जारी कर आम जनता से यूसीसी को लेकर सुझाव और उनकी राय मांगी थी।
फेसबुक यूजर मुकेश व्लॉग्स ने 31 जनवरी 2024 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे भारतवासियों को। यू.सी.सी. समान नागरिक संहिता. समान नागरिक संहिता लाना चाहते हैं. इसके लिए देश के नागरिकों से अपनी राय देने को कहा गया है. दो दिन में ही 04 करोड़ मुसलमानों और 02 करोड़ ईसाइयों ने यूसीसी के खिलाफ वोट किया है. इसलिए, समय सीमा 6 जुलाई से पहले, देश के सभी हिंदुओं से यूसीसी के पक्ष में मतदान करने का अनुरोध किया जाता है। कृपया यूसीसी का समर्थन करने और देश को बचाने के लिए 9090902024 पर मिस्ड कॉल दें। आपकी कॉल रिकॉर्ड की जाएगी और यूसीसी को समर्थन के रूप में स्वीकार की जाएगी। कृपया यह जानकारी सभी हिंदुओं के साथ साझा करें। 9090902024 पर मिस्ड कॉल देने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं। भारत माता की जय. यदि आप इस संदेश को 100 से अधिक लोगों तक साझा करते हैं, तो आप देश की बहुत बड़ी सेवा करेंगे।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर 31 मई 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक विशेष फोन नंबर, 9090902024 के साथ एक अनोखा ‘जनसंपर्क से जन समर्थन’ मिस्ड कॉल अभियान शुरू किया।
अन्य न्यूज रिपोर्ट्स को यहां पर पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने बीजेपी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी पोस्ट बीजेपी झारखंड के आधिकारिक फेसबुक पेज पर मिली। पोस्ट को 31 मई 2023 को शेयर किया गया था। कैप्शन में मौजूद जानकारी के मुताबिक, “9 साल…सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के! जनसंपर्क से जन समर्थन अभियान से जुड़ने के लिए 9090902024 पर मिस्ड कॉल करें।”
अधिक जानकारी के लिए हमने उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता अवनीश त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल दावा गलत है। इस नंबर को बीजेपी की ओर से पिछले साल जनसंपर्क से जन समर्थन अभियान के तहत लॉन्च किया गया था।
सोशल मीडिया पर पहले भी यह दावा वायरल हो चुका है। विश्वास न्यूज ने उस दौरान भी दावे की पड़ताल कर सच्चाई सामने रखी थी। पूरी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है।
टीवी9 भारतवर्ष की वेबसाइट पर 14 जून 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, “विधि आयोग ने आम जनता से यूसीसी कानून को लेकर उनकी राय मांगी थी। इसके लिए उन्होंने एक मेल आईडी भी जारी की थी।”
अंत में हमने पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के करीब तीन हजार मित्र हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को मध्य प्रदेश का रहने वाला बताया हुआ है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यू.सी.सी.) के नाम से वायरल दावा गलत है। पोस्ट में दिया गया नंबर बीजेपी के 2024 लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है। बीजेपी ने नौ साल पूरे होने पर 9090902024 को जारी कर ‘जनसंपर्क से जन समर्थन’ अभियान चलाया था और लोगों से मिस कॉल कर समर्थन मांगा था। विधि आयोग ने साल 2023 में मेल आई जारी कर आम जनता से यूसीसी को लेकर सुझाव और उनकी राय मांगी थी।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।