नई दिल्ली (विश्वास टीम)। दिल्ली चुनाव के नतीजे आने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई पोस्ट में दावा किया गया है कि विधानसभा की सभी 70 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव नहीं लड़ा था, ऐसे में सभी सीटों पर जमानत जब्त होने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है।
फेसबुक पर वायरल हो रहे पोस्ट में दावा किया गया है, ”कांग्रेस ने दिल्ली में बनाया ऐतिहासिक रिकॉर्ड। 70 में से 70 सीटों पर जप्त हुई जमानत।”
फेसबुक यूजर दीपक हिंदू (Deepak Hindu) ने इस खबर को डॉ. संबित पात्रा फैन क्लब में शेयर किया है, जिसे करीब 3000 से अधिक लोगों ने शेयर किया है। इसी खबर को फेसबुक पेज ‘Modi सरकार’ पर भी शेयर किया गया है, जिसे करीब 8000 से अधिक लोगों ने शेयर किया है।
(फेसबुक पोस्ट का सामान्य और आर्काइव लिंक)
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए 8 फरवरी को चुनाव हुए थे और 11 फरवरी को इसके नतीजे आएं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) को 62 सीटें मिलीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 8 सीटें। वहीं कांग्रेस का इस चुनाव में खाता भी नहीं खुला।
वायरल पोस्ट के दावे की सत्यता को जांचने के लिए हमने चुनाव आयोग के आंकड़ों को खंगाला। आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 66 सीटों पर ही चुनाव लड़ा था।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया, ‘हमने दिल्ली की 70 में से 66 सीटों पर चुनाव लड़ा था और चार सीटें अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ रखी थी।’
दिल्ली विधानसभा की तीन सीटें ऐसी रहीं, जहां कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने से बच गई। तीनों उम्मीदवारों, अरविंदर सिंह लवली, देवेंदर यादव और अभिषेक दत्त को करीब 20 फीसदी या उससे अधिक मत मिले।
यानी कांग्रेस ने कुल 66 सीटों पर चुनाव लड़ा और तीन सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने से बच गई। पार्टी प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘पार्टी ने जब चुनाव ही 66 सीटों पर लड़ा तो 70 सीटों पर जमानत जब्त होने का सवाल कहां से आ गया।’
गठबंधन के तहत कांग्रेस ने 4 सीटें अपने सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को दी थी, जिसे नीचे दिए गए टेबल में देखा जा सकता है।
आंकड़ों के मुताबिक पालम, बुराड़ी, किराड़ी और उत्तम नगर समेत चारों सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई।
अगर किसी उम्मीदवार को कुल वैध मतों के छठे हिस्से से कम मत मिलता है, तो चुनाव आयोग उसकी तरफ से दी गई जमानत राशि को जब्त कर लेता है।
अगर गठबंधन को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस और सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल की सीटों को मिलाकर भी देखा जाए तो भी 70 में से 67 सीटों पर ही उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई, जबकि वायरल पोस्ट में 70 सीटों पर उम्मीदवारों के जमानत जब्त होने का दावा किया गया है।
विश्वास न्यूज ने इसे लेकर दिल्ली कांग्रेस के चुनाव प्रचार समिति के चेयरमैन कीर्ति आजाद से संपर्क किया। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा, ‘चुनाव आयोग के आंकड़ें सामने हैं, वहां से इस बारे में पता लगाया जा सकता है।’
आयोग के आंकड़ों के मुताबिक अधिकांश सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को पांच फीसदी से भी कम वोट मिला। पार्टी की प्रचार समिति के चेयरमैन कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद को मात्र 2.23 फीसदी मत मिले और वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं।
कई सारे न्यूज रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र है। अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि दिल्ली में कांग्रेस के 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई।
‘Modi सरकार’ पेज पर विचारधारा विशेष से जुड़ी हुई खबरें शेयर की जाती है। इस पेज को करीब 77,000 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने का दावा गलत है। कांग्रेस ने 70 में से 66 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई।
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