Fact Check: वित्त वर्ष में बदलाव का दावा अफवाह, एक अप्रैल से हुई नए वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत

एक अप्रैल से भारत में नए वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत हो चुकी है। सोशल मीडिया में वित्त वर्ष की तारीख को अप्रैल से जुलाई किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट गलत साबित होता है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। एक अप्रैल से देश में नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो गई है। हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई मैसेज में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस की वजह से देशबंदी के बीच सरकार ने वित्त वर्ष की शुरुआत की तारीख को एक अप्रैल से बढ़ाकर एक जुलाई कर दिया है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। सरकार ने वित्त वर्ष की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया है। एक अप्रैल के साथ ही देश में वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत हो गई है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Mohd Lateef Babla’ ने लिखा है, ”Govt changes financial year from April 1 to July 1 in view of the #Covid_19 pandemic: Official notification.”

हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ”आधिकारिक अधिसूचना: कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने वित्त वर्ष की तारीख को एक अप्रैल से बढ़ाकर एक जुलाई कर दिया है।”

(ट्विटर पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखें)

पड़ताल

भारत सरकार वित्त वर्ष का पालन करती है, जिसकी शुरुआत एक अप्रैल से होती है और उसका समापन 31 मार्च को होता है, जबकि कैलैंडर ईयर की शुरुआत 1 जनवरी और अंत 31 दिसंबर को होता है। बजट और उसमें किया जाने वाला आवंटन वित्त वर्ष के मुताबिक ही तय होता है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस की वजह से देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई है, जो 14 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इस बीच सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई कि सरकार ने वित्त वर्ष की तारीख को एक अप्रैल से बढ़ाकर एक जुलाई कर दिया है।

हालांकि, न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें वित्त वर्ष की तारीख को आगे बढ़ाए जाने का जिक्र हो। सर्च में हमें 31 मार्च को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर मिली। इसके मुताबिक, सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में 4.88 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेने का लक्ष्य तय किया है, जो कुल सालाना कर्ज लक्ष्य का करीब 63 फीसदी है।

खबर में आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती के बयान का भी जिक्र है। इसमें उन्होंने कहा है, ‘भारत की योजना इस अवधि (अप्रैल से सितंबर) में 4.88 लाख करोड़ रुपये की रकम कर्ज से जुटाने की है, जो सालाना कर्ज लक्ष्य का करीब 63 फीसदी है।’

यह खबर बताती है कि सरकार ने वित्त वर्ष की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया है। वह अप्रैल से वित्त वर्ष की शुरुआत को मानते हुए पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में कर्ज जुटाने का लक्ष्य तय कर चुकी है।

वित्त मंत्रालय की तरफ से भी इस खबर को फर्जी बताते हुए इसका खंडन जारी किया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, ‘वित्त वर्ष की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया गया है। मीडिया के कुछ हिस्से में यह अफवाह फैलाई जा रही है कि वित्त वर्ष (अप्रैल से मार्च) की तारीख को आगे बढ़ाया गया है।’

इनकम टैक्स ऑफ इंडिया की तरफ से भी इस फर्जी खबर का खंडन किया गया है। प्रेस को दी गई जानकारी में इनकम टैक्स ऑफ इंडिया की तरफ से कहा गया है, ‘वित्त वर्ष की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया गया है।’

निष्कर्ष: एक अप्रैल से भारत में नए वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत हो चुकी है। सोशल मीडिया में वित्त वर्ष की तारीख को अप्रैल से जुलाई किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट गलत साबित होता है।

False
Symbols that define nature of fake news
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