Fact Check: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की कटौती की घोषणा वापस नहीं ली है

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचरियों के डीए को बहाल नहीं किया है, वायरल हो रहा पोस्ट फर्जी है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम एक पत्र वायरल हो रहा है। इस पत्र के नीचे नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन NFIR के महासचिव एम. राघवैया के हस्ताक्षर मौजूद हैं। दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ता कटौती की घोषणा वापस ले ली है। साथ ही यह भी लिखा गया है कि अब सभी कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020 से डीए यानी कि महंगाई भत्ता मिलेगा। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि खबर लिखे जाने तक केंद्र सरकार ने डीए कटौती की घोषणा को वापस लेने का कोई निर्णय नहीं लिया था, लिहाजा यह दावा गलत है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर यह पोस्ट Kc Rana नामक यूजर ने साझा की थी, जिसमें एक पत्र के ऊपर लिखा गया है: केंद्रीय सरकार द्वारा DA कटौती की घोषणा वापस ले ली गई है, सभी केंद्रीय कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020 से महंगाई भत्ता लागू होगा। साथ ही इस पर 21 सितंबर 2020 की तारीख डली हुई है और नीचे महासचिव एम राघवैया के हस्ताक्षर नजर आते हैं।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वायरल हो रहे पत्र को पढ़ा। यह पत्र रेलवे कर्मचारी यूनियन NFIR के महासचिव एम राघवैया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा था, जिसमें उन्होंने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद डीए कटौती वापस लेने की मांग की थी। हमने पड़ताल में पाया कि यह पत्र कोई सरकारी नोटिस नहीं है।

NFIR ने 13 मई को यह पत्र अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किया था।

इसके बाद हमने इंटरनेट पर कीवर्ड्स की मदद से डीए कटौती के निर्णय को वापस लेने के सरकार के आदेश के बारे में सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें यह कहा गया हो कि सरकार ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते में वृद्धि पर जुलाई 2021 तक के लिए रोक लगा दी थी।

विश्वास न्यूज को NFIR के प्रवक्ता एसएन मलिक ने बताया कि वायरल हो रहे पत्र के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। वायरल पोस्ट में पत्र के ऊपर से लेटरहेड वाले हिस्से को क्रॉप कर उसकी जगह यह दो लाइनें लिख दी गई हैं, जिनका इस पत्र से कोई संबंध नहीं है। यह पत्र का आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं है।

फेसबुक पर यह पोस्ट “Kc Rana” नामक यूजर ने साझा की थी। जब हमने इस यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि यूजर पालमपुर, हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है।

निष्कर्ष: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचरियों के डीए को बहाल नहीं किया है, वायरल हो रहा पोस्ट फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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