विश्वास न्यूज की पड़ताल में नीतीश कुमार के वीडियो को लेकर वायरल दावा भ्रामक निकला। नीतीश कुमार का ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 7 साल पुराना है। उस समय बीजेपी और जेडीयू के बीच मतभेद चल रहे थे। दोनों पार्टियों के बीच कोई गठबंधन नहीं था। बल्कि उस दौरान नीतीश कुमार की पार्टी का आरजेडी और कई अन्य पार्टियों के साथ महागठबंधन था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। नीतीश कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है। वीडियो में नीतीश कुमार कहते हुए नजर आ रहे है बीजेपी का फुल फॉर्म ‘बड़का झूठा पार्टी’ है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि जिस पार्टी के साथ नीतीश कुमार ने गठबंधन किया हुआ है और उनके मित्र हैं। वो उसके लिए ही वो इस तरह का बयान दे रहे हैं।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। नीतीश कुमार का ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 7 साल पुराना है। उस समय बीजेपी और जेडीयू के बीच मतभेद चल रहे थे। दोनों पार्टियों के बीच कोई गठबंधन नहीं था, बल्कि उस दौरान नीतीश कुमार की पार्टी का आरजेडी और कई अन्य पार्टियों के साथ महागठबंधन था।
फेसबुक यूजर MD Aslam ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “BJP के सहयोग से सरकार चला रहे माननीय मुख्यमंत्री BJP का मतलब बता रहें। जरूर सुनिए और साझा करके सबको सुनाइए।।”
इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट एनडीटीवी की वेबसाइट पर 10 अगस्त 2015 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी ने बिहार के गया में एक रैली के दौरान जेडीयू का मतलब ‘जनता का दमन और उत्पीड़न’ बताया था। उसके जवाब में नीतीश ने BJP का मतलब ‘बड़का झूठा पार्टी’ बताया था।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो एजेंसी एएनआई के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 9 अगस्त 2015 को अपलोड मिला। वीडियो में करीब 2:45 मिनट पर नीतीश कुमार को वायरल वीडियो वाले वाक्य को बोलते हुए सुना जा सकता है।
हमारी अब तक की पड़ताल में ये साफ होता है कि नीतीश का ये बयान सात पुराना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2013 में नीतीश कुमार ने साल 2013 में वैचारिक मतभेदों के कारण भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया था। वो 2015 के विधानसभा चुनाव राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़े थे। उस दौरान इस महागठबंधन की जीत हुई थी, तो नीतीश कुमार सीएम बने थे, लेकिन महागठबंधन की ये सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई थी और साल 2017 में नीतीश कुमार ने इस महागठबंधन को तोड़कर एक बार फिर भाजपा के साथ सरकार बना ली थी। इसके बाद ये साफ होता है कि नीतीश कुमार ने जब ये बयान दिया था, वो उस समय बीजेपी के साथ नहीं थे।
अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण बिहार के राज्य ब्यूरो प्रमुख अरविंद शर्मा से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। नीतीश कुमार द्वारा दिया गया ये बयान हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि तकरीबन 7 साल पुराना है। नीतीश कुमार का ये बयान उस दौरान का है, जब बीजेपी और जेडीयू साथ नहीं थे।
विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि यूजर को एक हजार चार सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में नीतीश कुमार के वीडियो को लेकर वायरल दावा भ्रामक निकला। नीतीश कुमार का ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 7 साल पुराना है। उस समय बीजेपी और जेडीयू के बीच मतभेद चल रहे थे। दोनों पार्टियों के बीच कोई गठबंधन नहीं था। बल्कि उस दौरान नीतीश कुमार की पार्टी का आरजेडी और कई अन्य पार्टियों के साथ महागठबंधन था।
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