विश्वास न्यूज की पड़ताल में नितिन गडकरी के बीजेपी छोड़ने को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला। वीडियो को एडिट कर गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में वो 90 के दशक का एक वाकया बता रहे है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बीजेपी की संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से हटाए जाने के बाद से ही सुर्खियों में बने हुए हैं। इसी बीच उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में वो कहते हुए नजर आ रहे हैं, “उनका पद रहे या जाए, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।” इस वीडियो को शेयर कर सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वो बीजेपी से नाराज है और बीजेपी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वीडियो को एडिट कर गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में वो 90 के दशक का एक वाकया बता रहे है।
फेसबुक यूजर जन मंच ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रित मंत्री Nitin Gadkari जी हुए प्रधानमंत्री Narendra Modi जी से नाराज .. मेरा मंत्रीपद गया तो गया मुझे फर्क नही पड़ता, क्या Gadkari जी BJP छोड रहे है ?
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो नितिन गडकरी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 23 अगस्त 2022 को अपलोड मिली। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो ‘नौकरस्याही के रंग’ किताब के लॉन्च कार्यक्रम के दौरान का है। असली वीडियो में नितिन गडकरी उस वक्त का किस्सा सुना रहे हैं, जब वह महाराष्ट्र के मंत्री हुआ करते थे। 7 मिनट 25 सेकेंड से लेकर 12 मिनट तक उनके इस पूरे किस्से को सुना जा सकता है।
असली वीडियो में वो कह रहे हैं, ‘महात्मा गांधी ने कहा था कि कानून तोड़ने में गरीब और शोषित वर्ग का हित है, वह गलत नहीं है, लेकिन अगर किसी स्वार्थ के लिए कानून तोड़ा गया तो वह गलत होगा। मैं तब महाराष्ट्र में मंत्री था और अमरावती जिले में मेलघाट तहसील थी। वहां ढाई हजार बच्चे कुपोषण से मर गए। यह 96-97 की बात है। हमारे मुख्यमंत्री मनोहर जोशी कहते थे कि नितिन यह कैसी स्थिति है, ये मेलघाट में साढ़े चार सौ गांव हैं और एक भी गांव में रास्ता नहीं है।’
नितिन गडकरी आगे कहते हैं, ‘मैं तब पीडब्ल्यू मंत्री था और मीटिंग करता था, जिसमें मुख्य वन संरक्षक भी आते थे। एक बार मनोहर जोशी ने उनसे कहा कि आपको कुछ भी नहीं लगता, ढाई हजार बच्चे कुपोषण से मर गए, बच्चे स्कूल नहीं जा सकते। वहां बिजली नहीं है। फॉरेस्ट एन्वायरन्मेंट एक्ट के आधार पर आपने सब रोक दिया। इस पर अधिकारी ने कहा कि सर आई एम सॉरी, आई एम हेल्पलेस। फिर मेरे से रहा नहीं गया। मैंने कहा कि यह तुम्हारे बस का काम नहीं है, मैं इसमें माहिर हूं। मेरे ऊपर छोड़ दो, मुझे चिंता नहीं कि क्या परिणाम होते हैं और मैं यह काम करूंगा। आपको संभव हो तो मेरे साथ खड़े रहो नहीं तो मुझे फर्क नहीं पड़ता। मेरा गया तो गया पद।’
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़े कई ट्वीट नितिन गडकरी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट मिले। 25 अगस्त 2022 को असली वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, एडिटेड वीडियो को शेयर कर मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।
अधिक जानकारी के लिए हमने बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा फर्जी है।
पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर जन मंच की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक पर यूजर को 129 लोग फॉलो करते है। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर शिमला का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में नितिन गडकरी के बीजेपी छोड़ने को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला। वीडियो को एडिट कर गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में वो 90 के दशक का एक वाकया बता रहे है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।